https://www.profitableratecpm.com/shc711j7ic?key=ff7159c55aa2fea5a5e4cdda1135ce92 Best Information at Shuksgyan: December 2017

Pages

Wednesday, December 20, 2017

सोनिया ने बनाया था BJP को गुजरात मे हराने के प्लान

मोदी को हराने के लिए कांग्रेस ने दिया था ओबामा को हराने वाली कंपनी को ठेका, बर्बाद हुए रुपये

Posted: 19 Dec 2017 12:35 AM PST

congress-given-cambridge-analytica-to-defeat-bjp-modi-in-gujarat

गुजरात में मोदी को हराने के लिए कांग्रेस ने बहुत बड़ी ताकत लगायी थी, उन्होंने उस कंपनी को ठेका दिया था जिसने अमेरिका में ओबामा समर्थक हिलेरी क्लिंटन को हराया था और डोनाल्ड ट्रम्प को जीत दिलवाई थी, हम बात कर रहे हैं कैम्ब्रिज एनालिटिका की. कांग्रेस ने गुजरात में मोदी को हराकर दुनिया भर में उनकी छवि खराब करने के लिए इसी कंपनी को ठेका दिया था, यह डील दो साल पहले ही की गयी थी. कंपनी ने दो साल पहले ही काम शुरू कर दिया था.

कैम्ब्रिज एनालिटिका कंपनी के कहने पर ही डेढ़ साल पहले कांग्रेस ने हार्दिक पटेल के जरिये पाटीदार आन्दोलन खड़ा करवाया, उन्हें और हार्दिक पटेल को पता था कि पटेलों को आरक्षण कभी नहीं मिल पाएगा उसके बावजूद भी पटेलों को आरक्षण का लालच दिखाकर उन्हें बीजेपी के खिलाफ भड़काया गया. कैम्ब्रिज एनालिटिका की यह कोशिश कामयाब रही और पाटीदारों ने कांग्रेस को वोट दिया. पाटीदारों के प्रभुत्व वाले सौराष्ट्र क्षेत्र में कांग्रेस को बीजेपी से अधिक सीटें मिलीं. अगर आपको शक हो रहा है तो सोचिये, हार्दिक पटेल को सैकड़ों रैलियों के लिए पैसे कहाँ से मिले, क्या उन्होंने अपने घर में रुपये छापने के लिए मशीन लगा रखी, हर रैली में 10-20-50 लाख रुपये खर्च किये गए और टोटल अरबों रुपये खर्च किये गए.


कैम्ब्रिज एनालिटिका कंपनी के कहने पर ही कांग्रेस ने अल्पेश ठाकोर के जरिये OBC आन्दोलन खड़ा किया, OBC ने पटेलों को आरक्षण देने का विरोध करने के लिए आन्दोलन किया था और धीरे धीरे उनके मन में पटेलों के खिलाफ नफरत पैदा की गयी. इसके बाद अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हो गए तो उनके समर्थक भी कांग्रेस के साथ हो गए जबकि उन्होंने पटेलों के खिलाफ आन्दोलन किया था, इस तरह से कांग्रेस को पटेलों के भी वोट मिल गए और OBC के भी. अल्पेश ठाकोर के प्रभाव वाले क्षेत्रों में कांग्रेस को बीजेपी से अधिक सीटें मिलीं.

कैम्ब्रिज एनालिटिका कंपनी के कहने पर ही जिग्नेश पटेल के जरिये दलित आन्दोलन खड़ा किया, पहले दो चार दलितों को गौ-हत्या के नाम पर पिटवाया गया और बाद में बीजेपी पर आरोप लगाकर दलितों को बीजेपी के खिलाफ भड़का दिया गया, कैम्ब्रिज एनालिटिका की यह कोशिश भी कामयाब रही और दलित बीजेपी के खिलाफ हो गए. जिग्नेश मेवानी के प्रभुत्व वाली सीटों पर कांग्रेस को बीजेपी से अधिक सीटें मिलीं.

कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ बीजेपी को गुजरात में हराने की डील दो साल पहले हुई और तीनों आन्दोलन डेढ़ साल पहले हुए, मतलब जब कैम्ब्रिज एनालिटिका ने 6 महीनें में गुजरात के माहौल का अध्ययन किया और उसके बाद तीनों नेताओं को काम में लगा दिया गया, तीनों नेताओं ने एक साल में जातिवादी आन्दोलन खड़ा किया और 6 महीनें पहले बीजेपी के खिलाफ माहौल तैयार हो गया.

इसके बाद कांग्रेस ने धीरे धीरे तीनों नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया जो कैम्ब्रिज एनालिटिका कंपनी की रणनीति के तहत पहले से ही फिक्स था. इसका उदाहरण आप समझिये, पहले अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हुए तो हार्दिक पटेल ने उन्हें बधाई दी जबकि अल्पेश ठाकोर ने हार्दिक पटेल के खिलाफ ही OBC आन्दोलन शुरू किया था. इसके बाद जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस को समर्थन दिया, उसके बाद हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को समर्थन दिया. यह सब पहले से ही तय था.

इसके बाद कैम्ब्रिज एनालिटिका के ही कहने पर इसाई पादरी से यह फतवा जारी करवाया गया कि राष्ट्रवाद की राजनीति करने वालों को सबक दिखाएं, आपके पास मौका आया है, गुजरात से पूरे देश में सन्देश देने का मौका आ गया है. पादरी ने ईसाईयों को कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी.

इसके बाद कैम्ब्रिज एनालिटिका के ही कहने पर कश्मीर के मुस्लिम कट्टरपंथी सलमान निजामी को गुजरात चुनाव प्रचार में उतारा गया जिसमें कट्टरपंथियों के वोटों को कांग्रेस की तरफ मोड़ा. यही नहीं कैम्ब्रिज एनालिटिका के ही कहने पर पाकिस्तान के पूर्व सेना अध्यक्ष ने गुजरात में पहले ही कांग्रेस की जीत की मुबारकवाद दी ताकि मुस्लिम वोट सिर्फ कांग्रेस को मिलें.

इसके बाद कैम्ब्रिज एनालिटिका के ही कहने पर चुनाव से 1 महीनें पहले राहुल गाँधी ने अचानक मंदिरों का दौरा शुरू कर दिया, खुद को शिवभक्त बताना शुरू कर दिया, खुद को जनेऊधारी हिन्दू बताना शुरू कर दिया, ऐसा इसलिए ताकि सॉफ्ट हिंदुत्व की विचारधारा वाले लोग कांग्रेस को वोट दें. राहुल गाँधी ने खुद को शिवभक्त इसलिए बताया क्योंकि गुजरात में शिव को अधिक माना जाता है, सोमनाथ मंदिर वहीं पर है, उन्हें इसका फायदा भी मिला क्योंकि सोमनाथ जिले की चारों सीटें कांग्रेस को मिलीं.

कैम्ब्रिज एनालिटिका की वजह से ही कांग्रेस को गुजरात में 77 सीटें मिली हैं, अगर अंत में मोदी रैलियां ना करते और इसे गुजरात की अस्मिता का सवाल ना बनाते तो कांग्रेस को कम से कम 150 सीटें मिलतीं क्योंकि उनके पास दलित, पटेल, OBC, मुस्लिम, नरम हिन्दू, कट्टरपंथी, इसाई वोट थे जबकि बीजेपी के पास सिर्फ विकास चाहने वालों के वोट थे.

कैम्ब्रिज एनालिटिका ने कांग्रेस की जीत के लिए सभी गोटियाँ भिड़ा रखी थीं, गुजरात के लोग उनके जाल में फंस भी गए थे लेकिन अंत में मोदी ने ताबड़तोड़ रैलियां करके नतीजों को बीजेपी के पक्ष में मोड़ दिया, मोदी की सिर्फ विकास की वजह से जीत हुई है, उन्हें सिर्फ चार शहरों ने जितवाया है - अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वड़ोदरा. चारों शहरों में ही बीजेपी को 50-60 सीटें मिली हैं. अगर मोदी ने शहरों का विकास ना किया होता तो बीजेपी की हार तय थी लेकिन मोदी ने अपने दमपर चुनाव जितवाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका को भी हरा दिया.

कैम्ब्रिज एनालिटिका कैसे करती है काम

कैम्ब्रिज एनालिटिका फेसबुक के साथ मिलकर काम करती है, फेसबुक पर किसी राज्य के लोगों का पूरा डाटा लिया जाता है जिसे सोशल प्रोफाइलिंग कहते हैं, यहाँ पर देखा जाता है कि लोग सोच क्या रहे हैं, लोग कमेन्ट क्या करते हैं, लोग अपनी सरकार के बारे में क्या राय देते हैं, उसके बाद सरकार विरोधी लोगों की लिस्ट बनाई जाती है और उनके पास सरकार विरोधी ट्वीट किये जाते हैं ताकि वो उसे शेयर करें. धीरे धीरे सरकार के विरोध में लहर तेज की जाती है, लोगों के दिमाग में धीरे धीरे झूठ के जरिये सरकार के प्रति गुस्सा भर दिया जाता है और वह सरकार के विरोध में वोट देते हैं, ऐसा ही गुजरात में हुआ है. कांग्रेस के IT सेल में इस बाद करीब 1000 लोग काम कर रहे थे जो रोजाना बीजेपी के खिलाफ झूठे ट्वीट, झूठी तस्वीरें, झूठे आंकड़े, झूठे दावे पोस्ट करते थे, कांग्रेस की टीम इतनी बड़ी थी कि सिर्फ पांच मिनट में वह किसी भी चीज को टॉप ट्रेंड में ला देते थे.

बर्बाद हुए कांग्रेस के रुपये

कांग्रेस ने गुजरात जीतने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया, सबसे बड़ी और मंहगी कंपनी को ठेका दिया, हर जतन किये लेकिन मोदी की वजह से कांग्रेस का पूरा पैसा बर्बाद हो गया.

2019 लोकसभा जीतने के लिए फिर से कैम्ब्रिज एनालिटिका को ठेका

अब कांग्रेस ने 2019 में भी इसी कंपनी को ठेका दे दिया है क्योंकि इसी कंपनी की वजह से कांग्रेस ने गुजरात में बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है. लोकसभा चुनावों में अभी डेढ़ साल बचे हैं, अब इस कंपनी के कहने पर हर राज्य में जातिवादी आन्दोलन खड़े किये जाएंगे, राजस्थान में गुर्जर आन्दोलन, हरियाणा में जाट आन्दोलन, गुजरात में पटेल आन्दोलन, धीरे धीरे देश को आन्दोलन की आग में झोंककर 2019 में मोदी को हटाने का अभियान शुरू शुरू हो जाएगा.

TRANSCRIPT OF AJIT BHARTI PODCAST- CRITICAL ISSUES OF JUDICIARY

TRANSCRIPT OF AJIT BHARTI PODCAST- CRITICAL ISSUES OF JUDICIARY TRANSCRIPT OF AJIT BHARTI PODCAST- CRITICAL ISSUES OF JUDICIARY TRANSCRIPT...