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Thursday, July 24, 2025

जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन

जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन
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जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन
जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन

 दो तीन बड़ी खबरें हैं और तीनों ही जबरदस्त हैं। एक हम बार-बार बोलते रहे मोदी जी ये गंदगी वाली फैमिली को आप अंदर कब करोगे? इनके ऊपर जो टॉलरेंस आपने रखी है यह कब बंद करोगे? बाकी सारे काम कर दिए। एक ये रह गया था। यह भी पूरा कर ही दो। उन्होंने अब डिक्लेअ कर दिया है कि जीरो टॉलरेंस राहुल गंदगी और इसकी फैमिली इसके साथ की जाएगी। अब मैं क्यों बोल रहा हूं कि ये जीरो टॉलरेंस है। वैसे उन्होंने क्वेश्चन जो वर्ड था वो यूज़ किया था जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन। अब उसमें कोर्ट भी आती है। उसमें राहुल गांधी भी आता है। उसके जीजा जी, मम्मी जी, पापा जी ये सारे आते हैं। ये मुद्दा हो गया।

दूसरा अगर जीरो टॉलरेंस की बात हो ही रही है तो पार्लियामेंट के अंदर भी जो ये इतना उछलउछल के काम करते हैं उसके ऊपर भी जीरो टॉलरेंस है। तीसरा जीरो टॉलरेंस है जो ये गुंडा राज करने की कोशिश करते हैं। ये जंगल राज इसके ऊपर भी जीरो टॉलरेंस अब अपनाई जाएगी। आसाम के अंदर इन्होंने कोशिश किया था वो हमने देख लिया। और आखिरी चीज वो है फ्रॉड।

आप अगर गंदगी को हटा दोगे तो फिर कोई नया बंदा डीप स्टेट पकड़ेगा। उसको समझो कहां जाता है ट्रेस करो। ये डिफिकल्ट हो जाएगा। इसलिए जाना दुश्मन अनजाने दुश्मन से बेहतर होता है। ये राजनीति है। तो हम क्या करते हैं? इसको खुला छोड़ के रखते हैं। अब देखो अभी ये गया था बहरीन इसने आसाम में करने की कोशिश की दंगा। हमने क्या किया? पकड़ लिया। तो फिर इससे क्या किया? जस्टिस वर्मा के इंपीचमेंट पे साइन करा दिए। है ना?

तो आप जब आप अपने दुश्मन को जान लेते हैं, समझ लेते हैं तो हर बार उसको हटाने की जल्दी मत करिए। अगर उससे पहले कुछ काम निकल रहा है ना काम निकालिए। राजनीति है इसमें घोड़ा ढाई अक्षर चलता है। एक दो ढाई तो आप जितना सीधा चलेंगे उतनी जल्दी खत्म हो जाएंगे। आप जितना टेढ़ा चलेंगे उतना सर्वाइव करेंगे। तो राहुल गंदगी को और उसकी मैया को आप जेल मत भेजिए। आप जितना हो सके इनसे देश हित में काम करा लीजिए। सच बता रहे हैं। यह जेल भेजने से बदतर है। यह मौत से बदतर है उनके लिए कि वो राष्ट्र हित में काम करते हैं।

ये तो बिल्कुल सही बात हुई कि इनके लिए इनके लिए मौत है कि वो राष्ट्र हित में काम कर रहे हैं। ये भी कांग्रेस के लिए और गंदगी फैमिली के लिए ये मौत से बड़ी चीज नहीं है। मोदी जी ने बोल दिया कि करप्शन के लिए जीरो टॉलरेंस है। क्या ये सिर्फ जजेस के लिए है या इनकी फैमिली के ऊपर भी कोई ताज गिरेगी। आपने बोल दिया इनको बाहर छोड़ दीजिए। फिर करप्शन की जीरो टॉलरेंस का मतलब क्या हुआ?

जीरो टॉलरेंस का मतलब है इनसे देश में काम कराइए। धीरे-धीरे इनकी प्रॉपर्टीज, इनकी चीजें कन्फसकेट करते जाइए। अब आप बताइए सोनिया गांधी से आपने पैसे ले लिए, प्रॉपर्टी ले ली, पावर ले ली और देश में जीरो टॉलरेंस का मतलब है इनसे देश में काम कराइए। धीरे-धीरे इनकी प्रॉपर्टीज, इनकी चीजें कन्फसकेट करते जाइए।

सीएम मोहन यादव है उन्होंने एक आईएएस है डॉक्टर नवनीत मोहन कोठारी इनको एक स्कैम में गिरफ्तार किया। इन्होंने करीब 450 प्रोजेक्ट्स को बिना मीटिंग के मंजूरी दे दी है। ये क्लियर कट करप्शन का केस है। तो उनको गिरफ्तार कर दिया। तो आप ब्यूरोक्रेसी के ऊपर बहुत एक्टिव हैं। क्यों? इसी को हूं इलेक्टेड वर्सेस सिलेक्टेड। इेड कौन है? जो नेता है। सिलेक्टेड कौन है? आईएएस, जजेस ये सब जो ब्यूरोक्रेसी पूरी बनाते हैं, फ्रेमवर्क बनाते हैं। नेता आते हैं 5 साल के लिए, 10 साल के लिए उनको जनता के लिए उत्तरदाई। यह जो सिलेक्टेड लॉट है यह सिर्फ अपने लिए उत्तरदाई है। पूरा देश इनके लिए बना हुआ है और इन्होंने करप्शन करने के नए-नए तरीके इजाद कर रखे हैं। सिस्टम इनके हाथ में खेलता है। वो कहते हैं ना सरकार हमारी है पर करप सिस्टम उनका है।

वो जो भी डायलॉग था वो इन्हीं लोगों के कारण है कि आप ट्रेन ब्लास्ट के सारे लोग एक्विट कर देते हैं। उनको निर्दोष घोषित कर देते हैं। उनको छोड़ देते हैं। एव्री सिनर हैज़ अ फ्यूचर इन्वेस्टिगेशन किसने किया कैसा किया कोई रिस्पांसिबिलिटी नहीं है ब्यूरोक्रेसी के लिए वो रिस्पांसिबिलिटी इस टर्म में मोदी सरकार सुनिश्चित कर रही है आप कैसे भी जीरो नंबर ला के भी अगर आप शिक्षक बने हैं तो आपको जो कोर्स दिया जाएगा वो पढ़ाना पड़ेगा आप जीरो नंबर ला के भी आईएएस बने हैं लेकिन जो काम दिया जाएगा आपको करना पड़ेगा नियम कानून पालन करने पड़ेंगे तो ब्यूरो ोक्रेसी को सिस्टम को वेल और ये आपको अगर ये एक बिहार के मंत्री का एक समय एक इंटरव्यू आया था पहली बार वो चुनाव जीत करके गया था उससे पूछा गया क्या आप लेंगे उसने कहा हां बिल्कुल चुनाव में जो खर्च किया उसकी रिकवरी करूंगा तो पत्रकार ने पूछा कि कैसे करेंगे तो उसका क्या जवाब था वो तो बाबू बताएगा

सांसद कि जो नेता आते हैं उनको मालूम नहीं है कि सिस्टम का फायदा उठा के पैसे कैसे कमाते हैं। यह शिक्षा वहां बैठे बाबू देते हैं। इसके साथ ही कौन सा नेता पागल है जैसे मोदी को डिक्टेटर ये सब किसने क्रूशिएट किया था? ये सब बाबूओं का काम। और मोदी जी जब 2019 में वापस चुनकर के आए थे तो उन्होंने इन्हीं आईएएस ऑफिसर्स को बुला के बैठा के कहा था आपने मेरे 5 साल बर्बाद किए। ये बहुत बात अलग है कि वो वीडियो देखने के बाद मैं शौक में चली गई थी। भाई साहब आपने इतने सारे काम 5 साल में कर लिए। कांग्रेस राज में तो ये 80 साल में नहीं हो पाए और आप कह रहे हैं मेरे 5 साल बर्बाद कर दिए। मतलब अगर आप करते तो क्या मतलब 5 साल में भारत चांद पे पहुंच जाता। बट इट वास वेरी मच पॉसिबल। >> बिल्कुल पहुंचे। तो पहुंच चुके हैं। मार्स पे पहुंच गए, चांद पे पहुंच गए। कोई चीज छोड़ी नहीं है। देखिए अभी जैसे हमने बोला आपने बोला कि जीरो टॉलरेंस है। समझ आ गया मुझे करप्शन है, बाबू है। इनके अगेंस्ट आप काम कर रहे हैं। लेकिन आप देखिए जो जिहादी हैं उनके अगेंस्ट अभी भी क्या जो जीरो टॉलरेंस है उनके अगेंस्ट भी रखी जाएगी?

हां एक यूपी में जिहादी का घर तोड़ा गया। उसका पूरा नेटवर्क खोदा गया। अब पिक्चरें पहुंच जाता। बट इट वास वेरी मच पॉसिबल। >> बिल्कुल पहुंचे। पांच साल में हम चांद पे पहुंच गए। कोई चीज छोड़ी नहीं है। देखिए अभी जैसे हमने बोला आपने बोला कि जीरो टॉलरेंस है। समझ आ गया मुझे करप्शन है, बाबू है। इनके अगेंस्ट आप काम कर रहे हैं। लेकिन आप देखिए जो जिहादी हैं उनके अगेंस्ट अभी भी क्या जो जीरो टॉलरेंस है उनके अगेंस्ट भी रखी जाएगी? >> हां एक यूपी में जिहादी का घर तोड़ा गया। उसका पूरा नेटवर्क खोदा गया। अब पिक्चरें भी आ रही है। जैसे अजमेर शरीफ में जो कांड हुआ था जहां पर दरगाह का खातिम खुद इन्वॉल्व था और वो कांग्रेस का वर्कर ओके तो पोस्ट होल्डर था ऑफिशियल पोस्ट होल्डर ऐसे ही गोधरा में भी वो ऑफिशियल पोस्ट होल्डर था। तो ये सारी चीजें एक्सपोज की जा रही है। तो इसमें ये हिंदू लड़कियों के खिलाफ जो ये सब चल रहा है लव जिहाद वगैरह का मामला ये कैसे अभी कन्हैया लाल जो ट्रेलर था जिसको नपुर शर्मा वाले केस में मार दिया गया उसके ऊपर भी मूवी बनी है कि आप अगर फिल्मों से सीखना चाहते हैं तो हम फिल्मों से सिखा देंगे। कश्मीर फाइल है। बंगाल फाइल्स आने वाली है। केरला स्टोरी आ चुकी है। तो ये कांग्रेस काल में क्यों नहीं बन पाई? कांग्रेस काल में क्यों मुस्लिम हीरो हिंदू लड़की हीरोइन यह चल रहा था ना अकबर द ग्रेट जोधा अकबर की लव स्टोरी चल रही थी। अभी हकीकतें दिखा रहे हैं और इस बात का बहुत विरोध हो रहा है कि आप हकीकत कैसे दिखा रहे हैं और इस बात का गुस्सा है। आज राहुल गांधी पार्लियामेंट के बाहर खड़े होकर के काला पट्टा बांध करके काफी कुछ चीख चिल्ला रहे हैं। काफी गुस्सा है। उनको पता है इलेक्शन कमीशन कैसी धांधली कर रहा है। लेकिन भाई साहब अगली बार प्रेस कॉन्फ्र इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताने आए हैं कि मैं अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा। उसमें बताऊंगा कि इलेक्शन कमीशन कैसा घोटाला कर रहा है। जब आपके पास सबूत है आपको पता तो अभी ले आते ना। हमारा जनता का भी तो समय बचता। अब एक बार इनको और झेलो और उसमें भी ये अड़म गडम बड़म अब एक बड़ा लॉजिकल क्वेश्चन लेके आए हैं। आप कह रहे हैं आओ ऑपरेशन सिंदूर ऑन गोइंग है। फिर आप कह रहे हैं हम जीत गए। ये दोनों बातें कैसे हो सकती? पप्पू तुमसे ना हो पाएगा। तुम्हारी समझ में नहीं आएगा। हम जो एक एग्जिट पॉलिसी होती है। किसी भी युद्ध, किसी भी चीज में एंटर करने से पहले आपके कुछ टारगेट्स होते हैं। आप उनको अचीव कर लेते हैं। कह देते हैं कि हम जीत के आप उसको और आगे एक्सकलेट नहीं करते। एग्जिट पॉलिसी लिए बिना रशिया यूक्रेन में घुसा। आज 3 साल से ऊपर हो गया। वो वहां पर फंसा हुआ है। मोदी जी को यह नहीं करना था। उनको यह था तुम्हारे एयरपोर्ट्स मैंने तबाह कर दिए। तुम्हारे आतंकवादी मैंने तबाह कर दिए। पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया। उसके न्यूक्लियर हथियार एक्सपोज कर दिए। अब मेरी एग्जिट पॉलिसी है। मैं न्यूक्लियर वेपंस डिस्ट्रॉय करूंगा और जब तक सारे नहीं हो जाते तब तक चुप बैठूं। ये लेकर के हम घुसे थे। अभी मोदी जी इंग्लैंड गए हैं। उससे पहले हमारे पवन कल्याण जी जो आंध्र प्रदेश के डेपुटी सीएम है। उन्होंने एक बयान दे दिया और बीजेपी में कोई आउट ऑफ टर्न नहीं बोलता। यह जान लीजिए। उन्होंने जो बयान दिया है वो ये कि कोहिनूर वापस आना चाहिए। अब ये कसम तो नहीं है और चार किंग चार्ल्स की जो है इसमें अब ये अगर उनको ट्रेड डील लेनी है तो कुछ देना पड़ेगा मोदी को। आपने हमारा काफी सारा 800 टन सोना रखा हुआ है। कोहिनूर रखा हुआ। हमारे स्क्रिप्चर्स रखे हैं। अच्छा मोदी जी को सब मालूम है। आप एजुकेशन डिफाइन कर रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी लेके आए और राजा भोज की भोजशाला की जो सरस्वती जी की मूर्ति है वो भी उनके म्यूजियम में रखी है। पिछली बार अन्नपूर्णा मां की मूर्ति लेके आए थे। काशी विश्वनाथ जी में स्थापित मां की। आज आप 80 करोड़ लोगों को घर बैठ के खिला रहे हैं और अनाज एक्सपोर्ट कर रहे हैं। भंडार भर गए हैं। ऐसा नहीं है कि आप अपनी देवी मूर्तियां ले आते हैं उनको प्राण प्रतिष्ठित करते हैं तो असर नहीं पड़ता। बहुत तगड़ा असर पड़ता है। अब अगर आप न्यू एजुकेशन पॉलिसी पे काम कर रहे हैं और भोशाला की सरस्वती मां की मूर्ति ला के म्यूजियम में नहीं रखिएगा। उसकी स्थापना करके उसकी पूजा शुरू हो जाए। भारतीय तंत्र बदल जाएगा। लेकिन यह चीजें लोग सबूत दिखाओ सबूत दिखाओ गैंग को यह चीजें नहीं समझ में आएंगी बट इसका प्रैक्टिकल सशन होता है। तो भारत बहुत सारे माइलस्टोन तय कर रहा है और राहुल गांधी के पूरे दिन शुरू हो गए हैं। इस समय संसद के बाहर वो मजमा लगा के मददारी बने हुए हैं। बंदर >> बिल्कुल ठीक है क्योंकि जीरो टॉलरेंस मोदी जी ने डिक्लेअ कर दिया राहुल गंदगी और उसकी फैमिली के खिलाफ ये जो लोग हैं वो भी बोलते हैं राहुल गंदगी नाम रखा है बिल्कुल सही रखा है


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जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन

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जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन

 दो तीन बड़ी खबरें हैं और तीनों ही जबरदस्त हैं। एक हम बार-बार बोलते रहे मोदी जी ये गंदगी वाली फैमिली को आप अंदर कब करोगे? इनके ऊपर जो टॉलरेंस आपने रखी है यह कब बंद करोगे? बाकी सारे काम कर दिए। एक ये रह गया था। यह भी पूरा कर ही दो। उन्होंने अब डिक्लेअ कर दिया है कि जीरो टॉलरेंस राहुल गंदगी और इसकी फैमिली इसके साथ की जाएगी। अब मैं क्यों बोल रहा हूं कि ये जीरो टॉलरेंस है। वैसे उन्होंने क्वेश्चन जो वर्ड था वो यूज़ किया था जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन। अब उसमें कोर्ट भी आती है। उसमें राहुल गांधी भी आता है। उसके जीजा जी, मम्मी जी, पापा जी ये सारे आते हैं। ये मुद्दा हो गया।

दूसरा अगर जीरो टॉलरेंस की बात हो ही रही है तो पार्लियामेंट के अंदर भी जो ये इतना उछलउछल के काम करते हैं उसके ऊपर भी जीरो टॉलरेंस है। तीसरा जीरो टॉलरेंस है जो ये गुंडा राज करने की कोशिश करते हैं। ये जंगल राज इसके ऊपर भी जीरो टॉलरेंस अब अपनाई जाएगी। आसाम के अंदर इन्होंने कोशिश किया था वो हमने देख लिया। और आखिरी चीज वो है फ्रॉड।

आप अगर गंदगी को हटा दोगे तो फिर कोई नया बंदा डीप स्टेट पकड़ेगा। उसको समझो कहां जाता है ट्रेस करो। ये डिफिकल्ट हो जाएगा। इसलिए जाना दुश्मन अनजाने दुश्मन से बेहतर होता है। ये राजनीति है। तो हम क्या करते हैं? इसको खुला छोड़ के रखते हैं। अब देखो अभी ये गया था बहरीन इसने आसाम में करने की कोशिश की दंगा। हमने क्या किया? पकड़ लिया। तो फिर इससे क्या किया? जस्टिस वर्मा के इंपीचमेंट पे साइन करा दिए। है ना?

तो आप जब आप अपने दुश्मन को जान लेते हैं, समझ लेते हैं तो हर बार उसको हटाने की जल्दी मत करिए। अगर उससे पहले कुछ काम निकल रहा है ना काम निकालिए। राजनीति है इसमें घोड़ा ढाई अक्षर चलता है। एक दो ढाई तो आप जितना सीधा चलेंगे उतनी जल्दी खत्म हो जाएंगे। आप जितना टेढ़ा चलेंगे उतना सर्वाइव करेंगे। तो राहुल गंदगी को और उसकी मैया को आप जेल मत भेजिए। आप जितना हो सके इनसे देश हित में काम करा लीजिए। सच बता रहे हैं। यह जेल भेजने से बदतर है। यह मौत से बदतर है उनके लिए कि वो राष्ट्र हित में काम करते हैं।

ये तो बिल्कुल सही बात हुई कि इनके लिए इनके लिए मौत है कि वो राष्ट्र हित में काम कर रहे हैं। ये भी कांग्रेस के लिए और गंदगी फैमिली के लिए ये मौत से बड़ी चीज नहीं है। मोदी जी ने बोल दिया कि करप्शन के लिए जीरो टॉलरेंस है। क्या ये सिर्फ जजेस के लिए है या इनकी फैमिली के ऊपर भी कोई ताज गिरेगी। आपने बोल दिया इनको बाहर छोड़ दीजिए। फिर करप्शन की जीरो टॉलरेंस का मतलब क्या हुआ?

जीरो टॉलरेंस का मतलब है इनसे देश में काम कराइए। धीरे-धीरे इनकी प्रॉपर्टीज, इनकी चीजें कन्फसकेट करते जाइए। अब आप बताइए सोनिया गांधी से आपने पैसे ले लिए, प्रॉपर्टी ले ली, पावर ले ली और देश में जीरो टॉलरेंस का मतलब है इनसे देश में काम कराइए। धीरे-धीरे इनकी प्रॉपर्टीज, इनकी चीजें कन्फसकेट करते जाइए।

सीएम मोहन यादव है उन्होंने एक आईएएस है डॉक्टर नवनीत मोहन कोठारी इनको एक स्कैम में गिरफ्तार किया। इन्होंने करीब 450 प्रोजेक्ट्स को बिना मीटिंग के मंजूरी दे दी है। ये क्लियर कट करप्शन का केस है। तो उनको गिरफ्तार कर दिया। तो आप ब्यूरोक्रेसी के ऊपर बहुत एक्टिव हैं। क्यों? इसी को हूं इलेक्टेड वर्सेस सिलेक्टेड। इेड कौन है? जो नेता है। सिलेक्टेड कौन है? आईएएस, जजेस ये सब जो ब्यूरोक्रेसी पूरी बनाते हैं, फ्रेमवर्क बनाते हैं। नेता आते हैं 5 साल के लिए, 10 साल के लिए उनको जनता के लिए उत्तरदाई। यह जो सिलेक्टेड लॉट है यह सिर्फ अपने लिए उत्तरदाई है। पूरा देश इनके लिए बना हुआ है और इन्होंने करप्शन करने के नए-नए तरीके इजाद कर रखे हैं। सिस्टम इनके हाथ में खेलता है। वो कहते हैं ना सरकार हमारी है पर करप सिस्टम उनका है।

वो जो भी डायलॉग था वो इन्हीं लोगों के कारण है कि आप ट्रेन ब्लास्ट के सारे लोग एक्विट कर देते हैं। उनको निर्दोष घोषित कर देते हैं। उनको छोड़ देते हैं। एव्री सिनर हैज़ अ फ्यूचर इन्वेस्टिगेशन किसने किया कैसा किया कोई रिस्पांसिबिलिटी नहीं है ब्यूरोक्रेसी के लिए वो रिस्पांसिबिलिटी इस टर्म में मोदी सरकार सुनिश्चित कर रही है आप कैसे भी जीरो नंबर ला के भी अगर आप शिक्षक बने हैं तो आपको जो कोर्स दिया जाएगा वो पढ़ाना पड़ेगा आप जीरो नंबर ला के भी आईएएस बने हैं लेकिन जो काम दिया जाएगा आपको करना पड़ेगा नियम कानून पालन करने पड़ेंगे तो ब्यूरो ोक्रेसी को सिस्टम को वेल और ये आपको अगर ये एक बिहार के मंत्री का एक समय एक इंटरव्यू आया था पहली बार वो चुनाव जीत करके गया था उससे पूछा गया क्या आप लेंगे उसने कहा हां बिल्कुल चुनाव में जो खर्च किया उसकी रिकवरी करूंगा तो पत्रकार ने पूछा कि कैसे करेंगे तो उसका क्या जवाब था वो तो बाबू बताएगा

सांसद कि जो नेता आते हैं उनको मालूम नहीं है कि सिस्टम का फायदा उठा के पैसे कैसे कमाते हैं। यह शिक्षा वहां बैठे बाबू देते हैं। इसके साथ ही कौन सा नेता पागल है जैसे मोदी को डिक्टेटर ये सब किसने क्रूशिएट किया था? ये सब बाबूओं का काम। और मोदी जी जब 2019 में वापस चुनकर के आए थे तो उन्होंने इन्हीं आईएएस ऑफिसर्स को बुला के बैठा के कहा था आपने मेरे 5 साल बर्बाद किए। ये बहुत बात अलग है कि वो वीडियो देखने के बाद मैं शौक में चली गई थी। भाई साहब आपने इतने सारे काम 5 साल में कर लिए। कांग्रेस राज में तो ये 80 साल में नहीं हो पाए और आप कह रहे हैं मेरे 5 साल बर्बाद कर दिए। मतलब अगर आप करते तो क्या मतलब 5 साल में भारत चांद पे पहुंच जाता। बट इट वास वेरी मच पॉसिबल। >> बिल्कुल पहुंचे। तो पहुंच चुके हैं। मार्स पे पहुंच गए, चांद पे पहुंच गए। कोई चीज छोड़ी नहीं है। देखिए अभी जैसे हमने बोला आपने बोला कि जीरो टॉलरेंस है। समझ आ गया मुझे करप्शन है, बाबू है। इनके अगेंस्ट आप काम कर रहे हैं। लेकिन आप देखिए जो जिहादी हैं उनके अगेंस्ट अभी भी क्या जो जीरो टॉलरेंस है उनके अगेंस्ट भी रखी जाएगी?

हां एक यूपी में जिहादी का घर तोड़ा गया। उसका पूरा नेटवर्क खोदा गया। अब पिक्चरें पहुंच जाता। बट इट वास वेरी मच पॉसिबल। >> बिल्कुल पहुंचे। पांच साल में हम चांद पे पहुंच गए। कोई चीज छोड़ी नहीं है। देखिए अभी जैसे हमने बोला आपने बोला कि जीरो टॉलरेंस है। समझ आ गया मुझे करप्शन है, बाबू है। इनके अगेंस्ट आप काम कर रहे हैं। लेकिन आप देखिए जो जिहादी हैं उनके अगेंस्ट अभी भी क्या जो जीरो टॉलरेंस है उनके अगेंस्ट भी रखी जाएगी? >> हां एक यूपी में जिहादी का घर तोड़ा गया। उसका पूरा नेटवर्क खोदा गया। अब पिक्चरें भी आ रही है। जैसे अजमेर शरीफ में जो कांड हुआ था जहां पर दरगाह का खातिम खुद इन्वॉल्व था और वो कांग्रेस का वर्कर ओके तो पोस्ट होल्डर था ऑफिशियल पोस्ट होल्डर ऐसे ही गोधरा में भी वो ऑफिशियल पोस्ट होल्डर था। तो ये सारी चीजें एक्सपोज की जा रही है। तो इसमें ये हिंदू लड़कियों के खिलाफ जो ये सब चल रहा है लव जिहाद वगैरह का मामला ये कैसे अभी कन्हैया लाल जो ट्रेलर था जिसको नपुर शर्मा वाले केस में मार दिया गया उसके ऊपर भी मूवी बनी है कि आप अगर फिल्मों से सीखना चाहते हैं तो हम फिल्मों से सिखा देंगे। कश्मीर फाइल है। बंगाल फाइल्स आने वाली है। केरला स्टोरी आ चुकी है। तो ये कांग्रेस काल में क्यों नहीं बन पाई? कांग्रेस काल में क्यों मुस्लिम हीरो हिंदू लड़की हीरोइन यह चल रहा था ना अकबर द ग्रेट जोधा अकबर की लव स्टोरी चल रही थी। अभी हकीकतें दिखा रहे हैं और इस बात का बहुत विरोध हो रहा है कि आप हकीकत कैसे दिखा रहे हैं और इस बात का गुस्सा है। आज राहुल गांधी पार्लियामेंट के बाहर खड़े होकर के काला पट्टा बांध करके काफी कुछ चीख चिल्ला रहे हैं। काफी गुस्सा है। उनको पता है इलेक्शन कमीशन कैसी धांधली कर रहा है। लेकिन भाई साहब अगली बार प्रेस कॉन्फ्र इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताने आए हैं कि मैं अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा। उसमें बताऊंगा कि इलेक्शन कमीशन कैसा घोटाला कर रहा है। जब आपके पास सबूत है आपको पता तो अभी ले आते ना। हमारा जनता का भी तो समय बचता। अब एक बार इनको और झेलो और उसमें भी ये अड़म गडम बड़म अब एक बड़ा लॉजिकल क्वेश्चन लेके आए हैं। आप कह रहे हैं आओ ऑपरेशन सिंदूर ऑन गोइंग है। फिर आप कह रहे हैं हम जीत गए। ये दोनों बातें कैसे हो सकती? पप्पू तुमसे ना हो पाएगा। तुम्हारी समझ में नहीं आएगा। हम जो एक एग्जिट पॉलिसी होती है। किसी भी युद्ध, किसी भी चीज में एंटर करने से पहले आपके कुछ टारगेट्स होते हैं। आप उनको अचीव कर लेते हैं। कह देते हैं कि हम जीत के आप उसको और आगे एक्सकलेट नहीं करते। एग्जिट पॉलिसी लिए बिना रशिया यूक्रेन में घुसा। आज 3 साल से ऊपर हो गया। वो वहां पर फंसा हुआ है। मोदी जी को यह नहीं करना था। उनको यह था तुम्हारे एयरपोर्ट्स मैंने तबाह कर दिए। तुम्हारे आतंकवादी मैंने तबाह कर दिए। पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया। उसके न्यूक्लियर हथियार एक्सपोज कर दिए। अब मेरी एग्जिट पॉलिसी है। मैं न्यूक्लियर वेपंस डिस्ट्रॉय करूंगा और जब तक सारे नहीं हो जाते तब तक चुप बैठूं। ये लेकर के हम घुसे थे। अभी मोदी जी इंग्लैंड गए हैं। उससे पहले हमारे पवन कल्याण जी जो आंध्र प्रदेश के डेपुटी सीएम है। उन्होंने एक बयान दे दिया और बीजेपी में कोई आउट ऑफ टर्न नहीं बोलता। यह जान लीजिए। उन्होंने जो बयान दिया है वो ये कि कोहिनूर वापस आना चाहिए। अब ये कसम तो नहीं है और चार किंग चार्ल्स की जो है इसमें अब ये अगर उनको ट्रेड डील लेनी है तो कुछ देना पड़ेगा मोदी को। आपने हमारा काफी सारा 800 टन सोना रखा हुआ है। कोहिनूर रखा हुआ। हमारे स्क्रिप्चर्स रखे हैं। अच्छा मोदी जी को सब मालूम है। आप एजुकेशन डिफाइन कर रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी लेके आए और राजा भोज की भोजशाला की जो सरस्वती जी की मूर्ति है वो भी उनके म्यूजियम में रखी है। पिछली बार अन्नपूर्णा मां की मूर्ति लेके आए थे। काशी विश्वनाथ जी में स्थापित मां की। आज आप 80 करोड़ लोगों को घर बैठ के खिला रहे हैं और अनाज एक्सपोर्ट कर रहे हैं। भंडार भर गए हैं। ऐसा नहीं है कि आप अपनी देवी मूर्तियां ले आते हैं उनको प्राण प्रतिष्ठित करते हैं तो असर नहीं पड़ता। बहुत तगड़ा असर पड़ता है। अब अगर आप न्यू एजुकेशन पॉलिसी पे काम कर रहे हैं और भोशाला की सरस्वती मां की मूर्ति ला के म्यूजियम में नहीं रखिएगा। उसकी स्थापना करके उसकी पूजा शुरू हो जाए। भारतीय तंत्र बदल जाएगा। लेकिन यह चीजें लोग सबूत दिखाओ सबूत दिखाओ गैंग को यह चीजें नहीं समझ में आएंगी बट इसका प्रैक्टिकल सशन होता है। तो भारत बहुत सारे माइलस्टोन तय कर रहा है और राहुल गांधी के पूरे दिन शुरू हो गए हैं। इस समय संसद के बाहर वो मजमा लगा के मददारी बने हुए हैं। बंदर >> बिल्कुल ठीक है क्योंकि जीरो टॉलरेंस मोदी जी ने डिक्लेअ कर दिया राहुल गंदगी और उसकी फैमिली के खिलाफ ये जो लोग हैं वो भी बोलते हैं राहुल गंदगी नाम रखा है बिल्कुल सही रखा है


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जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन

जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन
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 दो तीन बड़ी खबरें हैं और तीनों ही जबरदस्त हैं। एक हम बार-बार बोलते रहे मोदी जी ये गंदगी वाली फैमिली को आप अंदर कब करोगे? इनके ऊपर जो टॉलरेंस आपने रखी है यह कब बंद करोगे? बाकी सारे काम कर दिए। एक ये रह गया था। यह भी पूरा कर ही दो। उन्होंने अब डिक्लेअ कर दिया है कि जीरो टॉलरेंस राहुल गंदगी और इसकी फैमिली इसके साथ की जाएगी। अब मैं क्यों बोल रहा हूं कि ये जीरो टॉलरेंस है। वैसे उन्होंने क्वेश्चन जो वर्ड था वो यूज़ किया था जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन। अब उसमें कोर्ट भी आती है। उसमें राहुल गांधी भी आता है। उसके जीजा जी, मम्मी जी, पापा जी ये सारे आते हैं। ये मुद्दा हो गया।

दूसरा अगर जीरो टॉलरेंस की बात हो ही रही है तो पार्लियामेंट के अंदर भी जो ये इतना उछलउछल के काम करते हैं उसके ऊपर भी जीरो टॉलरेंस है। तीसरा जीरो टॉलरेंस है जो ये गुंडा राज करने की कोशिश करते हैं। ये जंगल राज इसके ऊपर भी जीरो टॉलरेंस अब अपनाई जाएगी। आसाम के अंदर इन्होंने कोशिश किया था वो हमने देख लिया। और आखिरी चीज वो है फ्रॉड।

आप अगर गंदगी को हटा दोगे तो फिर कोई नया बंदा डीप स्टेट पकड़ेगा। उसको समझो कहां जाता है ट्रेस करो। ये डिफिकल्ट हो जाएगा। इसलिए जाना दुश्मन अनजाने दुश्मन से बेहतर होता है। ये राजनीति है। तो हम क्या करते हैं? इसको खुला छोड़ के रखते हैं। अब देखो अभी ये गया था बहरीन इसने आसाम में करने की कोशिश की दंगा। हमने क्या किया? पकड़ लिया। तो फिर इससे क्या किया? जस्टिस वर्मा के इंपीचमेंट पे साइन करा दिए। है ना?

तो आप जब आप अपने दुश्मन को जान लेते हैं, समझ लेते हैं तो हर बार उसको हटाने की जल्दी मत करिए। अगर उससे पहले कुछ काम निकल रहा है ना काम निकालिए। राजनीति है इसमें घोड़ा ढाई अक्षर चलता है। एक दो ढाई तो आप जितना सीधा चलेंगे उतनी जल्दी खत्म हो जाएंगे। आप जितना टेढ़ा चलेंगे उतना सर्वाइव करेंगे। तो राहुल गंदगी को और उसकी मैया को आप जेल मत भेजिए। आप जितना हो सके इनसे देश हित में काम करा लीजिए। सच बता रहे हैं। यह जेल भेजने से बदतर है। यह मौत से बदतर है उनके लिए कि वो राष्ट्र हित में काम करते हैं।

ये तो बिल्कुल सही बात हुई कि इनके लिए इनके लिए मौत है कि वो राष्ट्र हित में काम कर रहे हैं। ये भी कांग्रेस के लिए और गंदगी फैमिली के लिए ये मौत से बड़ी चीज नहीं है। मोदी जी ने बोल दिया कि करप्शन के लिए जीरो टॉलरेंस है। क्या ये सिर्फ जजेस के लिए है या इनकी फैमिली के ऊपर भी कोई ताज गिरेगी। आपने बोल दिया इनको बाहर छोड़ दीजिए। फिर करप्शन की जीरो टॉलरेंस का मतलब क्या हुआ?

जीरो टॉलरेंस का मतलब है इनसे देश में काम कराइए। धीरे-धीरे इनकी प्रॉपर्टीज, इनकी चीजें कन्फसकेट करते जाइए। अब आप बताइए सोनिया गांधी से आपने पैसे ले लिए, प्रॉपर्टी ले ली, पावर ले ली और देश में जीरो टॉलरेंस का मतलब है इनसे देश में काम कराइए। धीरे-धीरे इनकी प्रॉपर्टीज, इनकी चीजें कन्फसकेट करते जाइए।

सीएम मोहन यादव है उन्होंने एक आईएएस है डॉक्टर नवनीत मोहन कोठारी इनको एक स्कैम में गिरफ्तार किया। इन्होंने करीब 450 प्रोजेक्ट्स को बिना मीटिंग के मंजूरी दे दी है। ये क्लियर कट करप्शन का केस है। तो उनको गिरफ्तार कर दिया। तो आप ब्यूरोक्रेसी के ऊपर बहुत एक्टिव हैं। क्यों? इसी को हूं इलेक्टेड वर्सेस सिलेक्टेड। इेड कौन है? जो नेता है। सिलेक्टेड कौन है? आईएएस, जजेस ये सब जो ब्यूरोक्रेसी पूरी बनाते हैं, फ्रेमवर्क बनाते हैं। नेता आते हैं 5 साल के लिए, 10 साल के लिए उनको जनता के लिए उत्तरदाई। यह जो सिलेक्टेड लॉट है यह सिर्फ अपने लिए उत्तरदाई है। पूरा देश इनके लिए बना हुआ है और इन्होंने करप्शन करने के नए-नए तरीके इजाद कर रखे हैं। सिस्टम इनके हाथ में खेलता है। वो कहते हैं ना सरकार हमारी है पर करप सिस्टम उनका है।

वो जो भी डायलॉग था वो इन्हीं लोगों के कारण है कि आप ट्रेन ब्लास्ट के सारे लोग एक्विट कर देते हैं। उनको निर्दोष घोषित कर देते हैं। उनको छोड़ देते हैं। एव्री सिनर हैज़ अ फ्यूचर इन्वेस्टिगेशन किसने किया कैसा किया कोई रिस्पांसिबिलिटी नहीं है ब्यूरोक्रेसी के लिए वो रिस्पांसिबिलिटी इस टर्म में मोदी सरकार सुनिश्चित कर रही है आप कैसे भी जीरो नंबर ला के भी अगर आप शिक्षक बने हैं तो आपको जो कोर्स दिया जाएगा वो पढ़ाना पड़ेगा आप जीरो नंबर ला के भी आईएएस बने हैं लेकिन जो काम दिया जाएगा आपको करना पड़ेगा नियम कानून पालन करने पड़ेंगे तो ब्यूरो ोक्रेसी को सिस्टम को वेल और ये आपको अगर ये एक बिहार के मंत्री का एक समय एक इंटरव्यू आया था पहली बार वो चुनाव जीत करके गया था उससे पूछा गया क्या आप लेंगे उसने कहा हां बिल्कुल चुनाव में जो खर्च किया उसकी रिकवरी करूंगा तो पत्रकार ने पूछा कि कैसे करेंगे तो उसका क्या जवाब था वो तो बाबू बताएगा

सांसद कि जो नेता आते हैं उनको मालूम नहीं है कि सिस्टम का फायदा उठा के पैसे कैसे कमाते हैं। यह शिक्षा वहां बैठे बाबू देते हैं। इसके साथ ही कौन सा नेता पागल है जैसे मोदी को डिक्टेटर ये सब किसने क्रूशिएट किया था? ये सब बाबूओं का काम। और मोदी जी जब 2019 में वापस चुनकर के आए थे तो उन्होंने इन्हीं आईएएस ऑफिसर्स को बुला के बैठा के कहा था आपने मेरे 5 साल बर्बाद किए। ये बहुत बात अलग है कि वो वीडियो देखने के बाद मैं शौक में चली गई थी। भाई साहब आपने इतने सारे काम 5 साल में कर लिए। कांग्रेस राज में तो ये 80 साल में नहीं हो पाए और आप कह रहे हैं मेरे 5 साल बर्बाद कर दिए। मतलब अगर आप करते तो क्या मतलब 5 साल में भारत चांद पे पहुंच जाता। बट इट वास वेरी मच पॉसिबल। >> बिल्कुल पहुंचे। तो पहुंच चुके हैं। मार्स पे पहुंच गए, चांद पे पहुंच गए। कोई चीज छोड़ी नहीं है। देखिए अभी जैसे हमने बोला आपने बोला कि जीरो टॉलरेंस है। समझ आ गया मुझे करप्शन है, बाबू है। इनके अगेंस्ट आप काम कर रहे हैं। लेकिन आप देखिए जो जिहादी हैं उनके अगेंस्ट अभी भी क्या जो जीरो टॉलरेंस है उनके अगेंस्ट भी रखी जाएगी?

हां एक यूपी में जिहादी का घर तोड़ा गया। उसका पूरा नेटवर्क खोदा गया। अब पिक्चरें पहुंच जाता। बट इट वास वेरी मच पॉसिबल। >> बिल्कुल पहुंचे। पांच साल में हम चांद पे पहुंच गए। कोई चीज छोड़ी नहीं है। देखिए अभी जैसे हमने बोला आपने बोला कि जीरो टॉलरेंस है। समझ आ गया मुझे करप्शन है, बाबू है। इनके अगेंस्ट आप काम कर रहे हैं। लेकिन आप देखिए जो जिहादी हैं उनके अगेंस्ट अभी भी क्या जो जीरो टॉलरेंस है उनके अगेंस्ट भी रखी जाएगी? >> हां एक यूपी में जिहादी का घर तोड़ा गया। उसका पूरा नेटवर्क खोदा गया। अब पिक्चरें भी आ रही है। जैसे अजमेर शरीफ में जो कांड हुआ था जहां पर दरगाह का खातिम खुद इन्वॉल्व था और वो कांग्रेस का वर्कर ओके तो पोस्ट होल्डर था ऑफिशियल पोस्ट होल्डर ऐसे ही गोधरा में भी वो ऑफिशियल पोस्ट होल्डर था। तो ये सारी चीजें एक्सपोज की जा रही है। तो इसमें ये हिंदू लड़कियों के खिलाफ जो ये सब चल रहा है लव जिहाद वगैरह का मामला ये कैसे अभी कन्हैया लाल जो ट्रेलर था जिसको नपुर शर्मा वाले केस में मार दिया गया उसके ऊपर भी मूवी बनी है कि आप अगर फिल्मों से सीखना चाहते हैं तो हम फिल्मों से सिखा देंगे। कश्मीर फाइल है। बंगाल फाइल्स आने वाली है। केरला स्टोरी आ चुकी है। तो ये कांग्रेस काल में क्यों नहीं बन पाई? कांग्रेस काल में क्यों मुस्लिम हीरो हिंदू लड़की हीरोइन यह चल रहा था ना अकबर द ग्रेट जोधा अकबर की लव स्टोरी चल रही थी। अभी हकीकतें दिखा रहे हैं और इस बात का बहुत विरोध हो रहा है कि आप हकीकत कैसे दिखा रहे हैं और इस बात का गुस्सा है। आज राहुल गांधी पार्लियामेंट के बाहर खड़े होकर के काला पट्टा बांध करके काफी कुछ चीख चिल्ला रहे हैं। काफी गुस्सा है। उनको पता है इलेक्शन कमीशन कैसी धांधली कर रहा है। लेकिन भाई साहब अगली बार प्रेस कॉन्फ्र इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताने आए हैं कि मैं अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा। उसमें बताऊंगा कि इलेक्शन कमीशन कैसा घोटाला कर रहा है। जब आपके पास सबूत है आपको पता तो अभी ले आते ना। हमारा जनता का भी तो समय बचता। अब एक बार इनको और झेलो और उसमें भी ये अड़म गडम बड़म अब एक बड़ा लॉजिकल क्वेश्चन लेके आए हैं। आप कह रहे हैं आओ ऑपरेशन सिंदूर ऑन गोइंग है। फिर आप कह रहे हैं हम जीत गए। ये दोनों बातें कैसे हो सकती? पप्पू तुमसे ना हो पाएगा। तुम्हारी समझ में नहीं आएगा। हम जो एक एग्जिट पॉलिसी होती है। किसी भी युद्ध, किसी भी चीज में एंटर करने से पहले आपके कुछ टारगेट्स होते हैं। आप उनको अचीव कर लेते हैं। कह देते हैं कि हम जीत के आप उसको और आगे एक्सकलेट नहीं करते। एग्जिट पॉलिसी लिए बिना रशिया यूक्रेन में घुसा। आज 3 साल से ऊपर हो गया। वो वहां पर फंसा हुआ है। मोदी जी को यह नहीं करना था। उनको यह था तुम्हारे एयरपोर्ट्स मैंने तबाह कर दिए। तुम्हारे आतंकवादी मैंने तबाह कर दिए। पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया। उसके न्यूक्लियर हथियार एक्सपोज कर दिए। अब मेरी एग्जिट पॉलिसी है। मैं न्यूक्लियर वेपंस डिस्ट्रॉय करूंगा और जब तक सारे नहीं हो जाते तब तक चुप बैठूं। ये लेकर के हम घुसे थे। अभी मोदी जी इंग्लैंड गए हैं। उससे पहले हमारे पवन कल्याण जी जो आंध्र प्रदेश के डेपुटी सीएम है। उन्होंने एक बयान दे दिया और बीजेपी में कोई आउट ऑफ टर्न नहीं बोलता। यह जान लीजिए। उन्होंने जो बयान दिया है वो ये कि कोहिनूर वापस आना चाहिए। अब ये कसम तो नहीं है और चार किंग चार्ल्स की जो है इसमें अब ये अगर उनको ट्रेड डील लेनी है तो कुछ देना पड़ेगा मोदी को। आपने हमारा काफी सारा 800 टन सोना रखा हुआ है। कोहिनूर रखा हुआ। हमारे स्क्रिप्चर्स रखे हैं। अच्छा मोदी जी को सब मालूम है। आप एजुकेशन डिफाइन कर रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी लेके आए और राजा भोज की भोजशाला की जो सरस्वती जी की मूर्ति है वो भी उनके म्यूजियम में रखी है। पिछली बार अन्नपूर्णा मां की मूर्ति लेके आए थे। काशी विश्वनाथ जी में स्थापित मां की। आज आप 80 करोड़ लोगों को घर बैठ के खिला रहे हैं और अनाज एक्सपोर्ट कर रहे हैं। भंडार भर गए हैं। ऐसा नहीं है कि आप अपनी देवी मूर्तियां ले आते हैं उनको प्राण प्रतिष्ठित करते हैं तो असर नहीं पड़ता। बहुत तगड़ा असर पड़ता है। अब अगर आप न्यू एजुकेशन पॉलिसी पे काम कर रहे हैं और भोशाला की सरस्वती मां की मूर्ति ला के म्यूजियम में नहीं रखिएगा। उसकी स्थापना करके उसकी पूजा शुरू हो जाए। भारतीय तंत्र बदल जाएगा। लेकिन यह चीजें लोग सबूत दिखाओ सबूत दिखाओ गैंग को यह चीजें नहीं समझ में आएंगी बट इसका प्रैक्टिकल सशन होता है। तो भारत बहुत सारे माइलस्टोन तय कर रहा है और राहुल गांधी के पूरे दिन शुरू हो गए हैं। इस समय संसद के बाहर वो मजमा लगा के मददारी बने हुए हैं। बंदर >> बिल्कुल ठीक है क्योंकि जीरो टॉलरेंस मोदी जी ने डिक्लेअ कर दिया राहुल गंदगी और उसकी फैमिली के खिलाफ ये जो लोग हैं वो भी बोलते हैं राहुल गंदगी नाम रखा है बिल्कुल सही रखा है


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July 24, 2025 at 04:29PM
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July 24, 2025 at 05:13PM

जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन

जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन

 दो तीन बड़ी खबरें हैं और तीनों ही जबरदस्त हैं। एक हम बार-बार बोलते रहे मोदी जी ये गंदगी वाली फैमिली को आप अंदर कब करोगे? इनके ऊपर जो टॉलरेंस आपने रखी है यह कब बंद करोगे? बाकी सारे काम कर दिए। एक ये रह गया था। यह भी पूरा कर ही दो। उन्होंने अब डिक्लेअ कर दिया है कि जीरो टॉलरेंस राहुल गंदगी और इसकी फैमिली इसके साथ की जाएगी। अब मैं क्यों बोल रहा हूं कि ये जीरो टॉलरेंस है। वैसे उन्होंने क्वेश्चन जो वर्ड था वो यूज़ किया था जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन। अब उसमें कोर्ट भी आती है। उसमें राहुल गांधी भी आता है। उसके जीजा जी, मम्मी जी, पापा जी ये सारे आते हैं। ये मुद्दा हो गया।

दूसरा अगर जीरो टॉलरेंस की बात हो ही रही है तो पार्लियामेंट के अंदर भी जो ये इतना उछलउछल के काम करते हैं उसके ऊपर भी जीरो टॉलरेंस है। तीसरा जीरो टॉलरेंस है जो ये गुंडा राज करने की कोशिश करते हैं। ये जंगल राज इसके ऊपर भी जीरो टॉलरेंस अब अपनाई जाएगी। आसाम के अंदर इन्होंने कोशिश किया था वो हमने देख लिया। और आखिरी चीज वो है फ्रॉड।

आप अगर गंदगी को हटा दोगे तो फिर कोई नया बंदा डीप स्टेट पकड़ेगा। उसको समझो कहां जाता है ट्रेस करो। ये डिफिकल्ट हो जाएगा। इसलिए जाना दुश्मन अनजाने दुश्मन से बेहतर होता है। ये राजनीति है। तो हम क्या करते हैं? इसको खुला छोड़ के रखते हैं। अब देखो अभी ये गया था बहरीन इसने आसाम में करने की कोशिश की दंगा। हमने क्या किया? पकड़ लिया। तो फिर इससे क्या किया? जस्टिस वर्मा के इंपीचमेंट पे साइन करा दिए। है ना?

तो आप जब आप अपने दुश्मन को जान लेते हैं, समझ लेते हैं तो हर बार उसको हटाने की जल्दी मत करिए। अगर उससे पहले कुछ काम निकल रहा है ना काम निकालिए। राजनीति है इसमें घोड़ा ढाई अक्षर चलता है। एक दो ढाई तो आप जितना सीधा चलेंगे उतनी जल्दी खत्म हो जाएंगे। आप जितना टेढ़ा चलेंगे उतना सर्वाइव करेंगे। तो राहुल गंदगी को और उसकी मैया को आप जेल मत भेजिए। आप जितना हो सके इनसे देश हित में काम करा लीजिए। सच बता रहे हैं। यह जेल भेजने से बदतर है। यह मौत से बदतर है उनके लिए कि वो राष्ट्र हित में काम करते हैं।

ये तो बिल्कुल सही बात हुई कि इनके लिए इनके लिए मौत है कि वो राष्ट्र हित में काम कर रहे हैं। ये भी कांग्रेस के लिए और गंदगी फैमिली के लिए ये मौत से बड़ी चीज नहीं है। मोदी जी ने बोल दिया कि करप्शन के लिए जीरो टॉलरेंस है। क्या ये सिर्फ जजेस के लिए है या इनकी फैमिली के ऊपर भी कोई ताज गिरेगी। आपने बोल दिया इनको बाहर छोड़ दीजिए। फिर करप्शन की जीरो टॉलरेंस का मतलब क्या हुआ?

जीरो टॉलरेंस का मतलब है इनसे देश में काम कराइए। धीरे-धीरे इनकी प्रॉपर्टीज, इनकी चीजें कन्फसकेट करते जाइए। अब आप बताइए सोनिया गांधी से आपने पैसे ले लिए, प्रॉपर्टी ले ली, पावर ले ली और देश में जीरो टॉलरेंस का मतलब है इनसे देश में काम कराइए। धीरे-धीरे इनकी प्रॉपर्टीज, इनकी चीजें कन्फसकेट करते जाइए।

सीएम मोहन यादव है उन्होंने एक आईएएस है डॉक्टर नवनीत मोहन कोठारी इनको एक स्कैम में गिरफ्तार किया। इन्होंने करीब 450 प्रोजेक्ट्स को बिना मीटिंग के मंजूरी दे दी है। ये क्लियर कट करप्शन का केस है। तो उनको गिरफ्तार कर दिया। तो आप ब्यूरोक्रेसी के ऊपर बहुत एक्टिव हैं। क्यों? इसी को हूं इलेक्टेड वर्सेस सिलेक्टेड। इेड कौन है? जो नेता है। सिलेक्टेड कौन है? आईएएस, जजेस ये सब जो ब्यूरोक्रेसी पूरी बनाते हैं, फ्रेमवर्क बनाते हैं। नेता आते हैं 5 साल के लिए, 10 साल के लिए उनको जनता के लिए उत्तरदाई। यह जो सिलेक्टेड लॉट है यह सिर्फ अपने लिए उत्तरदाई है। पूरा देश इनके लिए बना हुआ है और इन्होंने करप्शन करने के नए-नए तरीके इजाद कर रखे हैं। सिस्टम इनके हाथ में खेलता है। वो कहते हैं ना सरकार हमारी है पर करप सिस्टम उनका है।

वो जो भी डायलॉग था वो इन्हीं लोगों के कारण है कि आप ट्रेन ब्लास्ट के सारे लोग एक्विट कर देते हैं। उनको निर्दोष घोषित कर देते हैं। उनको छोड़ देते हैं। एव्री सिनर हैज़ अ फ्यूचर इन्वेस्टिगेशन किसने किया कैसा किया कोई रिस्पांसिबिलिटी नहीं है ब्यूरोक्रेसी के लिए वो रिस्पांसिबिलिटी इस टर्म में मोदी सरकार सुनिश्चित कर रही है आप कैसे भी जीरो नंबर ला के भी अगर आप शिक्षक बने हैं तो आपको जो कोर्स दिया जाएगा वो पढ़ाना पड़ेगा आप जीरो नंबर ला के भी आईएएस बने हैं लेकिन जो काम दिया जाएगा आपको करना पड़ेगा नियम कानून पालन करने पड़ेंगे तो ब्यूरो ोक्रेसी को सिस्टम को वेल और ये आपको अगर ये एक बिहार के मंत्री का एक समय एक इंटरव्यू आया था पहली बार वो चुनाव जीत करके गया था उससे पूछा गया क्या आप लेंगे उसने कहा हां बिल्कुल चुनाव में जो खर्च किया उसकी रिकवरी करूंगा तो पत्रकार ने पूछा कि कैसे करेंगे तो उसका क्या जवाब था वो तो बाबू बताएगा

सांसद कि जो नेता आते हैं उनको मालूम नहीं है कि सिस्टम का फायदा उठा के पैसे कैसे कमाते हैं। यह शिक्षा वहां बैठे बाबू देते हैं। इसके साथ ही कौन सा नेता पागल है जैसे मोदी को डिक्टेटर ये सब किसने क्रूशिएट किया था? ये सब बाबूओं का काम। और मोदी जी जब 2019 में वापस चुनकर के आए थे तो उन्होंने इन्हीं आईएएस ऑफिसर्स को बुला के बैठा के कहा था आपने मेरे 5 साल बर्बाद किए। ये बहुत बात अलग है कि वो वीडियो देखने के बाद मैं शौक में चली गई थी। भाई साहब आपने इतने सारे काम 5 साल में कर लिए। कांग्रेस राज में तो ये 80 साल में नहीं हो पाए और आप कह रहे हैं मेरे 5 साल बर्बाद कर दिए। मतलब अगर आप करते तो क्या मतलब 5 साल में भारत चांद पे पहुंच जाता। बट इट वास वेरी मच पॉसिबल। >> बिल्कुल पहुंचे। तो पहुंच चुके हैं। मार्स पे पहुंच गए, चांद पे पहुंच गए। कोई चीज छोड़ी नहीं है। देखिए अभी जैसे हमने बोला आपने बोला कि जीरो टॉलरेंस है। समझ आ गया मुझे करप्शन है, बाबू है। इनके अगेंस्ट आप काम कर रहे हैं। लेकिन आप देखिए जो जिहादी हैं उनके अगेंस्ट अभी भी क्या जो जीरो टॉलरेंस है उनके अगेंस्ट भी रखी जाएगी?

हां एक यूपी में जिहादी का घर तोड़ा गया। उसका पूरा नेटवर्क खोदा गया। अब पिक्चरें पहुंच जाता। बट इट वास वेरी मच पॉसिबल। >> बिल्कुल पहुंचे। पांच साल में हम चांद पे पहुंच गए। कोई चीज छोड़ी नहीं है। देखिए अभी जैसे हमने बोला आपने बोला कि जीरो टॉलरेंस है। समझ आ गया मुझे करप्शन है, बाबू है। इनके अगेंस्ट आप काम कर रहे हैं। लेकिन आप देखिए जो जिहादी हैं उनके अगेंस्ट अभी भी क्या जो जीरो टॉलरेंस है उनके अगेंस्ट भी रखी जाएगी? >> हां एक यूपी में जिहादी का घर तोड़ा गया। उसका पूरा नेटवर्क खोदा गया। अब पिक्चरें भी आ रही है। जैसे अजमेर शरीफ में जो कांड हुआ था जहां पर दरगाह का खातिम खुद इन्वॉल्व था और वो कांग्रेस का वर्कर ओके तो पोस्ट होल्डर था ऑफिशियल पोस्ट होल्डर ऐसे ही गोधरा में भी वो ऑफिशियल पोस्ट होल्डर था। तो ये सारी चीजें एक्सपोज की जा रही है। तो इसमें ये हिंदू लड़कियों के खिलाफ जो ये सब चल रहा है लव जिहाद वगैरह का मामला ये कैसे अभी कन्हैया लाल जो ट्रेलर था जिसको नपुर शर्मा वाले केस में मार दिया गया उसके ऊपर भी मूवी बनी है कि आप अगर फिल्मों से सीखना चाहते हैं तो हम फिल्मों से सिखा देंगे। कश्मीर फाइल है। बंगाल फाइल्स आने वाली है। केरला स्टोरी आ चुकी है। तो ये कांग्रेस काल में क्यों नहीं बन पाई? कांग्रेस काल में क्यों मुस्लिम हीरो हिंदू लड़की हीरोइन यह चल रहा था ना अकबर द ग्रेट जोधा अकबर की लव स्टोरी चल रही थी। अभी हकीकतें दिखा रहे हैं और इस बात का बहुत विरोध हो रहा है कि आप हकीकत कैसे दिखा रहे हैं और इस बात का गुस्सा है। आज राहुल गांधी पार्लियामेंट के बाहर खड़े होकर के काला पट्टा बांध करके काफी कुछ चीख चिल्ला रहे हैं। काफी गुस्सा है। उनको पता है इलेक्शन कमीशन कैसी धांधली कर रहा है। लेकिन भाई साहब अगली बार प्रेस कॉन्फ्र इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बताने आए हैं कि मैं अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा। उसमें बताऊंगा कि इलेक्शन कमीशन कैसा घोटाला कर रहा है। जब आपके पास सबूत है आपको पता तो अभी ले आते ना। हमारा जनता का भी तो समय बचता। अब एक बार इनको और झेलो और उसमें भी ये अड़म गडम बड़म अब एक बड़ा लॉजिकल क्वेश्चन लेके आए हैं। आप कह रहे हैं आओ ऑपरेशन सिंदूर ऑन गोइंग है। फिर आप कह रहे हैं हम जीत गए। ये दोनों बातें कैसे हो सकती? पप्पू तुमसे ना हो पाएगा। तुम्हारी समझ में नहीं आएगा। हम जो एक एग्जिट पॉलिसी होती है। किसी भी युद्ध, किसी भी चीज में एंटर करने से पहले आपके कुछ टारगेट्स होते हैं। आप उनको अचीव कर लेते हैं। कह देते हैं कि हम जीत के आप उसको और आगे एक्सकलेट नहीं करते। एग्जिट पॉलिसी लिए बिना रशिया यूक्रेन में घुसा। आज 3 साल से ऊपर हो गया। वो वहां पर फंसा हुआ है। मोदी जी को यह नहीं करना था। उनको यह था तुम्हारे एयरपोर्ट्स मैंने तबाह कर दिए। तुम्हारे आतंकवादी मैंने तबाह कर दिए। पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया। उसके न्यूक्लियर हथियार एक्सपोज कर दिए। अब मेरी एग्जिट पॉलिसी है। मैं न्यूक्लियर वेपंस डिस्ट्रॉय करूंगा और जब तक सारे नहीं हो जाते तब तक चुप बैठूं। ये लेकर के हम घुसे थे। अभी मोदी जी इंग्लैंड गए हैं। उससे पहले हमारे पवन कल्याण जी जो आंध्र प्रदेश के डेपुटी सीएम है। उन्होंने एक बयान दे दिया और बीजेपी में कोई आउट ऑफ टर्न नहीं बोलता। यह जान लीजिए। उन्होंने जो बयान दिया है वो ये कि कोहिनूर वापस आना चाहिए। अब ये कसम तो नहीं है और चार किंग चार्ल्स की जो है इसमें अब ये अगर उनको ट्रेड डील लेनी है तो कुछ देना पड़ेगा मोदी को। आपने हमारा काफी सारा 800 टन सोना रखा हुआ है। कोहिनूर रखा हुआ। हमारे स्क्रिप्चर्स रखे हैं। अच्छा मोदी जी को सब मालूम है। आप एजुकेशन डिफाइन कर रहे हैं। न्यू एजुकेशन पॉलिसी लेके आए और राजा भोज की भोजशाला की जो सरस्वती जी की मूर्ति है वो भी उनके म्यूजियम में रखी है। पिछली बार अन्नपूर्णा मां की मूर्ति लेके आए थे। काशी विश्वनाथ जी में स्थापित मां की। आज आप 80 करोड़ लोगों को घर बैठ के खिला रहे हैं और अनाज एक्सपोर्ट कर रहे हैं। भंडार भर गए हैं। ऐसा नहीं है कि आप अपनी देवी मूर्तियां ले आते हैं उनको प्राण प्रतिष्ठित करते हैं तो असर नहीं पड़ता। बहुत तगड़ा असर पड़ता है। अब अगर आप न्यू एजुकेशन पॉलिसी पे काम कर रहे हैं और भोशाला की सरस्वती मां की मूर्ति ला के म्यूजियम में नहीं रखिएगा। उसकी स्थापना करके उसकी पूजा शुरू हो जाए। भारतीय तंत्र बदल जाएगा। लेकिन यह चीजें लोग सबूत दिखाओ सबूत दिखाओ गैंग को यह चीजें नहीं समझ में आएंगी बट इसका प्रैक्टिकल सशन होता है। तो भारत बहुत सारे माइलस्टोन तय कर रहा है और राहुल गांधी के पूरे दिन शुरू हो गए हैं। इस समय संसद के बाहर वो मजमा लगा के मददारी बने हुए हैं। बंदर >> बिल्कुल ठीक है क्योंकि जीरो टॉलरेंस मोदी जी ने डिक्लेअ कर दिया राहुल गंदगी और उसकी फैमिली के खिलाफ ये जो लोग हैं वो भी बोलते हैं राहुल गंदगी नाम रखा है बिल्कुल सही रखा है


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July 24, 2025 at 04:29PM

Wednesday, July 23, 2025

Vice president Jagdeep Dhankhar steps down

Vice president Jagdeep Dhankhar steps down
Vice president Jagdeep Dhankhar steps down
Vice president Jagdeep Dhankhar steps down

 



Jagdeep Dhankhar steps down: Congress raises concerns over PM Modi’s ‘enigmatic’ social media update for former Vice President 

Jairam Ramesh asserted that the "kisanputra" has not received a proper send-off. The Congress figure described Dhankhar’s resignation as "coerced." Amid the commotion surrounding Jagdeep Dhankhar's sudden departure from the role of Vice President of India, Congress leader Jairam Ramesh on Tuesday scrutinized Prime Minister Narendra Modi’s message regarding the former VP. 

In a critique of PM Modi, Jairam Ramesh noted that the prime minister’s message has "added to the enigma surrounding his [Dhankhar’s] sudden resignation." 


On X, the Congress general secretary stated that the "kisanputra" has been deprived of even a respectful farewell, labeling Dhankhar’s resignation as "coerced." 


"The PM's lack of a post on X about Shri Jagdeep Dhankhar's coerced resignation has only intensified the enigma of his sudden departure. Surely the PM could have shown more generosity—after all, he is the ultimate expert in hypocrisy. The kisanputra is being robbed of a dignified send-off," he commented on X (previously Twitter). 


After accepting his resignation, PM Modi on Tuesday expressed his wishes for good health to Vice President Jagdeep Dhankhar via social media.


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July 23, 2025 at 09:21AM
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July 23, 2025 at 10:13AM
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July 23, 2025 at 11:13AM

Vice president Jagdeep Dhankhar steps down

Vice president Jagdeep Dhankhar steps down
Vice president Jagdeep Dhankhar steps down

 



Jagdeep Dhankhar steps down: Congress raises concerns over PM Modi’s ‘enigmatic’ social media update for former Vice President 

Jairam Ramesh asserted that the "kisanputra" has not received a proper send-off. The Congress figure described Dhankhar’s resignation as "coerced." Amid the commotion surrounding Jagdeep Dhankhar's sudden departure from the role of Vice President of India, Congress leader Jairam Ramesh on Tuesday scrutinized Prime Minister Narendra Modi’s message regarding the former VP. 

In a critique of PM Modi, Jairam Ramesh noted that the prime minister’s message has "added to the enigma surrounding his [Dhankhar’s] sudden resignation." 


On X, the Congress general secretary stated that the "kisanputra" has been deprived of even a respectful farewell, labeling Dhankhar’s resignation as "coerced." 


"The PM's lack of a post on X about Shri Jagdeep Dhankhar's coerced resignation has only intensified the enigma of his sudden departure. Surely the PM could have shown more generosity—after all, he is the ultimate expert in hypocrisy. The kisanputra is being robbed of a dignified send-off," he commented on X (previously Twitter). 


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Vice president Jagdeep Dhankhar steps down

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Jagdeep Dhankhar steps down: Congress raises concerns over PM Modi’s ‘enigmatic’ social media update for former Vice President 

Jairam Ramesh asserted that the "kisanputra" has not received a proper send-off. The Congress figure described Dhankhar’s resignation as "coerced." Amid the commotion surrounding Jagdeep Dhankhar's sudden departure from the role of Vice President of India, Congress leader Jairam Ramesh on Tuesday scrutinized Prime Minister Narendra Modi’s message regarding the former VP. 

In a critique of PM Modi, Jairam Ramesh noted that the prime minister’s message has "added to the enigma surrounding his [Dhankhar’s] sudden resignation." 


On X, the Congress general secretary stated that the "kisanputra" has been deprived of even a respectful farewell, labeling Dhankhar’s resignation as "coerced." 


"The PM's lack of a post on X about Shri Jagdeep Dhankhar's coerced resignation has only intensified the enigma of his sudden departure. Surely the PM could have shown more generosity—after all, he is the ultimate expert in hypocrisy. The kisanputra is being robbed of a dignified send-off," he commented on X (previously Twitter). 


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July 23, 2025 at 09:21AM

Sunday, July 20, 2025

कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है

कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है
कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है
कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है
कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है
कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है

कभी कहा था विचारधारा ही असली ताकत है आज वही विचारधारा पीछे खड़ी होकर पूछ रही है अब. जी हां ये कहानी उसे आरएसएस की है जो कभी सत्ता के रथ का सारथी था और आज खुद चौराहे पर खड़ा है. ना आगे रास्ता है ना पीछे हटने की गुंजाइश और सामने खड़ा है एक ऐसा प्रधानमंत्री जो संघ की मर्यादा को अब व्हाट्सएप फॉरवर्ड समझता है. 

संघ के लिए यह खेल कब हाथ से निकल गया. कहानी शुरू होती है दौ हज़ार चौदह से संघ ने कहा मोदी को दो हम देश बदल देंगे. फिर दौ हज़ार उन्नीस में कहा मोदी शाह को खुली छूट दो, हम संभाल लेंगे. लेकिन दौ हज़ार चौदहबीस के बाद जब आंख खुली तो दिखा ना संविधान बचा ना संगठन की सुनी गई. जो हेड गिवार और गोलवलकर की नीतियों की बात करता था वो अब एक आदमी के मन की बात में सिमट चुका है. और अब संघ ने जो बोला था वही आज गले की हड्डी बन गया है. 

मोदी को रोको लेकिन कैसे अब संग चाह रहा है कि मोदी जी थोड़ा रुके, थोड़ा सुने लेकिन मोदी जी तो अब मोदी हैं वो ना सुनते हैं ना रुकते हैं. संघ नेताओं ने मीटिंग पर मीटिंग कि हमें प्रधानमंत्री से इस्तीफा लेना होगा नहीं तो संघ की साख खत्म हो जाएगी. लेकिन मजेदार देखिए मोदी जी एक तक नहीं उठाते. मीटिंग में भले मुस्कुराकर बैठे लेकिन फैसले अकेले लेते है. RSS सोच में है जिसे हमने बनाया. अब उसी को हटाने के लिए दस चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. 

संघ आज ऐसी हालत में है की अगर बोले हम मोदी से अलग है तो लोग कहेंगे इतने साल तक क्या कर रहे थे. अगर चुप रहे तो कहेंगे मोदी की गुलामी कर रहे हैं संघ. ना इधर का रहा ना उधर का ना समर्थन की औकात बची ना विरोध की ताकत. अब हाल ये है कि संघ के प्रवक्ता मीडिया से ज्यादा खुद को सफाई दे रहे हैं. अगर मोदी नहीं हटे तो संघ की क्या बचेगी. आरएसएस के भीतर चिंता इस बात कि अगर वह रह गए तो संघ की साख बची रहेगी या नहीं. दौ हज़ार चौदह में लोकसभा में हश्र देखा ही है. जनता सवाल पूछ रही है संघ क्या कर रहा है और ऊपर से मोदी शाह का वन मैन शो जिसमें हर फैसला हर पद, हर योजना दो लोगों की मोहर से ही पास होती है.अब संघ की दशा कुछ ऐसी है जैसे नाव भी खुद बनाई और अब उसी नाव से हाथ काटने की नौबत आ गई. 

 अब सूत्रों की माने तो नागपुर में रोज इंटरनल मीटिंग हो रही हैं. मोहन भागवत और दत्तात्रे होज बोले दोनों काफी नाराज हैं. कुछ पुराने प्रचारकों ने यहां तक कह दिया अगर संघ मोदी से इस्तीफा नहीं लेते तो हम त्यागपत्र दे देंगे. 

लेकिन सवाल यह है संघ किसे लाएगा. नितिन गडकरी मोदी नहीं चाहेंगे. योगी शाह नहीं चाहेंगे संघ का कोई चेहरा जनता कितनी मानेगी. यानी दुविधा में संघ है सत्ता में मोदी हैं और जनता है जो सब समझ रही है।संकेतों की भाषा अब सं सीधे नहीं बोल रहा लेकिन इशारों से जंग छेड़ दी है. आरएसएस के मुख्यख पत्र ऑर्गेनाइजर और पांचजन्य में मोदी की आलोचना वाले लेख आ रहे हैं. संघ के पुराने नेता एक नेतृत्व की जरूरत की बात कर रहे हैं. गडगरी, योगी, संजय जोशी जैसे नामों को आगे लाया जा  है परंतु अफसोस मोदी के पास ना तो संघ से डरने की जरूरत है और ना ही संघ की. नैतिकता अब उन पर असर डालती है. 

क्या अब संघ को खुद को बदलना होगा? अब संघ के पास दो ही रास्ते हैं. या तो पूरी ताकत से मोदी को रोकें. भला ही पार्टी टूटे या फिर चुप रहे और इतिहास के कठघरे में खड़े हो तोुष्टिकरण की चुप्पी लेकर. क्योंकि अगर दौ हज़ार पच्चीस सौ छब्बीस में मोदी नहीं हटे तो दौ हज़ार सत्ताईस में योगी को हटाने की कोशिश होगी. और दौ हज़ार उन्नीसतीस में संघ की हैसियत सिर्फ शाखाओं तक सिमट जाएगी. 

न की औकात बची ना विरोध की ताकत. अब हाल यह है कि संघ के प्रवक्ता मीडिया से ज्यादा खुद को सफाई दे रहे हैं. अगर मोदी नहीं हटे तो संघ की क्या बचेगी. आरएसएस के भीतर चिंता इस बात की नहीं है कि ब रहेंगे या नहीं. चिंता यह है कि अगर वो रह गए तो संघ की साख बची रहेगी या नहीं. दौ हज़ार चौबीस में लोकसभा में देखा ही है. जनता सवाल पूछ रही है संघ क्या कर रहा है और ऊपर से मोदी शाह का वन मैन शो जिसमें हर फैसला, हर पद, हर योजना दो लोगों की मोहर से ही पास होती है. अब संघ की दशा कुछ ऐसी है जैसे नाव भी खुद बनाई और अब उसी नाव से हाथ काटने की नौबत आ गई. 

संघ बोलेगा तो भी फंसेगा. नहीं. बोलेगा तो भी फसेगा. जिसने बोाया था वह आज काटने से डर रहा है. जो बोला था आज वही बोलने से कतराता है. और जो बनवाया था अब वही बनना नहीं चाहता. यह आरएसएस. कि वह हालत है जहां चुप रहो तो कायर कहलाओ. बोलो तो दगावासज दौ हज़ार चौदह में साफ कर दिया है. अब विचारधारा से ज्यादा जरूरी है नेतृत्व की. जवाब देही. 

अब संघ को तय करना होगा हम विचार हैं या सिर्फ एक व्यक्ति के प्रचार तंत्र का हिस्सा. 


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कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है

कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है
कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है
कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है
कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है

कभी कहा था विचारधारा ही असली ताकत है आज वही विचारधारा पीछे खड़ी होकर पूछ रही है अब. जी हां ये कहानी उसे आरएसएस की है जो कभी सत्ता के रथ का सारथी था और आज खुद चौराहे पर खड़ा है. ना आगे रास्ता है ना पीछे हटने की गुंजाइश और सामने खड़ा है एक ऐसा प्रधानमंत्री जो संघ की मर्यादा को अब व्हाट्सएप फॉरवर्ड समझता है. 

संघ के लिए यह खेल कब हाथ से निकल गया. कहानी शुरू होती है दौ हज़ार चौदह से संघ ने कहा मोदी को दो हम देश बदल देंगे. फिर दौ हज़ार उन्नीस में कहा मोदी शाह को खुली छूट दो, हम संभाल लेंगे. लेकिन दौ हज़ार चौदहबीस के बाद जब आंख खुली तो दिखा ना संविधान बचा ना संगठन की सुनी गई. जो हेड गिवार और गोलवलकर की नीतियों की बात करता था वो अब एक आदमी के मन की बात में सिमट चुका है. और अब संघ ने जो बोला था वही आज गले की हड्डी बन गया है. 

मोदी को रोको लेकिन कैसे अब संग चाह रहा है कि मोदी जी थोड़ा रुके, थोड़ा सुने लेकिन मोदी जी तो अब मोदी हैं वो ना सुनते हैं ना रुकते हैं. संघ नेताओं ने मीटिंग पर मीटिंग कि हमें प्रधानमंत्री से इस्तीफा लेना होगा नहीं तो संघ की साख खत्म हो जाएगी. लेकिन मजेदार देखिए मोदी जी एक तक नहीं उठाते. मीटिंग में भले मुस्कुराकर बैठे लेकिन फैसले अकेले लेते है. RSS सोच में है जिसे हमने बनाया. अब उसी को हटाने के लिए दस चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. 

संघ आज ऐसी हालत में है की अगर बोले हम मोदी से अलग है तो लोग कहेंगे इतने साल तक क्या कर रहे थे. अगर चुप रहे तो कहेंगे मोदी की गुलामी कर रहे हैं संघ. ना इधर का रहा ना उधर का ना समर्थन की औकात बची ना विरोध की ताकत. अब हाल ये है कि संघ के प्रवक्ता मीडिया से ज्यादा खुद को सफाई दे रहे हैं. अगर मोदी नहीं हटे तो संघ की क्या बचेगी. आरएसएस के भीतर चिंता इस बात कि अगर वह रह गए तो संघ की साख बची रहेगी या नहीं. दौ हज़ार चौदह में लोकसभा में हश्र देखा ही है. जनता सवाल पूछ रही है संघ क्या कर रहा है और ऊपर से मोदी शाह का वन मैन शो जिसमें हर फैसला हर पद, हर योजना दो लोगों की मोहर से ही पास होती है.अब संघ की दशा कुछ ऐसी है जैसे नाव भी खुद बनाई और अब उसी नाव से हाथ काटने की नौबत आ गई. 

 अब सूत्रों की माने तो नागपुर में रोज इंटरनल मीटिंग हो रही हैं. मोहन भागवत और दत्तात्रे होज बोले दोनों काफी नाराज हैं. कुछ पुराने प्रचारकों ने यहां तक कह दिया अगर संघ मोदी से इस्तीफा नहीं लेते तो हम त्यागपत्र दे देंगे. 

लेकिन सवाल यह है संघ किसे लाएगा. नितिन गडकरी मोदी नहीं चाहेंगे. योगी शाह नहीं चाहेंगे संघ का कोई चेहरा जनता कितनी मानेगी. यानी दुविधा में संघ है सत्ता में मोदी हैं और जनता है जो सब समझ रही है।संकेतों की भाषा अब सं सीधे नहीं बोल रहा लेकिन इशारों से जंग छेड़ दी है. आरएसएस के मुख्यख पत्र ऑर्गेनाइजर और पांचजन्य में मोदी की आलोचना वाले लेख आ रहे हैं. संघ के पुराने नेता एक नेतृत्व की जरूरत की बात कर रहे हैं. गडगरी, योगी, संजय जोशी जैसे नामों को आगे लाया जा  है परंतु अफसोस मोदी के पास ना तो संघ से डरने की जरूरत है और ना ही संघ की. नैतिकता अब उन पर असर डालती है. 

क्या अब संघ को खुद को बदलना होगा? अब संघ के पास दो ही रास्ते हैं. या तो पूरी ताकत से मोदी को रोकें. भला ही पार्टी टूटे या फिर चुप रहे और इतिहास के कठघरे में खड़े हो तोुष्टिकरण की चुप्पी लेकर. क्योंकि अगर दौ हज़ार पच्चीस सौ छब्बीस में मोदी नहीं हटे तो दौ हज़ार सत्ताईस में योगी को हटाने की कोशिश होगी. और दौ हज़ार उन्नीसतीस में संघ की हैसियत सिर्फ शाखाओं तक सिमट जाएगी. 

न की औकात बची ना विरोध की ताकत. अब हाल यह है कि संघ के प्रवक्ता मीडिया से ज्यादा खुद को सफाई दे रहे हैं. अगर मोदी नहीं हटे तो संघ की क्या बचेगी. आरएसएस के भीतर चिंता इस बात की नहीं है कि ब रहेंगे या नहीं. चिंता यह है कि अगर वो रह गए तो संघ की साख बची रहेगी या नहीं. दौ हज़ार चौबीस में लोकसभा में देखा ही है. जनता सवाल पूछ रही है संघ क्या कर रहा है और ऊपर से मोदी शाह का वन मैन शो जिसमें हर फैसला, हर पद, हर योजना दो लोगों की मोहर से ही पास होती है. अब संघ की दशा कुछ ऐसी है जैसे नाव भी खुद बनाई और अब उसी नाव से हाथ काटने की नौबत आ गई. 

संघ बोलेगा तो भी फंसेगा. नहीं. बोलेगा तो भी फसेगा. जिसने बोाया था वह आज काटने से डर रहा है. जो बोला था आज वही बोलने से कतराता है. और जो बनवाया था अब वही बनना नहीं चाहता. यह आरएसएस. कि वह हालत है जहां चुप रहो तो कायर कहलाओ. बोलो तो दगावासज दौ हज़ार चौदह में साफ कर दिया है. अब विचारधारा से ज्यादा जरूरी है नेतृत्व की. जवाब देही. 

अब संघ को तय करना होगा हम विचार हैं या सिर्फ एक व्यक्ति के प्रचार तंत्र का हिस्सा. 


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कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है
कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है
कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है

कभी कहा था विचारधारा ही असली ताकत है आज वही विचारधारा पीछे खड़ी होकर पूछ रही है अब. जी हां ये कहानी उसे आरएसएस की है जो कभी सत्ता के रथ का सारथी था और आज खुद चौराहे पर खड़ा है. ना आगे रास्ता है ना पीछे हटने की गुंजाइश और सामने खड़ा है एक ऐसा प्रधानमंत्री जो संघ की मर्यादा को अब व्हाट्सएप फॉरवर्ड समझता है. 

संघ के लिए यह खेल कब हाथ से निकल गया. कहानी शुरू होती है दौ हज़ार चौदह से संघ ने कहा मोदी को दो हम देश बदल देंगे. फिर दौ हज़ार उन्नीस में कहा मोदी शाह को खुली छूट दो, हम संभाल लेंगे. लेकिन दौ हज़ार चौदहबीस के बाद जब आंख खुली तो दिखा ना संविधान बचा ना संगठन की सुनी गई. जो हेड गिवार और गोलवलकर की नीतियों की बात करता था वो अब एक आदमी के मन की बात में सिमट चुका है. और अब संघ ने जो बोला था वही आज गले की हड्डी बन गया है. 

मोदी को रोको लेकिन कैसे अब संग चाह रहा है कि मोदी जी थोड़ा रुके, थोड़ा सुने लेकिन मोदी जी तो अब मोदी हैं वो ना सुनते हैं ना रुकते हैं. संघ नेताओं ने मीटिंग पर मीटिंग कि हमें प्रधानमंत्री से इस्तीफा लेना होगा नहीं तो संघ की साख खत्म हो जाएगी. लेकिन मजेदार देखिए मोदी जी एक तक नहीं उठाते. मीटिंग में भले मुस्कुराकर बैठे लेकिन फैसले अकेले लेते है. RSS सोच में है जिसे हमने बनाया. अब उसी को हटाने के लिए दस चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. 

संघ आज ऐसी हालत में है की अगर बोले हम मोदी से अलग है तो लोग कहेंगे इतने साल तक क्या कर रहे थे. अगर चुप रहे तो कहेंगे मोदी की गुलामी कर रहे हैं संघ. ना इधर का रहा ना उधर का ना समर्थन की औकात बची ना विरोध की ताकत. अब हाल ये है कि संघ के प्रवक्ता मीडिया से ज्यादा खुद को सफाई दे रहे हैं. अगर मोदी नहीं हटे तो संघ की क्या बचेगी. आरएसएस के भीतर चिंता इस बात कि अगर वह रह गए तो संघ की साख बची रहेगी या नहीं. दौ हज़ार चौदह में लोकसभा में हश्र देखा ही है. जनता सवाल पूछ रही है संघ क्या कर रहा है और ऊपर से मोदी शाह का वन मैन शो जिसमें हर फैसला हर पद, हर योजना दो लोगों की मोहर से ही पास होती है.अब संघ की दशा कुछ ऐसी है जैसे नाव भी खुद बनाई और अब उसी नाव से हाथ काटने की नौबत आ गई. 

 अब सूत्रों की माने तो नागपुर में रोज इंटरनल मीटिंग हो रही हैं. मोहन भागवत और दत्तात्रे होज बोले दोनों काफी नाराज हैं. कुछ पुराने प्रचारकों ने यहां तक कह दिया अगर संघ मोदी से इस्तीफा नहीं लेते तो हम त्यागपत्र दे देंगे. 

लेकिन सवाल यह है संघ किसे लाएगा. नितिन गडकरी मोदी नहीं चाहेंगे. योगी शाह नहीं चाहेंगे संघ का कोई चेहरा जनता कितनी मानेगी. यानी दुविधा में संघ है सत्ता में मोदी हैं और जनता है जो सब समझ रही है।संकेतों की भाषा अब सं सीधे नहीं बोल रहा लेकिन इशारों से जंग छेड़ दी है. आरएसएस के मुख्यख पत्र ऑर्गेनाइजर और पांचजन्य में मोदी की आलोचना वाले लेख आ रहे हैं. संघ के पुराने नेता एक नेतृत्व की जरूरत की बात कर रहे हैं. गडगरी, योगी, संजय जोशी जैसे नामों को आगे लाया जा  है परंतु अफसोस मोदी के पास ना तो संघ से डरने की जरूरत है और ना ही संघ की. नैतिकता अब उन पर असर डालती है. 

क्या अब संघ को खुद को बदलना होगा? अब संघ के पास दो ही रास्ते हैं. या तो पूरी ताकत से मोदी को रोकें. भला ही पार्टी टूटे या फिर चुप रहे और इतिहास के कठघरे में खड़े हो तोुष्टिकरण की चुप्पी लेकर. क्योंकि अगर दौ हज़ार पच्चीस सौ छब्बीस में मोदी नहीं हटे तो दौ हज़ार सत्ताईस में योगी को हटाने की कोशिश होगी. और दौ हज़ार उन्नीसतीस में संघ की हैसियत सिर्फ शाखाओं तक सिमट जाएगी. 

न की औकात बची ना विरोध की ताकत. अब हाल यह है कि संघ के प्रवक्ता मीडिया से ज्यादा खुद को सफाई दे रहे हैं. अगर मोदी नहीं हटे तो संघ की क्या बचेगी. आरएसएस के भीतर चिंता इस बात की नहीं है कि ब रहेंगे या नहीं. चिंता यह है कि अगर वो रह गए तो संघ की साख बची रहेगी या नहीं. दौ हज़ार चौबीस में लोकसभा में देखा ही है. जनता सवाल पूछ रही है संघ क्या कर रहा है और ऊपर से मोदी शाह का वन मैन शो जिसमें हर फैसला, हर पद, हर योजना दो लोगों की मोहर से ही पास होती है. अब संघ की दशा कुछ ऐसी है जैसे नाव भी खुद बनाई और अब उसी नाव से हाथ काटने की नौबत आ गई. 

संघ बोलेगा तो भी फंसेगा. नहीं. बोलेगा तो भी फसेगा. जिसने बोाया था वह आज काटने से डर रहा है. जो बोला था आज वही बोलने से कतराता है. और जो बनवाया था अब वही बनना नहीं चाहता. यह आरएसएस. कि वह हालत है जहां चुप रहो तो कायर कहलाओ. बोलो तो दगावासज दौ हज़ार चौदह में साफ कर दिया है. अब विचारधारा से ज्यादा जरूरी है नेतृत्व की. जवाब देही. 

अब संघ को तय करना होगा हम विचार हैं या सिर्फ एक व्यक्ति के प्रचार तंत्र का हिस्सा. 


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कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है

कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है
कभी सत्ता के रथ का सारथी था RSS और आज खुद मोदी के अहंकार के कारण चौराहे पर खड़ा है

कभी कहा था विचारधारा ही असली ताकत है आज वही विचारधारा पीछे खड़ी होकर पूछ रही है अब. जी हां ये कहानी उसे आरएसएस की है जो कभी सत्ता के रथ का सारथी था और आज खुद चौराहे पर खड़ा है. ना आगे रास्ता है ना पीछे हटने की गुंजाइश और सामने खड़ा है एक ऐसा प्रधानमंत्री जो संघ की मर्यादा को अब व्हाट्सएप फॉरवर्ड समझता है. 

संघ के लिए यह खेल कब हाथ से निकल गया. कहानी शुरू होती है दौ हज़ार चौदह से संघ ने कहा मोदी को दो हम देश बदल देंगे. फिर दौ हज़ार उन्नीस में कहा मोदी शाह को खुली छूट दो, हम संभाल लेंगे. लेकिन दौ हज़ार चौदहबीस के बाद जब आंख खुली तो दिखा ना संविधान बचा ना संगठन की सुनी गई. जो हेड गिवार और गोलवलकर की नीतियों की बात करता था वो अब एक आदमी के मन की बात में सिमट चुका है. और अब संघ ने जो बोला था वही आज गले की हड्डी बन गया है. 

मोदी को रोको लेकिन कैसे अब संग चाह रहा है कि मोदी जी थोड़ा रुके, थोड़ा सुने लेकिन मोदी जी तो अब मोदी हैं वो ना सुनते हैं ना रुकते हैं. संघ नेताओं ने मीटिंग पर मीटिंग कि हमें प्रधानमंत्री से इस्तीफा लेना होगा नहीं तो संघ की साख खत्म हो जाएगी. लेकिन मजेदार देखिए मोदी जी एक तक नहीं उठाते. मीटिंग में भले मुस्कुराकर बैठे लेकिन फैसले अकेले लेते है. RSS सोच में है जिसे हमने बनाया. अब उसी को हटाने के लिए दस चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. 

संघ आज ऐसी हालत में है की अगर बोले हम मोदी से अलग है तो लोग कहेंगे इतने साल तक क्या कर रहे थे. अगर चुप रहे तो कहेंगे मोदी की गुलामी कर रहे हैं संघ. ना इधर का रहा ना उधर का ना समर्थन की औकात बची ना विरोध की ताकत. अब हाल ये है कि संघ के प्रवक्ता मीडिया से ज्यादा खुद को सफाई दे रहे हैं. अगर मोदी नहीं हटे तो संघ की क्या बचेगी. आरएसएस के भीतर चिंता इस बात कि अगर वह रह गए तो संघ की साख बची रहेगी या नहीं. दौ हज़ार चौदह में लोकसभा में हश्र देखा ही है. जनता सवाल पूछ रही है संघ क्या कर रहा है और ऊपर से मोदी शाह का वन मैन शो जिसमें हर फैसला हर पद, हर योजना दो लोगों की मोहर से ही पास होती है.अब संघ की दशा कुछ ऐसी है जैसे नाव भी खुद बनाई और अब उसी नाव से हाथ काटने की नौबत आ गई. 

 अब सूत्रों की माने तो नागपुर में रोज इंटरनल मीटिंग हो रही हैं. मोहन भागवत और दत्तात्रे होज बोले दोनों काफी नाराज हैं. कुछ पुराने प्रचारकों ने यहां तक कह दिया अगर संघ मोदी से इस्तीफा नहीं लेते तो हम त्यागपत्र दे देंगे. 

लेकिन सवाल यह है संघ किसे लाएगा. नितिन गडकरी मोदी नहीं चाहेंगे. योगी शाह नहीं चाहेंगे संघ का कोई चेहरा जनता कितनी मानेगी. यानी दुविधा में संघ है सत्ता में मोदी हैं और जनता है जो सब समझ रही है।संकेतों की भाषा अब सं सीधे नहीं बोल रहा लेकिन इशारों से जंग छेड़ दी है. आरएसएस के मुख्यख पत्र ऑर्गेनाइजर और पांचजन्य में मोदी की आलोचना वाले लेख आ रहे हैं. संघ के पुराने नेता एक नेतृत्व की जरूरत की बात कर रहे हैं. गडगरी, योगी, संजय जोशी जैसे नामों को आगे लाया जा  है परंतु अफसोस मोदी के पास ना तो संघ से डरने की जरूरत है और ना ही संघ की. नैतिकता अब उन पर असर डालती है. 

क्या अब संघ को खुद को बदलना होगा? अब संघ के पास दो ही रास्ते हैं. या तो पूरी ताकत से मोदी को रोकें. भला ही पार्टी टूटे या फिर चुप रहे और इतिहास के कठघरे में खड़े हो तोुष्टिकरण की चुप्पी लेकर. क्योंकि अगर दौ हज़ार पच्चीस सौ छब्बीस में मोदी नहीं हटे तो दौ हज़ार सत्ताईस में योगी को हटाने की कोशिश होगी. और दौ हज़ार उन्नीसतीस में संघ की हैसियत सिर्फ शाखाओं तक सिमट जाएगी. 

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संघ बोलेगा तो भी फंसेगा. नहीं. बोलेगा तो भी फसेगा. जिसने बोाया था वह आज काटने से डर रहा है. जो बोला था आज वही बोलने से कतराता है. और जो बनवाया था अब वही बनना नहीं चाहता. यह आरएसएस. कि वह हालत है जहां चुप रहो तो कायर कहलाओ. बोलो तो दगावासज दौ हज़ार चौदह में साफ कर दिया है. अब विचारधारा से ज्यादा जरूरी है नेतृत्व की. जवाब देही. 

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जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन

जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन   दो तीन बड़ी खबरें हैं ...