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अरुण जेटली ने घुटने टेके, काम आया मोदी का स्वामी अस्त्र

अरुण जेटली ने घुटने टेके, काम आया मोदी का स्वामी अस्त्र - ‪#‎ अनुजअग्रवाल‬ ,संपादक,डायलॉगइंडिया मोदी का स्वामी ब्रह्मास्त्र काम कर गया। डायलॉग इंडिया की यह खबर कि मोदी मंत्रिमण्डल विस्तार में जेटली कैम्प का सफाया कर सकते हें और सुब्रमणियम स्वामी के कंधे पर बन्दूक रख मोदी जेटली केम्प के लोगों पर निशाना साध रहे हें, ने जेटली कैम्प में हड़कंप मचा दिया। संकट में कुर्सी जान जेटली एक दिन पहले ही चीन का दौरा पूरा कर भारत वापस लौटे और मोदी के आगे समर्पण कर दिया। भारत में इंग्लैंड और अमे रिका के भोंपू टाइम्स ऑफ़ इंडिया ग्रुप के न्यूज़ चैंनल पर आनन् फानन में जेटली ने मोदी का इंटरव्यू आयोजित कराया और वो चैनल जो मोदी पर हावी रहता था और जेटली के ईशारों पर काम करता था आज मोदी के आगे दुम हिलाता नज़र आया। जेटली अपने पश्चमी आकाओ को यह संदेश देना चाहते थे के उनकी मोदी सरकार पर पकड़ बरकरार है और मोदी के लिए यह अवसर था जब नाटो देशों को संकेत दे सके के अब देश के वित्त मंत्रालय पर उनका नियंत्रण स्थापित हो गया है और वे जेटली को अपने कब्जे में कर चुके हें और यह उन्होंने बखूबी दे दिया। जेटली की फिलहाल की कवायद

जेटली को साधने के लिए सुब्रमण्यम स्वामी के कंधे पर मोदी की बंदूक

जेटली को साधने के लिए सुब्रमण्यम स्वामी के कंधे पर मोदी की बंदूक ‬ रघुराम राजन के बाद सरकार के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम पर जिस प्रकार सुब्रमणियन स्वामी ने वार किया है वह आकस्मिक या व्यक्तिगत नहीं है। मोदी 26 जून को मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रहे हें। सरकार बनाने के बाद पहली बार। अपने प्रधानमंत्री बनने के समय मोदी किसी हद तक अरुण जेटली पर निर्भर थे और जेटली कहीं न कहीं मुक्त बाजार समर्थक लॉबी का हिस्सा जिसका मतलब फॉर्च्यून फाइव हंड्रेड कम्पनियों के दर्श न से सहमति और उनके हितो को ध्यान में रखते हुए नीतियों के निर्माण के समर्थक। जेटली पश्चमी देशो के मॉडल के अनुरूप मोदी को ऐसे लोकप्रिय जननेता के रूप में ढालना चाहते हें जो अंदर से फार्च्यून फाइव हंड्रेड कंपनियो के सीइओ के रूप में काम करता रहे और बाहर से जनप्रिय बना रहे। वो मानते हें कि पिछली यूपीए सरकार की नीतियां ठीक थी पर नीयत ख़राब थी और मोदी सरकार को मात्र नीयत ठीक रखने की जरुरत है नीतियां नहीं। जेटली गुट मोदी के सरकार बनाने से लेकर आज तक सरकार पर हावी रहा है। जेटली अपना वर्चस्व बनाये रखने हेतू और अपनी लॉबी के हितो की रक्