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Sunday, April 27, 2025

गृह मंत्री अमित शाह 32 से अधिक पाकिस्तान समर्थक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे

गृह मंत्री अमित शाह 32 से अधिक पाकिस्तान समर्थक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे
गृह मंत्री अमित शाह 32 से अधिक पाकिस्तान समर्थक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे
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 पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन तो लिए जा रहे हैं लेकिन उसके साथ-साथ देश में वो लोग भी हैं वक्फ गैंग के वो मेंबर भी हैं जो छुपे तौर पर पाकिस्तान का सपोर्ट कर रहा है। भारत सरकार को कमजोर करने की कोशिश कर रही है और वहीं विपक्षी पार्टी के कुछ नेता भी हैं जो चाहते हैं कि किसी तरीके से सरकार पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन कमजोर कर दे ताकि उन लोगों को बताने के लिए हो कि देखो हमने मुसलमानों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कम कर दी है। अब एक्शन उन लोगों के खिलाफ हो रहा है। यह वक्फ गैंग के 180 संगठनों की बात कर रहा था ताल कटोरा स्टेडियम में। सब लोग इकट्ठा होकर बोला कि देखो भाई बफ की सुरक्षा के लिए हम लोग एकजुट हैं। सिया और सुन्नी भी एकजुट हैं। कोई एक दूसरे से बैर नहीं है। हम इकट्ठा होकर सरकार को झुका देंगे। लेकिन वो 180 संगठन आज बिल में दुबका हुआ है। ओवैसी पहले उतरा था मैदान में। पहला दिन उसने ऐसी बातें की कि लगा इमोशनल हो गया है। लगा उसे हिंदुओं की हत्या किए जाने पर इतना बड़ा अफसोस है। लेकिन यह सच्चाई नहीं थी क्योंकि उसका भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ये असदुद्दीन ओवैसी का भाई अकबरुद्दीन ओवैसी जो कि बार-बार यह चैलेंज करता रहा था 5 मिनट के लिए पुलिस हटा लो हम दिखा देंगे। वो भी कुछ दिन के अंदर बदला और उसने इस मुद्दे पर सीधे तौर पर कहा ये हिंदू मुसलमान की बात नहीं है।


ये तो फर्जी बातें फैलाई जा रही है। यहां तक कि 26 जो लोगों की लिस्ट जिनको हत्या की गई थी उनकी लिस्ट सामने आई और उस लिस्ट में ऐसे फर्जीवाड़ा किया गया कि बताया जाने लगा देखो सरकार ने गलत इंफॉर्मेशन दिया है और वो लिस्ट सोशल मीडिया पर इधर-उधर वायरल किया जाने लगा जिसमें कहा गया कि मरने वालों में से 14 तो कश्मीर के मुसलमान थे। सरकार गलत बात कह रही है और ना ही यह जो हंगामा चल रहा है पूरे देश में कि हिंदुओं को पहचान करके मारा गया था ये पूरी तरह से गलत है। फर्जी ऐसी कि असम से लेकर कर्नाटक और केरल तक यही कांस्परेसी यह मौलाना गैंग चला रहा है। इसलिए एक्शन तो इसके खिलाफ हो रहा है। कश्मीर से शुरू हुआ।

एक्शन अलग-अलग स्टेट में भी है और तभी विपक्ष और मौलाना गैंग के 32 से ज्यादा नेताओं के खिलाफ एक्शन चल रहा है। क्योंकि इन लोगों ने अलग-अलग समय पर पाकिस्तान के सपोर्ट करने के नए-नए तरीके अपनाए हैं। उसमें उमर अब्दुल्लाह को देखिए, महबूबा मुफ्त को देखिए और ओवैसी को देखिए। ये तीनों के चार दिन के स्टेटमेंट में ऐसी बातें हैं जिससे दिख रहा है यह पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहता। उमर अब्दुल्लाह जो कि पूरा खानदान ही इसका पाकिस्तान के सपोर्ट में रहा है। फारूक अब्दुल्लाह यह कहा करता है अभी चुपचाप बैठा है कुछ दिन से। लेकिन यही फारूक अब्दुल्लाह बार-बार इस बात के लिए सरकार को कहता था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के बिना कश्मीर की समस्या का समाधान नहीं होगा। और यही फारूक अब्दुल्लाह बार-बार ये धमकी देता रहा कि देखो अगर हिंदुस्तान पाकिस्तान के खिलाफ कोई कड़ी कारवाई करती है तो पाकिस्तान भी उल्टा कारवाई करेगा। उसके पास परमाणु बम है। ये फारूक अब्दुल्लाह की बात है। और उसी का बेटा उमर अब्दुल्लाह अभी फंसा हुआ है इस बात के लिए कि जितने परेशानियां लोकल ऑथॉरिटी ने पैदा की है और जम्मू कश्मीर में जो पूरा नेटवर्क तोड़ा जा रहा है। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई सपोर्टर हैं, नेता हैं। डिस्ट्रिक्ट लेवल पर इनके नेता भी पकड़े जा रहे हैं। 75 से ज्यादा लोगों को हिरासत में जो लिया गया वो केवल आतंकी नहीं थे बल्कि आतंकी फंडिंग के इनके सोर्स इन्हीं लोगों ने बनाया था। यानी टेरर फंडिंग भी ये करता रहा था। राशिद इंजीनियर जैसे लोग जो टेरर फंडिंग में अभी जेल के अंदर है उसकी पार्टी के भी कई नेता पकड़े जा रहे हैं। क्योंकि राशिद इंजीनियर जिसका ऊपर आरोप ही इस बात के लिए है कि ये टेरर फंडिंग करके वहां कश्मीर में आतंकवाद फैलाता है और जिसके कारण कश्मीर के लोगों की स्थिति देखिए कि ऐसे टेरर फंडिंग के आरोप में जेल में बैठा हुआ उस व्यक्ति को वोट देकर सांसद बना देता है। क्योंकि इन लोगों को हिंदुस्तान की परवाह नहीं। यह अभी भी पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। इसके सिंपैथी हिंदुस्तान के प्रति नहीं पाकिस्तान के प्रति है। और जितना भी अभी चार दिन से चीख-चिल्ला कर बोल ले ऊपरी तौर पर कह ले राष्ट्रभक्ति दिखाने की कोशिश कर ले विश्वास इसके ऊपर नहीं है। इसलिए जम्मू कश्मीर में तो एक्शन हो ही रहे हैं। लेकिन दूसरे जगह पर भी एक्शन हो रहे हैं। असम के अंदर पांच छह ऐसे नेताओं को पकड़ा गया है जो कि डायरेक्ट नहीं तो इनडायरेक्ट सपोर्ट पाकिस्तान का कर रहा है और इनडायरेक्ट सपोर्ट का तरीका क्या है कि भारत के इस कार्रवाई का विरोध करो। इनडायरेक्टली यह कहने की कोशिश करो कि नहीं भारत सरकार यह जो कारवाई कर रही है वो सफिशिएंट नहीं है। यह समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। भले ही पाकिस्तान कितना भी कांपते रहे। पाकिस्तान की परेशानी कितनी बढ़ते रहे। पाकिस्तान एक-एक देश का दरवाजा खटखटा रहा है। लेकिन यहां पर ऐसी बातें की जा रही है कि देखो पाकिस्तान को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसीलिए इन लोगों के खिलाफ एक्शन हो रहा है।

ये विपक्ष में बैठे हुए नेता जिनके दिमाग में चल रहा है मुस्लिम तुष्टीरण और आज भी वही बात बार-बार दोहरा रहे हैं जो कि पिछले 70 सालों से दोहरा रहा था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत से ही समाधान हो सकता है। उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती क्योंकि अभी तो सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ है और पाकिस्तानी जो हिंदुस्तान में बैठे हुए हैं एक-एक कर बाहर निकाला जा रहा है। 2 दिन का समय और है। सारे हॉस्पिटल को अलर्ट जारी कर दिया गया है कि कितना भी क्रिटिकल केस हो ऐसा नहीं कि आप मेडिकल सपोर्ट के आधार पर कह दोगे कि इनका मामला तो ज्यादा क्रिटिकल है। इसलिए अभी ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकले हैं। 10 दिन की जरूरत है इन्हें हॉस्पिटल में रहने के लिए। ऐसा नहीं होगा। कितना भी क्रिटिकल केस हो जितना समय दिया गया यानी कि 30 तारीख के अंदर उसको बाहर भेजने की व्यवस्था करो। चाहे वो एयर एंबुलेंस के सहारे ही क्यों ना जाना पड़े उसे लेकिन हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

ये सार्क का कोई भी ये डील जो चल रहा था पहले से इन लोगों ने सहानुभूति दिखाने की कोशिश की थी। अब कोई सहानुभूति नहीं है। पाकिस्तान का हर नागरिक पाकिस्तानी है और वो हमारा दुश्मन है। यही विचार करके सरकार ने एक्शन शुरू किया है। इसलिए सारे हॉस्पिटल में ये खोजबीन भी जारी है कि इन लोगों पर भी पूरा तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता। यह पैसे के लिए जमीर बेच सकते हैं। अभी हॉस्पिटल का धंधा ऐसे ही है कि पाकिस्तान से भी इन लोगों की कमाई हो रही है। इसलिए सबसे पहले शुरुआत की गई है दिल्ली एनसीआर के सारे हॉस्पिटल से कि वहां पर एक भी जो भी पाकिस्तान के लोग यहां के हॉस्पिटल में इलाज करवा रहा है उसकी लिस्ट सरकार को सौंपी जाए और वो खाली करके जाएगा। इसकी सूचना भी सरकार को दी जानी चाहिए। इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ आंतरिक तरीके से देश के अंदर कारवाई हो रही है और परेशानी इसलिए वक्त बैंक के हुए है जो कि मुसलमान मुसलमान के नाम पर कुछ समय से हंगामा खड़ा कर रहा था और आज थोड़ा बैकफुट पर आया दो दिन तक और तीसरे दिन से अपना असली चेहरा दिखाने लगा। 3032 ऐसे बड़े नेता हैं जो टारगेट लिस्ट में हैं। मोदी ने आदेश दिया है और अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं इन लोगों के खिलाफ कारवाई करने के लिए और ओवैसी जो कि बहुत दिनों से चीख-चिल्ला रहा था। पाकिस्तान के खिलाफ बोलता तो है लेकिन कांस्परेसी पाकिस्तान के लिए करता है।

ये सेटिंग करने वाले ये पूरा गैंग के अब एक-एक मेंबर को तोड़ा जा रहा है। इसलिए ये विपक्ष में बैठे हुए बड़े-बड़े नेता भी परेशान हैं। शरद पवार हो, अखिलेश यादव हो या फिर राहुल गांधी हो इन लोगों ने एक माहौल चेंज करने की कोशिश की है कि देखो देश के अंदर अभी सेंटीमेंट जागा हुआ है। और वो सेंटीमेंट किसके प्रति है? वो सेंटीमेंट है कि मुसलमानों ने मिलजुलकर हिंदुओं के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। यह वक्फ गैंग ने कहा था जंगे आजादी की दूसरी लड़ाई है। तो ये जो जंग छेड़ने की कोशिश की थी अब हम उस जंग का अंत करने जा रहे हैं। इसीलिए इन लोगों को लगता है कि अगर इसमें माहौल इस तरह से हिंदुओं के अंदर से बनपा तो फिर हमारी राजनीतिक सियासती सियासत का पूरा रंग बिखर जाएगा और आगे भविष्य में राजनीति करने के लायक नहीं रहेंगे। इसलिए यह पीठ पीछे छुड़ा भोकने की रणनीति पर काम करता है। मीटिंग होती है रात में फोन पर बातचीत होती है। 28 पार्टियां जो इंडी अलायंस का पार्टनर हुआ करती थी। ये सारे के सारी पार्टियां आपस में मिलजुलकर यही रणनीति बना रही है कि कैसे इस माहौल को शांत करें और उसके लिए उपाय इसके पास एक ही है कि जितनी भी समस्या है उसका जिम्मेदार सरकार को ठहराओ जैसे पुलवामा के समय ठहराए थे उरी के समय ठहराए थे ऐसे ही कहो और ये कहना भी शुरू कर दिया कि जब पुलवामा में आरडीएक्स आ गया था उसके बाद सिक्योरिटी की इतनी बड़ी व्यवस्था थी तो यहां पर बंदूक लेकर AK- 47 लेकर टेररिस्ट कैसे आ गया? इसके लिए सुरक्षा चूक है। यह हिंदुस्तान के उन गद्दारों की बात नहीं है। बल्कि सरकार ने कुछ ऐसा करवाया। अखिलेश यादव तोयहां तक बोल दिया कि ये सारी घटनाओं के पीछे कौन है? यह बच्चा-बच्चा समझ सकता है। ये मुद्दे डायवर्ट करने की कोशिश है। बेरोजगारी, महंगाई। यह हमेशा जब भी कोई सेंसिटिव मुद्दा आता है, जब भी कोई राष्ट्रीय हित का मुद्दा आता है, देश के स्वाभिमान का मुद्दा आता है, तो ये लोग यही चार पांच शब्द अल्पसंख्यक, बेरोजगारी, महंगाई ऐसे ही शब्द गढ़ के लोगों का दिमाग भटकाने की कोशिश करता है। और इन्हीं लोगों के कारण अभी तक इसके खिलाफ कार्रवाई कभी कठोर नहीं हो पाई। 70 साल हो गया। अब तक पाकिस्तान कब का निपट गया होता लेकिन हमने कार्रवाई नहीं की। अब जब कार्रवाई हो रही है तो ये बिल से धीरे-धीरे निकल कर हंगामा खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं और दो-चार दिन के अंदर यह फिर से हंगामा करेगा।

यह 5 तारीख को जो वक्त पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। उस समय फिर से इकट्ठा होगा और इस मुद्दे को डायवर्ट करने की कोशिश करेगा। लेकिन उससे पहले इसका इलाज शुरू हो गया है। धरपकड़ चल रहा है। गिरफ्तारियां हो रही है और इन लोगों के ऐसे ऐसे कारनामे उजागर हो रहे हैं कि अब बाहर निकलने की कोशिश नहीं करेगा क्योंकि इलाज जरूरी था और ऐसे समय में जो भी पाकिस्तान का नाम लिया उसके सपोर्ट में एक बात कही उसकी खैर नहीं होगी। क्योंकि अभी देश की समस्या सिर्फ एक ही है कि पाकिस्तान ने आतंकवादी भेजे। उसने षड्यंत्र कास्परेसी की और उस साजिश में हिंदुस्तान के कुछ लोग शामिल हैं और कश्मीर के बड़े-बड़े पॉलिटिकल लीडर भी उसके सिंपैथाइजर हैं। कहीं ना कहीं इनडायरेक्ट कनेक्शन उसका है। तो इस पूरे नेटवर्क को तोड़ा जाए, क्रैकडाउन किया जाए और इसी आधार पर अमित शाह ने सारे राज्यों में अलर्ट जारी कर सबको निर्देश दिया है|


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गृह मंत्री अमित शाह 32 से अधिक पाकिस्तान समर्थक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे

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गृह मंत्री अमित शाह 32 से अधिक पाकिस्तान समर्थक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे

 पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन तो लिए जा रहे हैं लेकिन उसके साथ-साथ देश में वो लोग भी हैं वक्फ गैंग के वो मेंबर भी हैं जो छुपे तौर पर पाकिस्तान का सपोर्ट कर रहा है। भारत सरकार को कमजोर करने की कोशिश कर रही है और वहीं विपक्षी पार्टी के कुछ नेता भी हैं जो चाहते हैं कि किसी तरीके से सरकार पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन कमजोर कर दे ताकि उन लोगों को बताने के लिए हो कि देखो हमने मुसलमानों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कम कर दी है। अब एक्शन उन लोगों के खिलाफ हो रहा है। यह वक्फ गैंग के 180 संगठनों की बात कर रहा था ताल कटोरा स्टेडियम में। सब लोग इकट्ठा होकर बोला कि देखो भाई बफ की सुरक्षा के लिए हम लोग एकजुट हैं। सिया और सुन्नी भी एकजुट हैं। कोई एक दूसरे से बैर नहीं है। हम इकट्ठा होकर सरकार को झुका देंगे। लेकिन वो 180 संगठन आज बिल में दुबका हुआ है। ओवैसी पहले उतरा था मैदान में। पहला दिन उसने ऐसी बातें की कि लगा इमोशनल हो गया है। लगा उसे हिंदुओं की हत्या किए जाने पर इतना बड़ा अफसोस है। लेकिन यह सच्चाई नहीं थी क्योंकि उसका भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ये असदुद्दीन ओवैसी का भाई अकबरुद्दीन ओवैसी जो कि बार-बार यह चैलेंज करता रहा था 5 मिनट के लिए पुलिस हटा लो हम दिखा देंगे। वो भी कुछ दिन के अंदर बदला और उसने इस मुद्दे पर सीधे तौर पर कहा ये हिंदू मुसलमान की बात नहीं है।


ये तो फर्जी बातें फैलाई जा रही है। यहां तक कि 26 जो लोगों की लिस्ट जिनको हत्या की गई थी उनकी लिस्ट सामने आई और उस लिस्ट में ऐसे फर्जीवाड़ा किया गया कि बताया जाने लगा देखो सरकार ने गलत इंफॉर्मेशन दिया है और वो लिस्ट सोशल मीडिया पर इधर-उधर वायरल किया जाने लगा जिसमें कहा गया कि मरने वालों में से 14 तो कश्मीर के मुसलमान थे। सरकार गलत बात कह रही है और ना ही यह जो हंगामा चल रहा है पूरे देश में कि हिंदुओं को पहचान करके मारा गया था ये पूरी तरह से गलत है। फर्जी ऐसी कि असम से लेकर कर्नाटक और केरल तक यही कांस्परेसी यह मौलाना गैंग चला रहा है। इसलिए एक्शन तो इसके खिलाफ हो रहा है। कश्मीर से शुरू हुआ।

एक्शन अलग-अलग स्टेट में भी है और तभी विपक्ष और मौलाना गैंग के 32 से ज्यादा नेताओं के खिलाफ एक्शन चल रहा है। क्योंकि इन लोगों ने अलग-अलग समय पर पाकिस्तान के सपोर्ट करने के नए-नए तरीके अपनाए हैं। उसमें उमर अब्दुल्लाह को देखिए, महबूबा मुफ्त को देखिए और ओवैसी को देखिए। ये तीनों के चार दिन के स्टेटमेंट में ऐसी बातें हैं जिससे दिख रहा है यह पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहता। उमर अब्दुल्लाह जो कि पूरा खानदान ही इसका पाकिस्तान के सपोर्ट में रहा है। फारूक अब्दुल्लाह यह कहा करता है अभी चुपचाप बैठा है कुछ दिन से। लेकिन यही फारूक अब्दुल्लाह बार-बार इस बात के लिए सरकार को कहता था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के बिना कश्मीर की समस्या का समाधान नहीं होगा। और यही फारूक अब्दुल्लाह बार-बार ये धमकी देता रहा कि देखो अगर हिंदुस्तान पाकिस्तान के खिलाफ कोई कड़ी कारवाई करती है तो पाकिस्तान भी उल्टा कारवाई करेगा। उसके पास परमाणु बम है। ये फारूक अब्दुल्लाह की बात है। और उसी का बेटा उमर अब्दुल्लाह अभी फंसा हुआ है इस बात के लिए कि जितने परेशानियां लोकल ऑथॉरिटी ने पैदा की है और जम्मू कश्मीर में जो पूरा नेटवर्क तोड़ा जा रहा है। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई सपोर्टर हैं, नेता हैं। डिस्ट्रिक्ट लेवल पर इनके नेता भी पकड़े जा रहे हैं। 75 से ज्यादा लोगों को हिरासत में जो लिया गया वो केवल आतंकी नहीं थे बल्कि आतंकी फंडिंग के इनके सोर्स इन्हीं लोगों ने बनाया था। यानी टेरर फंडिंग भी ये करता रहा था। राशिद इंजीनियर जैसे लोग जो टेरर फंडिंग में अभी जेल के अंदर है उसकी पार्टी के भी कई नेता पकड़े जा रहे हैं। क्योंकि राशिद इंजीनियर जिसका ऊपर आरोप ही इस बात के लिए है कि ये टेरर फंडिंग करके वहां कश्मीर में आतंकवाद फैलाता है और जिसके कारण कश्मीर के लोगों की स्थिति देखिए कि ऐसे टेरर फंडिंग के आरोप में जेल में बैठा हुआ उस व्यक्ति को वोट देकर सांसद बना देता है। क्योंकि इन लोगों को हिंदुस्तान की परवाह नहीं। यह अभी भी पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। इसके सिंपैथी हिंदुस्तान के प्रति नहीं पाकिस्तान के प्रति है। और जितना भी अभी चार दिन से चीख-चिल्ला कर बोल ले ऊपरी तौर पर कह ले राष्ट्रभक्ति दिखाने की कोशिश कर ले विश्वास इसके ऊपर नहीं है। इसलिए जम्मू कश्मीर में तो एक्शन हो ही रहे हैं। लेकिन दूसरे जगह पर भी एक्शन हो रहे हैं। असम के अंदर पांच छह ऐसे नेताओं को पकड़ा गया है जो कि डायरेक्ट नहीं तो इनडायरेक्ट सपोर्ट पाकिस्तान का कर रहा है और इनडायरेक्ट सपोर्ट का तरीका क्या है कि भारत के इस कार्रवाई का विरोध करो। इनडायरेक्टली यह कहने की कोशिश करो कि नहीं भारत सरकार यह जो कारवाई कर रही है वो सफिशिएंट नहीं है। यह समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। भले ही पाकिस्तान कितना भी कांपते रहे। पाकिस्तान की परेशानी कितनी बढ़ते रहे। पाकिस्तान एक-एक देश का दरवाजा खटखटा रहा है। लेकिन यहां पर ऐसी बातें की जा रही है कि देखो पाकिस्तान को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसीलिए इन लोगों के खिलाफ एक्शन हो रहा है।

ये विपक्ष में बैठे हुए नेता जिनके दिमाग में चल रहा है मुस्लिम तुष्टीरण और आज भी वही बात बार-बार दोहरा रहे हैं जो कि पिछले 70 सालों से दोहरा रहा था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत से ही समाधान हो सकता है। उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती क्योंकि अभी तो सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ है और पाकिस्तानी जो हिंदुस्तान में बैठे हुए हैं एक-एक कर बाहर निकाला जा रहा है। 2 दिन का समय और है। सारे हॉस्पिटल को अलर्ट जारी कर दिया गया है कि कितना भी क्रिटिकल केस हो ऐसा नहीं कि आप मेडिकल सपोर्ट के आधार पर कह दोगे कि इनका मामला तो ज्यादा क्रिटिकल है। इसलिए अभी ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकले हैं। 10 दिन की जरूरत है इन्हें हॉस्पिटल में रहने के लिए। ऐसा नहीं होगा। कितना भी क्रिटिकल केस हो जितना समय दिया गया यानी कि 30 तारीख के अंदर उसको बाहर भेजने की व्यवस्था करो। चाहे वो एयर एंबुलेंस के सहारे ही क्यों ना जाना पड़े उसे लेकिन हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

ये सार्क का कोई भी ये डील जो चल रहा था पहले से इन लोगों ने सहानुभूति दिखाने की कोशिश की थी। अब कोई सहानुभूति नहीं है। पाकिस्तान का हर नागरिक पाकिस्तानी है और वो हमारा दुश्मन है। यही विचार करके सरकार ने एक्शन शुरू किया है। इसलिए सारे हॉस्पिटल में ये खोजबीन भी जारी है कि इन लोगों पर भी पूरा तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता। यह पैसे के लिए जमीर बेच सकते हैं। अभी हॉस्पिटल का धंधा ऐसे ही है कि पाकिस्तान से भी इन लोगों की कमाई हो रही है। इसलिए सबसे पहले शुरुआत की गई है दिल्ली एनसीआर के सारे हॉस्पिटल से कि वहां पर एक भी जो भी पाकिस्तान के लोग यहां के हॉस्पिटल में इलाज करवा रहा है उसकी लिस्ट सरकार को सौंपी जाए और वो खाली करके जाएगा। इसकी सूचना भी सरकार को दी जानी चाहिए। इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ आंतरिक तरीके से देश के अंदर कारवाई हो रही है और परेशानी इसलिए वक्त बैंक के हुए है जो कि मुसलमान मुसलमान के नाम पर कुछ समय से हंगामा खड़ा कर रहा था और आज थोड़ा बैकफुट पर आया दो दिन तक और तीसरे दिन से अपना असली चेहरा दिखाने लगा। 3032 ऐसे बड़े नेता हैं जो टारगेट लिस्ट में हैं। मोदी ने आदेश दिया है और अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं इन लोगों के खिलाफ कारवाई करने के लिए और ओवैसी जो कि बहुत दिनों से चीख-चिल्ला रहा था। पाकिस्तान के खिलाफ बोलता तो है लेकिन कांस्परेसी पाकिस्तान के लिए करता है।

ये सेटिंग करने वाले ये पूरा गैंग के अब एक-एक मेंबर को तोड़ा जा रहा है। इसलिए ये विपक्ष में बैठे हुए बड़े-बड़े नेता भी परेशान हैं। शरद पवार हो, अखिलेश यादव हो या फिर राहुल गांधी हो इन लोगों ने एक माहौल चेंज करने की कोशिश की है कि देखो देश के अंदर अभी सेंटीमेंट जागा हुआ है। और वो सेंटीमेंट किसके प्रति है? वो सेंटीमेंट है कि मुसलमानों ने मिलजुलकर हिंदुओं के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। यह वक्फ गैंग ने कहा था जंगे आजादी की दूसरी लड़ाई है। तो ये जो जंग छेड़ने की कोशिश की थी अब हम उस जंग का अंत करने जा रहे हैं। इसीलिए इन लोगों को लगता है कि अगर इसमें माहौल इस तरह से हिंदुओं के अंदर से बनपा तो फिर हमारी राजनीतिक सियासती सियासत का पूरा रंग बिखर जाएगा और आगे भविष्य में राजनीति करने के लायक नहीं रहेंगे। इसलिए यह पीठ पीछे छुड़ा भोकने की रणनीति पर काम करता है। मीटिंग होती है रात में फोन पर बातचीत होती है। 28 पार्टियां जो इंडी अलायंस का पार्टनर हुआ करती थी। ये सारे के सारी पार्टियां आपस में मिलजुलकर यही रणनीति बना रही है कि कैसे इस माहौल को शांत करें और उसके लिए उपाय इसके पास एक ही है कि जितनी भी समस्या है उसका जिम्मेदार सरकार को ठहराओ जैसे पुलवामा के समय ठहराए थे उरी के समय ठहराए थे ऐसे ही कहो और ये कहना भी शुरू कर दिया कि जब पुलवामा में आरडीएक्स आ गया था उसके बाद सिक्योरिटी की इतनी बड़ी व्यवस्था थी तो यहां पर बंदूक लेकर AK- 47 लेकर टेररिस्ट कैसे आ गया? इसके लिए सुरक्षा चूक है। यह हिंदुस्तान के उन गद्दारों की बात नहीं है। बल्कि सरकार ने कुछ ऐसा करवाया। अखिलेश यादव तोयहां तक बोल दिया कि ये सारी घटनाओं के पीछे कौन है? यह बच्चा-बच्चा समझ सकता है। ये मुद्दे डायवर्ट करने की कोशिश है। बेरोजगारी, महंगाई। यह हमेशा जब भी कोई सेंसिटिव मुद्दा आता है, जब भी कोई राष्ट्रीय हित का मुद्दा आता है, देश के स्वाभिमान का मुद्दा आता है, तो ये लोग यही चार पांच शब्द अल्पसंख्यक, बेरोजगारी, महंगाई ऐसे ही शब्द गढ़ के लोगों का दिमाग भटकाने की कोशिश करता है। और इन्हीं लोगों के कारण अभी तक इसके खिलाफ कार्रवाई कभी कठोर नहीं हो पाई। 70 साल हो गया। अब तक पाकिस्तान कब का निपट गया होता लेकिन हमने कार्रवाई नहीं की। अब जब कार्रवाई हो रही है तो ये बिल से धीरे-धीरे निकल कर हंगामा खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं और दो-चार दिन के अंदर यह फिर से हंगामा करेगा।

यह 5 तारीख को जो वक्त पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। उस समय फिर से इकट्ठा होगा और इस मुद्दे को डायवर्ट करने की कोशिश करेगा। लेकिन उससे पहले इसका इलाज शुरू हो गया है। धरपकड़ चल रहा है। गिरफ्तारियां हो रही है और इन लोगों के ऐसे ऐसे कारनामे उजागर हो रहे हैं कि अब बाहर निकलने की कोशिश नहीं करेगा क्योंकि इलाज जरूरी था और ऐसे समय में जो भी पाकिस्तान का नाम लिया उसके सपोर्ट में एक बात कही उसकी खैर नहीं होगी। क्योंकि अभी देश की समस्या सिर्फ एक ही है कि पाकिस्तान ने आतंकवादी भेजे। उसने षड्यंत्र कास्परेसी की और उस साजिश में हिंदुस्तान के कुछ लोग शामिल हैं और कश्मीर के बड़े-बड़े पॉलिटिकल लीडर भी उसके सिंपैथाइजर हैं। कहीं ना कहीं इनडायरेक्ट कनेक्शन उसका है। तो इस पूरे नेटवर्क को तोड़ा जाए, क्रैकडाउन किया जाए और इसी आधार पर अमित शाह ने सारे राज्यों में अलर्ट जारी कर सबको निर्देश दिया है|


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गृह मंत्री अमित शाह 32 से अधिक पाकिस्तान समर्थक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे
गृह मंत्री अमित शाह 32 से अधिक पाकिस्तान समर्थक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे

 पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन तो लिए जा रहे हैं लेकिन उसके साथ-साथ देश में वो लोग भी हैं वक्फ गैंग के वो मेंबर भी हैं जो छुपे तौर पर पाकिस्तान का सपोर्ट कर रहा है। भारत सरकार को कमजोर करने की कोशिश कर रही है और वहीं विपक्षी पार्टी के कुछ नेता भी हैं जो चाहते हैं कि किसी तरीके से सरकार पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन कमजोर कर दे ताकि उन लोगों को बताने के लिए हो कि देखो हमने मुसलमानों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कम कर दी है। अब एक्शन उन लोगों के खिलाफ हो रहा है। यह वक्फ गैंग के 180 संगठनों की बात कर रहा था ताल कटोरा स्टेडियम में। सब लोग इकट्ठा होकर बोला कि देखो भाई बफ की सुरक्षा के लिए हम लोग एकजुट हैं। सिया और सुन्नी भी एकजुट हैं। कोई एक दूसरे से बैर नहीं है। हम इकट्ठा होकर सरकार को झुका देंगे। लेकिन वो 180 संगठन आज बिल में दुबका हुआ है। ओवैसी पहले उतरा था मैदान में। पहला दिन उसने ऐसी बातें की कि लगा इमोशनल हो गया है। लगा उसे हिंदुओं की हत्या किए जाने पर इतना बड़ा अफसोस है। लेकिन यह सच्चाई नहीं थी क्योंकि उसका भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ये असदुद्दीन ओवैसी का भाई अकबरुद्दीन ओवैसी जो कि बार-बार यह चैलेंज करता रहा था 5 मिनट के लिए पुलिस हटा लो हम दिखा देंगे। वो भी कुछ दिन के अंदर बदला और उसने इस मुद्दे पर सीधे तौर पर कहा ये हिंदू मुसलमान की बात नहीं है।


ये तो फर्जी बातें फैलाई जा रही है। यहां तक कि 26 जो लोगों की लिस्ट जिनको हत्या की गई थी उनकी लिस्ट सामने आई और उस लिस्ट में ऐसे फर्जीवाड़ा किया गया कि बताया जाने लगा देखो सरकार ने गलत इंफॉर्मेशन दिया है और वो लिस्ट सोशल मीडिया पर इधर-उधर वायरल किया जाने लगा जिसमें कहा गया कि मरने वालों में से 14 तो कश्मीर के मुसलमान थे। सरकार गलत बात कह रही है और ना ही यह जो हंगामा चल रहा है पूरे देश में कि हिंदुओं को पहचान करके मारा गया था ये पूरी तरह से गलत है। फर्जी ऐसी कि असम से लेकर कर्नाटक और केरल तक यही कांस्परेसी यह मौलाना गैंग चला रहा है। इसलिए एक्शन तो इसके खिलाफ हो रहा है। कश्मीर से शुरू हुआ।

एक्शन अलग-अलग स्टेट में भी है और तभी विपक्ष और मौलाना गैंग के 32 से ज्यादा नेताओं के खिलाफ एक्शन चल रहा है। क्योंकि इन लोगों ने अलग-अलग समय पर पाकिस्तान के सपोर्ट करने के नए-नए तरीके अपनाए हैं। उसमें उमर अब्दुल्लाह को देखिए, महबूबा मुफ्त को देखिए और ओवैसी को देखिए। ये तीनों के चार दिन के स्टेटमेंट में ऐसी बातें हैं जिससे दिख रहा है यह पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहता। उमर अब्दुल्लाह जो कि पूरा खानदान ही इसका पाकिस्तान के सपोर्ट में रहा है। फारूक अब्दुल्लाह यह कहा करता है अभी चुपचाप बैठा है कुछ दिन से। लेकिन यही फारूक अब्दुल्लाह बार-बार इस बात के लिए सरकार को कहता था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के बिना कश्मीर की समस्या का समाधान नहीं होगा। और यही फारूक अब्दुल्लाह बार-बार ये धमकी देता रहा कि देखो अगर हिंदुस्तान पाकिस्तान के खिलाफ कोई कड़ी कारवाई करती है तो पाकिस्तान भी उल्टा कारवाई करेगा। उसके पास परमाणु बम है। ये फारूक अब्दुल्लाह की बात है। और उसी का बेटा उमर अब्दुल्लाह अभी फंसा हुआ है इस बात के लिए कि जितने परेशानियां लोकल ऑथॉरिटी ने पैदा की है और जम्मू कश्मीर में जो पूरा नेटवर्क तोड़ा जा रहा है। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई सपोर्टर हैं, नेता हैं। डिस्ट्रिक्ट लेवल पर इनके नेता भी पकड़े जा रहे हैं। 75 से ज्यादा लोगों को हिरासत में जो लिया गया वो केवल आतंकी नहीं थे बल्कि आतंकी फंडिंग के इनके सोर्स इन्हीं लोगों ने बनाया था। यानी टेरर फंडिंग भी ये करता रहा था। राशिद इंजीनियर जैसे लोग जो टेरर फंडिंग में अभी जेल के अंदर है उसकी पार्टी के भी कई नेता पकड़े जा रहे हैं। क्योंकि राशिद इंजीनियर जिसका ऊपर आरोप ही इस बात के लिए है कि ये टेरर फंडिंग करके वहां कश्मीर में आतंकवाद फैलाता है और जिसके कारण कश्मीर के लोगों की स्थिति देखिए कि ऐसे टेरर फंडिंग के आरोप में जेल में बैठा हुआ उस व्यक्ति को वोट देकर सांसद बना देता है। क्योंकि इन लोगों को हिंदुस्तान की परवाह नहीं। यह अभी भी पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। इसके सिंपैथी हिंदुस्तान के प्रति नहीं पाकिस्तान के प्रति है। और जितना भी अभी चार दिन से चीख-चिल्ला कर बोल ले ऊपरी तौर पर कह ले राष्ट्रभक्ति दिखाने की कोशिश कर ले विश्वास इसके ऊपर नहीं है। इसलिए जम्मू कश्मीर में तो एक्शन हो ही रहे हैं। लेकिन दूसरे जगह पर भी एक्शन हो रहे हैं। असम के अंदर पांच छह ऐसे नेताओं को पकड़ा गया है जो कि डायरेक्ट नहीं तो इनडायरेक्ट सपोर्ट पाकिस्तान का कर रहा है और इनडायरेक्ट सपोर्ट का तरीका क्या है कि भारत के इस कार्रवाई का विरोध करो। इनडायरेक्टली यह कहने की कोशिश करो कि नहीं भारत सरकार यह जो कारवाई कर रही है वो सफिशिएंट नहीं है। यह समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। भले ही पाकिस्तान कितना भी कांपते रहे। पाकिस्तान की परेशानी कितनी बढ़ते रहे। पाकिस्तान एक-एक देश का दरवाजा खटखटा रहा है। लेकिन यहां पर ऐसी बातें की जा रही है कि देखो पाकिस्तान को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसीलिए इन लोगों के खिलाफ एक्शन हो रहा है।

ये विपक्ष में बैठे हुए नेता जिनके दिमाग में चल रहा है मुस्लिम तुष्टीरण और आज भी वही बात बार-बार दोहरा रहे हैं जो कि पिछले 70 सालों से दोहरा रहा था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत से ही समाधान हो सकता है। उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती क्योंकि अभी तो सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ है और पाकिस्तानी जो हिंदुस्तान में बैठे हुए हैं एक-एक कर बाहर निकाला जा रहा है। 2 दिन का समय और है। सारे हॉस्पिटल को अलर्ट जारी कर दिया गया है कि कितना भी क्रिटिकल केस हो ऐसा नहीं कि आप मेडिकल सपोर्ट के आधार पर कह दोगे कि इनका मामला तो ज्यादा क्रिटिकल है। इसलिए अभी ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकले हैं। 10 दिन की जरूरत है इन्हें हॉस्पिटल में रहने के लिए। ऐसा नहीं होगा। कितना भी क्रिटिकल केस हो जितना समय दिया गया यानी कि 30 तारीख के अंदर उसको बाहर भेजने की व्यवस्था करो। चाहे वो एयर एंबुलेंस के सहारे ही क्यों ना जाना पड़े उसे लेकिन हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

ये सार्क का कोई भी ये डील जो चल रहा था पहले से इन लोगों ने सहानुभूति दिखाने की कोशिश की थी। अब कोई सहानुभूति नहीं है। पाकिस्तान का हर नागरिक पाकिस्तानी है और वो हमारा दुश्मन है। यही विचार करके सरकार ने एक्शन शुरू किया है। इसलिए सारे हॉस्पिटल में ये खोजबीन भी जारी है कि इन लोगों पर भी पूरा तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता। यह पैसे के लिए जमीर बेच सकते हैं। अभी हॉस्पिटल का धंधा ऐसे ही है कि पाकिस्तान से भी इन लोगों की कमाई हो रही है। इसलिए सबसे पहले शुरुआत की गई है दिल्ली एनसीआर के सारे हॉस्पिटल से कि वहां पर एक भी जो भी पाकिस्तान के लोग यहां के हॉस्पिटल में इलाज करवा रहा है उसकी लिस्ट सरकार को सौंपी जाए और वो खाली करके जाएगा। इसकी सूचना भी सरकार को दी जानी चाहिए। इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ आंतरिक तरीके से देश के अंदर कारवाई हो रही है और परेशानी इसलिए वक्त बैंक के हुए है जो कि मुसलमान मुसलमान के नाम पर कुछ समय से हंगामा खड़ा कर रहा था और आज थोड़ा बैकफुट पर आया दो दिन तक और तीसरे दिन से अपना असली चेहरा दिखाने लगा। 3032 ऐसे बड़े नेता हैं जो टारगेट लिस्ट में हैं। मोदी ने आदेश दिया है और अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं इन लोगों के खिलाफ कारवाई करने के लिए और ओवैसी जो कि बहुत दिनों से चीख-चिल्ला रहा था। पाकिस्तान के खिलाफ बोलता तो है लेकिन कांस्परेसी पाकिस्तान के लिए करता है।

ये सेटिंग करने वाले ये पूरा गैंग के अब एक-एक मेंबर को तोड़ा जा रहा है। इसलिए ये विपक्ष में बैठे हुए बड़े-बड़े नेता भी परेशान हैं। शरद पवार हो, अखिलेश यादव हो या फिर राहुल गांधी हो इन लोगों ने एक माहौल चेंज करने की कोशिश की है कि देखो देश के अंदर अभी सेंटीमेंट जागा हुआ है। और वो सेंटीमेंट किसके प्रति है? वो सेंटीमेंट है कि मुसलमानों ने मिलजुलकर हिंदुओं के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। यह वक्फ गैंग ने कहा था जंगे आजादी की दूसरी लड़ाई है। तो ये जो जंग छेड़ने की कोशिश की थी अब हम उस जंग का अंत करने जा रहे हैं। इसीलिए इन लोगों को लगता है कि अगर इसमें माहौल इस तरह से हिंदुओं के अंदर से बनपा तो फिर हमारी राजनीतिक सियासती सियासत का पूरा रंग बिखर जाएगा और आगे भविष्य में राजनीति करने के लायक नहीं रहेंगे। इसलिए यह पीठ पीछे छुड़ा भोकने की रणनीति पर काम करता है। मीटिंग होती है रात में फोन पर बातचीत होती है। 28 पार्टियां जो इंडी अलायंस का पार्टनर हुआ करती थी। ये सारे के सारी पार्टियां आपस में मिलजुलकर यही रणनीति बना रही है कि कैसे इस माहौल को शांत करें और उसके लिए उपाय इसके पास एक ही है कि जितनी भी समस्या है उसका जिम्मेदार सरकार को ठहराओ जैसे पुलवामा के समय ठहराए थे उरी के समय ठहराए थे ऐसे ही कहो और ये कहना भी शुरू कर दिया कि जब पुलवामा में आरडीएक्स आ गया था उसके बाद सिक्योरिटी की इतनी बड़ी व्यवस्था थी तो यहां पर बंदूक लेकर AK- 47 लेकर टेररिस्ट कैसे आ गया? इसके लिए सुरक्षा चूक है। यह हिंदुस्तान के उन गद्दारों की बात नहीं है। बल्कि सरकार ने कुछ ऐसा करवाया। अखिलेश यादव तोयहां तक बोल दिया कि ये सारी घटनाओं के पीछे कौन है? यह बच्चा-बच्चा समझ सकता है। ये मुद्दे डायवर्ट करने की कोशिश है। बेरोजगारी, महंगाई। यह हमेशा जब भी कोई सेंसिटिव मुद्दा आता है, जब भी कोई राष्ट्रीय हित का मुद्दा आता है, देश के स्वाभिमान का मुद्दा आता है, तो ये लोग यही चार पांच शब्द अल्पसंख्यक, बेरोजगारी, महंगाई ऐसे ही शब्द गढ़ के लोगों का दिमाग भटकाने की कोशिश करता है। और इन्हीं लोगों के कारण अभी तक इसके खिलाफ कार्रवाई कभी कठोर नहीं हो पाई। 70 साल हो गया। अब तक पाकिस्तान कब का निपट गया होता लेकिन हमने कार्रवाई नहीं की। अब जब कार्रवाई हो रही है तो ये बिल से धीरे-धीरे निकल कर हंगामा खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं और दो-चार दिन के अंदर यह फिर से हंगामा करेगा।

यह 5 तारीख को जो वक्त पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। उस समय फिर से इकट्ठा होगा और इस मुद्दे को डायवर्ट करने की कोशिश करेगा। लेकिन उससे पहले इसका इलाज शुरू हो गया है। धरपकड़ चल रहा है। गिरफ्तारियां हो रही है और इन लोगों के ऐसे ऐसे कारनामे उजागर हो रहे हैं कि अब बाहर निकलने की कोशिश नहीं करेगा क्योंकि इलाज जरूरी था और ऐसे समय में जो भी पाकिस्तान का नाम लिया उसके सपोर्ट में एक बात कही उसकी खैर नहीं होगी। क्योंकि अभी देश की समस्या सिर्फ एक ही है कि पाकिस्तान ने आतंकवादी भेजे। उसने षड्यंत्र कास्परेसी की और उस साजिश में हिंदुस्तान के कुछ लोग शामिल हैं और कश्मीर के बड़े-बड़े पॉलिटिकल लीडर भी उसके सिंपैथाइजर हैं। कहीं ना कहीं इनडायरेक्ट कनेक्शन उसका है। तो इस पूरे नेटवर्क को तोड़ा जाए, क्रैकडाउन किया जाए और इसी आधार पर अमित शाह ने सारे राज्यों में अलर्ट जारी कर सबको निर्देश दिया है|


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April 27, 2025 at 04:11PM
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April 27, 2025 at 04:13PM

गृह मंत्री अमित शाह 32 से अधिक पाकिस्तान समर्थक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे

गृह मंत्री अमित शाह 32 से अधिक पाकिस्तान समर्थक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगे

 पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन तो लिए जा रहे हैं लेकिन उसके साथ-साथ देश में वो लोग भी हैं वक्फ गैंग के वो मेंबर भी हैं जो छुपे तौर पर पाकिस्तान का सपोर्ट कर रहा है। भारत सरकार को कमजोर करने की कोशिश कर रही है और वहीं विपक्षी पार्टी के कुछ नेता भी हैं जो चाहते हैं कि किसी तरीके से सरकार पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन कमजोर कर दे ताकि उन लोगों को बताने के लिए हो कि देखो हमने मुसलमानों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कम कर दी है। अब एक्शन उन लोगों के खिलाफ हो रहा है। यह वक्फ गैंग के 180 संगठनों की बात कर रहा था ताल कटोरा स्टेडियम में। सब लोग इकट्ठा होकर बोला कि देखो भाई बफ की सुरक्षा के लिए हम लोग एकजुट हैं। सिया और सुन्नी भी एकजुट हैं। कोई एक दूसरे से बैर नहीं है। हम इकट्ठा होकर सरकार को झुका देंगे। लेकिन वो 180 संगठन आज बिल में दुबका हुआ है। ओवैसी पहले उतरा था मैदान में। पहला दिन उसने ऐसी बातें की कि लगा इमोशनल हो गया है। लगा उसे हिंदुओं की हत्या किए जाने पर इतना बड़ा अफसोस है। लेकिन यह सच्चाई नहीं थी क्योंकि उसका भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ये असदुद्दीन ओवैसी का भाई अकबरुद्दीन ओवैसी जो कि बार-बार यह चैलेंज करता रहा था 5 मिनट के लिए पुलिस हटा लो हम दिखा देंगे। वो भी कुछ दिन के अंदर बदला और उसने इस मुद्दे पर सीधे तौर पर कहा ये हिंदू मुसलमान की बात नहीं है।


ये तो फर्जी बातें फैलाई जा रही है। यहां तक कि 26 जो लोगों की लिस्ट जिनको हत्या की गई थी उनकी लिस्ट सामने आई और उस लिस्ट में ऐसे फर्जीवाड़ा किया गया कि बताया जाने लगा देखो सरकार ने गलत इंफॉर्मेशन दिया है और वो लिस्ट सोशल मीडिया पर इधर-उधर वायरल किया जाने लगा जिसमें कहा गया कि मरने वालों में से 14 तो कश्मीर के मुसलमान थे। सरकार गलत बात कह रही है और ना ही यह जो हंगामा चल रहा है पूरे देश में कि हिंदुओं को पहचान करके मारा गया था ये पूरी तरह से गलत है। फर्जी ऐसी कि असम से लेकर कर्नाटक और केरल तक यही कांस्परेसी यह मौलाना गैंग चला रहा है। इसलिए एक्शन तो इसके खिलाफ हो रहा है। कश्मीर से शुरू हुआ।

एक्शन अलग-अलग स्टेट में भी है और तभी विपक्ष और मौलाना गैंग के 32 से ज्यादा नेताओं के खिलाफ एक्शन चल रहा है। क्योंकि इन लोगों ने अलग-अलग समय पर पाकिस्तान के सपोर्ट करने के नए-नए तरीके अपनाए हैं। उसमें उमर अब्दुल्लाह को देखिए, महबूबा मुफ्त को देखिए और ओवैसी को देखिए। ये तीनों के चार दिन के स्टेटमेंट में ऐसी बातें हैं जिससे दिख रहा है यह पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहता। उमर अब्दुल्लाह जो कि पूरा खानदान ही इसका पाकिस्तान के सपोर्ट में रहा है। फारूक अब्दुल्लाह यह कहा करता है अभी चुपचाप बैठा है कुछ दिन से। लेकिन यही फारूक अब्दुल्लाह बार-बार इस बात के लिए सरकार को कहता था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के बिना कश्मीर की समस्या का समाधान नहीं होगा। और यही फारूक अब्दुल्लाह बार-बार ये धमकी देता रहा कि देखो अगर हिंदुस्तान पाकिस्तान के खिलाफ कोई कड़ी कारवाई करती है तो पाकिस्तान भी उल्टा कारवाई करेगा। उसके पास परमाणु बम है। ये फारूक अब्दुल्लाह की बात है। और उसी का बेटा उमर अब्दुल्लाह अभी फंसा हुआ है इस बात के लिए कि जितने परेशानियां लोकल ऑथॉरिटी ने पैदा की है और जम्मू कश्मीर में जो पूरा नेटवर्क तोड़ा जा रहा है। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई सपोर्टर हैं, नेता हैं। डिस्ट्रिक्ट लेवल पर इनके नेता भी पकड़े जा रहे हैं। 75 से ज्यादा लोगों को हिरासत में जो लिया गया वो केवल आतंकी नहीं थे बल्कि आतंकी फंडिंग के इनके सोर्स इन्हीं लोगों ने बनाया था। यानी टेरर फंडिंग भी ये करता रहा था। राशिद इंजीनियर जैसे लोग जो टेरर फंडिंग में अभी जेल के अंदर है उसकी पार्टी के भी कई नेता पकड़े जा रहे हैं। क्योंकि राशिद इंजीनियर जिसका ऊपर आरोप ही इस बात के लिए है कि ये टेरर फंडिंग करके वहां कश्मीर में आतंकवाद फैलाता है और जिसके कारण कश्मीर के लोगों की स्थिति देखिए कि ऐसे टेरर फंडिंग के आरोप में जेल में बैठा हुआ उस व्यक्ति को वोट देकर सांसद बना देता है। क्योंकि इन लोगों को हिंदुस्तान की परवाह नहीं। यह अभी भी पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। इसके सिंपैथी हिंदुस्तान के प्रति नहीं पाकिस्तान के प्रति है। और जितना भी अभी चार दिन से चीख-चिल्ला कर बोल ले ऊपरी तौर पर कह ले राष्ट्रभक्ति दिखाने की कोशिश कर ले विश्वास इसके ऊपर नहीं है। इसलिए जम्मू कश्मीर में तो एक्शन हो ही रहे हैं। लेकिन दूसरे जगह पर भी एक्शन हो रहे हैं। असम के अंदर पांच छह ऐसे नेताओं को पकड़ा गया है जो कि डायरेक्ट नहीं तो इनडायरेक्ट सपोर्ट पाकिस्तान का कर रहा है और इनडायरेक्ट सपोर्ट का तरीका क्या है कि भारत के इस कार्रवाई का विरोध करो। इनडायरेक्टली यह कहने की कोशिश करो कि नहीं भारत सरकार यह जो कारवाई कर रही है वो सफिशिएंट नहीं है। यह समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। भले ही पाकिस्तान कितना भी कांपते रहे। पाकिस्तान की परेशानी कितनी बढ़ते रहे। पाकिस्तान एक-एक देश का दरवाजा खटखटा रहा है। लेकिन यहां पर ऐसी बातें की जा रही है कि देखो पाकिस्तान को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसीलिए इन लोगों के खिलाफ एक्शन हो रहा है।

ये विपक्ष में बैठे हुए नेता जिनके दिमाग में चल रहा है मुस्लिम तुष्टीरण और आज भी वही बात बार-बार दोहरा रहे हैं जो कि पिछले 70 सालों से दोहरा रहा था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत से ही समाधान हो सकता है। उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती क्योंकि अभी तो सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ है और पाकिस्तानी जो हिंदुस्तान में बैठे हुए हैं एक-एक कर बाहर निकाला जा रहा है। 2 दिन का समय और है। सारे हॉस्पिटल को अलर्ट जारी कर दिया गया है कि कितना भी क्रिटिकल केस हो ऐसा नहीं कि आप मेडिकल सपोर्ट के आधार पर कह दोगे कि इनका मामला तो ज्यादा क्रिटिकल है। इसलिए अभी ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकले हैं। 10 दिन की जरूरत है इन्हें हॉस्पिटल में रहने के लिए। ऐसा नहीं होगा। कितना भी क्रिटिकल केस हो जितना समय दिया गया यानी कि 30 तारीख के अंदर उसको बाहर भेजने की व्यवस्था करो। चाहे वो एयर एंबुलेंस के सहारे ही क्यों ना जाना पड़े उसे लेकिन हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।

ये सार्क का कोई भी ये डील जो चल रहा था पहले से इन लोगों ने सहानुभूति दिखाने की कोशिश की थी। अब कोई सहानुभूति नहीं है। पाकिस्तान का हर नागरिक पाकिस्तानी है और वो हमारा दुश्मन है। यही विचार करके सरकार ने एक्शन शुरू किया है। इसलिए सारे हॉस्पिटल में ये खोजबीन भी जारी है कि इन लोगों पर भी पूरा तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता। यह पैसे के लिए जमीर बेच सकते हैं। अभी हॉस्पिटल का धंधा ऐसे ही है कि पाकिस्तान से भी इन लोगों की कमाई हो रही है। इसलिए सबसे पहले शुरुआत की गई है दिल्ली एनसीआर के सारे हॉस्पिटल से कि वहां पर एक भी जो भी पाकिस्तान के लोग यहां के हॉस्पिटल में इलाज करवा रहा है उसकी लिस्ट सरकार को सौंपी जाए और वो खाली करके जाएगा। इसकी सूचना भी सरकार को दी जानी चाहिए। इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ आंतरिक तरीके से देश के अंदर कारवाई हो रही है और परेशानी इसलिए वक्त बैंक के हुए है जो कि मुसलमान मुसलमान के नाम पर कुछ समय से हंगामा खड़ा कर रहा था और आज थोड़ा बैकफुट पर आया दो दिन तक और तीसरे दिन से अपना असली चेहरा दिखाने लगा। 3032 ऐसे बड़े नेता हैं जो टारगेट लिस्ट में हैं। मोदी ने आदेश दिया है और अमित शाह एक्शन मोड में आ गए हैं इन लोगों के खिलाफ कारवाई करने के लिए और ओवैसी जो कि बहुत दिनों से चीख-चिल्ला रहा था। पाकिस्तान के खिलाफ बोलता तो है लेकिन कांस्परेसी पाकिस्तान के लिए करता है।

ये सेटिंग करने वाले ये पूरा गैंग के अब एक-एक मेंबर को तोड़ा जा रहा है। इसलिए ये विपक्ष में बैठे हुए बड़े-बड़े नेता भी परेशान हैं। शरद पवार हो, अखिलेश यादव हो या फिर राहुल गांधी हो इन लोगों ने एक माहौल चेंज करने की कोशिश की है कि देखो देश के अंदर अभी सेंटीमेंट जागा हुआ है। और वो सेंटीमेंट किसके प्रति है? वो सेंटीमेंट है कि मुसलमानों ने मिलजुलकर हिंदुओं के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। यह वक्फ गैंग ने कहा था जंगे आजादी की दूसरी लड़ाई है। तो ये जो जंग छेड़ने की कोशिश की थी अब हम उस जंग का अंत करने जा रहे हैं। इसीलिए इन लोगों को लगता है कि अगर इसमें माहौल इस तरह से हिंदुओं के अंदर से बनपा तो फिर हमारी राजनीतिक सियासती सियासत का पूरा रंग बिखर जाएगा और आगे भविष्य में राजनीति करने के लायक नहीं रहेंगे। इसलिए यह पीठ पीछे छुड़ा भोकने की रणनीति पर काम करता है। मीटिंग होती है रात में फोन पर बातचीत होती है। 28 पार्टियां जो इंडी अलायंस का पार्टनर हुआ करती थी। ये सारे के सारी पार्टियां आपस में मिलजुलकर यही रणनीति बना रही है कि कैसे इस माहौल को शांत करें और उसके लिए उपाय इसके पास एक ही है कि जितनी भी समस्या है उसका जिम्मेदार सरकार को ठहराओ जैसे पुलवामा के समय ठहराए थे उरी के समय ठहराए थे ऐसे ही कहो और ये कहना भी शुरू कर दिया कि जब पुलवामा में आरडीएक्स आ गया था उसके बाद सिक्योरिटी की इतनी बड़ी व्यवस्था थी तो यहां पर बंदूक लेकर AK- 47 लेकर टेररिस्ट कैसे आ गया? इसके लिए सुरक्षा चूक है। यह हिंदुस्तान के उन गद्दारों की बात नहीं है। बल्कि सरकार ने कुछ ऐसा करवाया। अखिलेश यादव तोयहां तक बोल दिया कि ये सारी घटनाओं के पीछे कौन है? यह बच्चा-बच्चा समझ सकता है। ये मुद्दे डायवर्ट करने की कोशिश है। बेरोजगारी, महंगाई। यह हमेशा जब भी कोई सेंसिटिव मुद्दा आता है, जब भी कोई राष्ट्रीय हित का मुद्दा आता है, देश के स्वाभिमान का मुद्दा आता है, तो ये लोग यही चार पांच शब्द अल्पसंख्यक, बेरोजगारी, महंगाई ऐसे ही शब्द गढ़ के लोगों का दिमाग भटकाने की कोशिश करता है। और इन्हीं लोगों के कारण अभी तक इसके खिलाफ कार्रवाई कभी कठोर नहीं हो पाई। 70 साल हो गया। अब तक पाकिस्तान कब का निपट गया होता लेकिन हमने कार्रवाई नहीं की। अब जब कार्रवाई हो रही है तो ये बिल से धीरे-धीरे निकल कर हंगामा खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं और दो-चार दिन के अंदर यह फिर से हंगामा करेगा।

यह 5 तारीख को जो वक्त पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। उस समय फिर से इकट्ठा होगा और इस मुद्दे को डायवर्ट करने की कोशिश करेगा। लेकिन उससे पहले इसका इलाज शुरू हो गया है। धरपकड़ चल रहा है। गिरफ्तारियां हो रही है और इन लोगों के ऐसे ऐसे कारनामे उजागर हो रहे हैं कि अब बाहर निकलने की कोशिश नहीं करेगा क्योंकि इलाज जरूरी था और ऐसे समय में जो भी पाकिस्तान का नाम लिया उसके सपोर्ट में एक बात कही उसकी खैर नहीं होगी। क्योंकि अभी देश की समस्या सिर्फ एक ही है कि पाकिस्तान ने आतंकवादी भेजे। उसने षड्यंत्र कास्परेसी की और उस साजिश में हिंदुस्तान के कुछ लोग शामिल हैं और कश्मीर के बड़े-बड़े पॉलिटिकल लीडर भी उसके सिंपैथाइजर हैं। कहीं ना कहीं इनडायरेक्ट कनेक्शन उसका है। तो इस पूरे नेटवर्क को तोड़ा जाए, क्रैकडाउन किया जाए और इसी आधार पर अमित शाह ने सारे राज्यों में अलर्ट जारी कर सबको निर्देश दिया है|


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April 27, 2025 at 04:11PM

Saturday, April 26, 2025

What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?

What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?
What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?
What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?
What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?

Indus River Dried Bed in Hyderabad Pakistan on 24/04/2025





What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan? 


India has officially suspended the Indus Waters Treaty due to the recent Pahalgam terrorist incident, pointing to ongoing cross-border terrorism from Pakistan. The government led by Narendra Modi now aims to prevent any water from the Indus River from reaching Pakistan through various initiatives, including the construction of dams, diversion of water, and cutting off data.


India has put the Indus Waters Treaty (IWT) with Pakistan on hold, signifying a major change in its approach to water diplomacy and interactions with its neighboring country to the west.


In response to the lethal Pahalgam attack, resulting in the deaths of 26 Indian citizens, and linked to militants from Pakistan, the government has initiated a comprehensive plan designed to obstruct the flow of the Indus River's waters into Pakistan.


This declaration carries notable political, strategic, and infrastructural implications as India reassesses its strategy against terrorism through the management of resources. Understanding the significance of the Indus Waters Treaty for Pakistan. 


On April 24, 2025, India officially notified Pakistan that the Indus Waters Treaty would be placed in “abeyance”, effectively ceasing all obligations related to the treaty between the two nations. This entails halting data exchanges, meetings involving designated Indus Commissioners, and providing prior notification for any new projects in the basin. This announcement came just a day after India's public statement regarding the suspension of the longstanding agreement.


The communication was issued by Water Resources Secretary Debashree Mukherjee, who emphasized that ongoing terrorist activities originating from across the border undermine India's rights under the water-sharing treaty.


In her correspondence to her Pakistani counterpart Syed Ali Murtaza, she stated: “The principle of honoring a treaty in good faith is essential to any agreement. However, what we have encountered is a persistent pattern of cross-border terrorism from Pakistan targeting the Indian Union Territory of Jammu and Kashmir.”


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What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?

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What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?
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Indus River Dried Bed in Hyderabad Pakistan on 24/04/2025





What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan? 


India has officially suspended the Indus Waters Treaty due to the recent Pahalgam terrorist incident, pointing to ongoing cross-border terrorism from Pakistan. The government led by Narendra Modi now aims to prevent any water from the Indus River from reaching Pakistan through various initiatives, including the construction of dams, diversion of water, and cutting off data.


India has put the Indus Waters Treaty (IWT) with Pakistan on hold, signifying a major change in its approach to water diplomacy and interactions with its neighboring country to the west.


In response to the lethal Pahalgam attack, resulting in the deaths of 26 Indian citizens, and linked to militants from Pakistan, the government has initiated a comprehensive plan designed to obstruct the flow of the Indus River's waters into Pakistan.


This declaration carries notable political, strategic, and infrastructural implications as India reassesses its strategy against terrorism through the management of resources. Understanding the significance of the Indus Waters Treaty for Pakistan. 


On April 24, 2025, India officially notified Pakistan that the Indus Waters Treaty would be placed in “abeyance”, effectively ceasing all obligations related to the treaty between the two nations. This entails halting data exchanges, meetings involving designated Indus Commissioners, and providing prior notification for any new projects in the basin. This announcement came just a day after India's public statement regarding the suspension of the longstanding agreement.


The communication was issued by Water Resources Secretary Debashree Mukherjee, who emphasized that ongoing terrorist activities originating from across the border undermine India's rights under the water-sharing treaty.


In her correspondence to her Pakistani counterpart Syed Ali Murtaza, she stated: “The principle of honoring a treaty in good faith is essential to any agreement. However, what we have encountered is a persistent pattern of cross-border terrorism from Pakistan targeting the Indian Union Territory of Jammu and Kashmir.”


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April 26, 2025 at 04:13PM
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April 26, 2025 at 05:13PM

What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?

What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?
What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?

Indus River Dried Bed in Hyderabad Pakistan on 24/04/2025





What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan? 


India has officially suspended the Indus Waters Treaty due to the recent Pahalgam terrorist incident, pointing to ongoing cross-border terrorism from Pakistan. The government led by Narendra Modi now aims to prevent any water from the Indus River from reaching Pakistan through various initiatives, including the construction of dams, diversion of water, and cutting off data.


India has put the Indus Waters Treaty (IWT) with Pakistan on hold, signifying a major change in its approach to water diplomacy and interactions with its neighboring country to the west.


In response to the lethal Pahalgam attack, resulting in the deaths of 26 Indian citizens, and linked to militants from Pakistan, the government has initiated a comprehensive plan designed to obstruct the flow of the Indus River's waters into Pakistan.


This declaration carries notable political, strategic, and infrastructural implications as India reassesses its strategy against terrorism through the management of resources. Understanding the significance of the Indus Waters Treaty for Pakistan. 


On April 24, 2025, India officially notified Pakistan that the Indus Waters Treaty would be placed in “abeyance”, effectively ceasing all obligations related to the treaty between the two nations. This entails halting data exchanges, meetings involving designated Indus Commissioners, and providing prior notification for any new projects in the basin. This announcement came just a day after India's public statement regarding the suspension of the longstanding agreement.


The communication was issued by Water Resources Secretary Debashree Mukherjee, who emphasized that ongoing terrorist activities originating from across the border undermine India's rights under the water-sharing treaty.


In her correspondence to her Pakistani counterpart Syed Ali Murtaza, she stated: “The principle of honoring a treaty in good faith is essential to any agreement. However, what we have encountered is a persistent pattern of cross-border terrorism from Pakistan targeting the Indian Union Territory of Jammu and Kashmir.”


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April 26, 2025 at 04:05PM
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April 26, 2025 at 04:13PM

What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?

What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan?

Indus River Dried Bed in Hyderabad Pakistan on 24/04/2025





What is India’s three-phase strategy to halt Indus water from flowing to Pakistan? 


India has officially suspended the Indus Waters Treaty due to the recent Pahalgam terrorist incident, pointing to ongoing cross-border terrorism from Pakistan. The government led by Narendra Modi now aims to prevent any water from the Indus River from reaching Pakistan through various initiatives, including the construction of dams, diversion of water, and cutting off data.


India has put the Indus Waters Treaty (IWT) with Pakistan on hold, signifying a major change in its approach to water diplomacy and interactions with its neighboring country to the west.


In response to the lethal Pahalgam attack, resulting in the deaths of 26 Indian citizens, and linked to militants from Pakistan, the government has initiated a comprehensive plan designed to obstruct the flow of the Indus River's waters into Pakistan.


This declaration carries notable political, strategic, and infrastructural implications as India reassesses its strategy against terrorism through the management of resources. Understanding the significance of the Indus Waters Treaty for Pakistan. 


On April 24, 2025, India officially notified Pakistan that the Indus Waters Treaty would be placed in “abeyance”, effectively ceasing all obligations related to the treaty between the two nations. This entails halting data exchanges, meetings involving designated Indus Commissioners, and providing prior notification for any new projects in the basin. This announcement came just a day after India's public statement regarding the suspension of the longstanding agreement.


The communication was issued by Water Resources Secretary Debashree Mukherjee, who emphasized that ongoing terrorist activities originating from across the border undermine India's rights under the water-sharing treaty.


In her correspondence to her Pakistani counterpart Syed Ali Murtaza, she stated: “The principle of honoring a treaty in good faith is essential to any agreement. However, what we have encountered is a persistent pattern of cross-border terrorism from Pakistan targeting the Indian Union Territory of Jammu and Kashmir.”


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April 26, 2025 at 04:05PM

Friday, April 25, 2025

Call for the Identification and Return of All Pakistani Nationals in India: Amit Shah Directed Chief Ministers

Call for the Identification and Return of All Pakistani Nationals in India: Amit Shah Directed Chief Ministers
Call for the Identification and Return of All Pakistani Nationals in India: Amit Shah Directed Chief Ministers

 


Call for the Identification and Return of All Pakistani Nationals in India: Amit Shah Directed Chief Ministers 

The assault in Pahalgam marked the most severe incident on Indian territory since February 2019, when forty members of the CRPF lost their lives in Pulwama, Jammu and Kashmir, due to the actions of the outlawed organization Jaish-e-Mohammed. 

As per sources reported by NDTV on Friday, the Ministry of Home Affairs has instructed states to locate and expel all Pakistani citizens within their regions, with Home Minister Amit Shah having communicated with every chief minister. 

On Wednesday, India announced the cancellation of all visas for Pakistani individuals as part of a five-point diplomatic strategy following the terrorist incident in Pahalgam, Jammu and Kashmir. 

India indicated that all visas would be annulled starting from April 27. The government specified that medical visas would only remain valid for an additional 48 hours. 

Indian officials stated that they possess evidence linking Pakistan to the planning and execution of the attack. On Thursday, senior diplomats from various countries, including the United States, the United Kingdom, Italy, France, Germany, Russia, and China, were presented with this evidence by Foreign Secretary Vikram Misri.






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April 25, 2025 at 03:22PM
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April 25, 2025 at 04:13PM

Gen Dwivedi Visiting Kashmir after Pehelgam Terror Attack

Gen Dwivedi Visiting Kashmir after Pehelgam Terror Attack


Following the attack carried out by terrorists in Pahalgam, Army Chief General Upendra Dwivedi arrived in Srinagar on Friday. He received a briefing from the 15 Corps Commander regarding the current security landscape and the measures being put in place to combat terrorism. Army officials mentioned that he was also informed about the Pakistan Army's attempts to breach the ceasefire along the Line of Control.


On the morning of April 25, 2025, gunfire initiated by Pakistan was reported from various locations along the Line of Control. The Indian Army effectively countered this firing. General Dwivedi's visit carries substantial importance considering the terrorist incident in Pahalgam, Jammu and Kashmir, alongside the escalating tensions between the two countries. The Indian Army Chief is in Srinagar to assess the security environment. During his stay, he plans to visit key military installations to evaluate the situation at the border.


Senior commanders of the Indian Army stationed in Jammu and Kashmir are set to brief the Army Chief regarding military setups. The Army Chief is also examining the measures aimed at countering terrorism that have been implemented by security personnel in the Kashmir Valley and along the Line of Control. The visit included the presence of the 15 Corps Commander and other officials from the National Rifles.


Additionally, the Army Chief toured the Victor Force headquarters located in Awantipora. This division oversees military operations in South Kashmir. He engaged with field operational commanders to discuss their insights as well. The Army Chief received updates concerning the present operational state and the security strategies being developed in response to the heightened tensions.


Meeting with the 15 Corps Commander

Moreover, during his visit to Jammu and Kashmir, General Dwivedi will stop by the Chinar Corps headquarters in Srinagar. He is scheduled to meet with the Northern Command Chief, Lieutenant General Suchendra Kumar, and the 15 Corps Commander, Lieutenant General Prashant Srivastava. Reports indicate that a thorough security assessment will take place during this gathering, and military strategies and necessary adjustments might be discussed.


Army's Anti-Terror Operation Following Pahalgam Incident

In the aftermath of the terrorist attack in Pahalgam, Jammu and Kashmir, the army has initiated a vigorous offensive against terrorists in the region. Terrorists targeted tourists on Tuesday, resulting in the deaths of 26 individuals. Since the incident, security forces have been actively searching the area for any suspicious activities, and the army is also utilizing helicopters to conduct aerial searches.


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April 25, 2025 at 03:30PM

दिल्ली हाईकोर्ट के विद्वान न्यायाधीश -स्पेशल हियरिंग शीनाज पाकिस्तान

  पहलगाम इस्लामिक टेरर अटैक के बाद जिसमें हिंदुओं की पहचान करके उनकी हत्याएं की गई। हमारी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बहुत सारे फैसले लिए। च...