फिर यह दृष्टिभ्रम क्यों मोदी जी? #AnujAgarwal उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों की सुनामी के बाद भाजपा और मोदी जी की बांछे खिल गयी हैं। मोदी जी के समर्थक इसे सरकार के विमुद्रिकरण (विरोधियों द्वारा नसबंदी की तर्ज पर इसे नोटबंदी कहा गया) के कदम पर जनता की मुहर बता रहे हैं। मगर सच्चाई यही है कि यह दोनों प्रदेशो में हिंदुओं की उपेक्षा, उनसे भेदभाव और कट्टर इस्लाम को बढ़ाबा देने की कांग्रेस, बसपा और सपा सरकारों की बदनीयती एवं बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ हिंदुओं का एकजुट विरोध और प्रतिक्रिया है। नतीज़ों के बाद हिन्दुओं द्वारा जिस विनम्रता और शांति का परिचय दिया गया यह मुसलमानों को दिया गया स्पष्ट सन्देश है कि हम शांतिपूर्ण सहअस्तित्व में विश्वास रखने वाले लोग हैं और आप लोग भी अपने संप्रदाय से कट्टरपंथी और अराजक तत्वों को छांट कर अलग कर दो। जहाँ तक विमुद्रिकरण पर जनता की मुहर का सवाल है तो सच्चाई यही है कि देश की दो तिहाई यानि 85 करोड़ जनता तो हॉशिये पर जीवन जी रही है और उसे राज कमाना और रोज खाना होता है। सच तो यह है कि वह आधुनिक अर्थव्यवस्था के दायरे में ही नहीँ है, हां वह व
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