Pages

Sunday, February 18, 2018

बैंक लोन : तेरी लुटाई , हमारी मलाई

बैंक लोन : तेरी लुटाई , हमारी मलाई
यह यूपीए व कांग्रेस के नेताओं के लिए घोर आश्चर्य था कि 2004 से 2009 के कुशासन के बाद भी कैसे वे पुनः 2009 में केंद्र सत्ता में आ गए। शायद इसमें तेजहीन हो चुके भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का अधिक योगदान रहा। इसी कारण सोनिया गांधी का आडवाणी व चौकड़ी ( जेटली, सुषमा, वेंकैया व अनंत) से ख़ास लगाव रहा। मोदी खेमे ने जब राजनाथसिंह व मोहन भागवत को शीशे में उतारा तो चौकड़ी का चक्रव्यूह टूटा। किंतू जेटली का कांग्रेस प्रेम रह रह कर छलकता रहता है। हद तो इस बार बजट के बाद जेटली द्वारा अपने पिटठू इंडिया टीवी को दिए गए साक्षात्कार में हुई जब जेटली के पीछे दीवार पर नेहरू की फ़ोटो टंगी थी।
यूपीए के नेताओं को भरोसा था कि वे सन 2014 को लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाएंगे तो लंपटों की फौज ने देश को हर स्तर पर लूटने का खेल रचा। हर क्षेत्र में घोटाले जगजाहिर है। सोनिया " मिसेज 10 परसेंटेज" बन गयी और जिसने हिस्सा दिया उसे लूट की खुली छूट दी गयी। 52 लाख करोड़ के बैंक लोन भी इसी नीति के तहत बांटे गए। जिस प्रकार पीएनबी घोटाले से जाहिर हुआ कि भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं द्वारा विशेषकर यूरोप में ऋण दिए गए ऐसे दर्जनों और खेल खेले गए और लाखों करोड़ रुपए यूरोप व अमेरिका की मंदी की शिकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इटेलियन सोनिया मेनिया ने बंटवाए। डायलॉग इंडिया ने जनवरी,सन 2013 में ही रिजर्व बैंक से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बताया था कि कैसे हम आयात आधारित अर्थव्यवस्था में बदल चीन, आसियान देशो, अफ्रीका, यूरोप व अमेरिका का भला कर रहे हैं। अपने संसाधन व लोन उन पर लुटा रहे हैं।साथ ही 12 लाख करोड़ के लोन इसी खेल के कारण NPA में बदलने जा रहे हैं, मगर किसी ने इसे मुद्दा नहीं बनाया।
मौलिक भारत की ओर से मैंने सन 2014 में मोदी सरकार आने के बाद मांग की थी कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था पर एक श्वेत पत्र जारी करे ताकि अर्थव्यवस्था ओर बैंकिंग व्यवस्था की स्थितियां पारदर्शी रूप से देश की जनता के सामने आ सकें। किंतू मोदी- जेटली की जोड़ी ने ऐसा नहीं किया। मोदी जी विभिन्न साक्षात्कारों में तर्क देते रहे कि ऐसा करने से हमारी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग व छवि खराब हो जाएगी। मोदी सरकार ने इसकी जगह यूरोप की सरकारों (लोन के नाम पर) को दबाब में लिया व अपनी नीतियों का समर्थन करवाया। देशी व प्रवासी भारतीय उद्योगपतियों को कार्यवाही न करने का लालच दे अपने पाले में किया। ऐसा करने के साथ ही उन लोगो के सामने शर्त रखी कि कांग्रेस पार्टी व यूपीए को कोई चंदा नहीं देंगे ( सिर्फ भाजपा को ही देंगे)। दूसरी ओर बैंकिंग सिस्टम के कानून सख्त बना आगे किसी घपले, घोटाले व लूट को मुश्किल बना दिया, बैंक कर्मियों की जबाबदेही तय की और दबाब बनाकर डूबे हुए लोन का 25 से 30 प्रतिशत तक वसूल भी कर लिया। तीसरे नोटबंदी लागूकर बैंकिंग व्यवस्था को पुनः मजबूत बनाया और अब जीएसटी व डिजीटलीकरण से स्वच्छ व पारदर्शी बना रहे हैं।
बात पुराने पापियों की है जिन्होंने कांग्रेस व यूपीए के नेताओं के साथ मिलकर बैंकिंग सिस्टम को ध्वस्त किया और भाजपा व एनडीए नेताओं को उस लूट का हिस्सा देकर गलबहियां की। इन पापियों के पापों की फाइलें कांग्रेस नेताओं के पास भी है और मोदी सरकार के पास भी। कांग्रेस की रणनीति दबाब बना अपने पाले से छूटे इन "पुराने पापियों" से पुनः सेटिंग करने की है। इस कड़ी में देर सवेर इनमें से कुछ कीपोल पट्टी जनता के सामने आनी ही है ताकि बाकी पर दबाब बना सौदेबाजी की जा सके। साथ ही चुनावी राजनीति में चुनावों के समय इन पापियों के पापों की पोल खोलकर राजनीतिक दल जनता को भ्रमित कर सत्ता हथियाने के खेल खेलते हैं और बाद में जनता की आंखों में धूल झोंककर इन्हीं पापियों से सौदेबाजी कर लेते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने संसद को हाल ही में बताया था कि यूपीए सरकार ने कुल 52 लाख करोड़ रुपये ऐसे ही बांटे अपने 10 साल के कार्यकाल में। उन्होंने कहा था कि हमारे पास पूरी सूची है गड़बड़ी करने वालो की। यह लोकसभा चुनावों का बर्ष है व कांग्रेस इस लूट की जिम्मेदारी भाजपा पर डालेगी, ऐसे में अभी तो ऐसे अनेको बड़े बड़े घोटाले व मामले सामने लाएगी। बेहतर होता सरकार स्वयं ही घोटालेबाजो की सूची जारी करे और यूपीए के पापों को न ढोये। लुटेरों पर कड़ी कार्यवाही व उनसे किसी भी प्रकार की सहानुभूति न रखने में ही मोदी सरकार की भलाई है। जो प्यार भाजपा नेताओं ने पुराने पापियों से दिखाया है कुछ ऐसा ही प्यार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने प्रवासी गुप्ता बंधुओं से दिखाया था और हासिल ही में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा व सत्ता गवानी पड़ी।
जनता बेचारी वज्र मूर्ख ही रहनी है। अस्तित्व के संघर्ष में उलझे लोगों के लिए यह उसकी समझ से बाहर ही रहेगा कि रुपया आता कहां है और जाता कहां है और मजे लेने वाले मजे लेते रहेंगे

No comments:

National Herald case: What does the ED's chargesheet reveal about Sonia Gandhi and Rahul Gandhi?

  National Herald case: What does the ED's chargesheet reveal about Sonia Gandhi and Rahul Gandhi? The Enforcement Directorate is seekin...