अब आते हैं आज के मुद्दे पर। जब शब्दावली आपने बंद कर दी तो मुझे लगता है कि उन्होंने जो उर्दू के वर्ड यूज़ करते थे उन्होंने भी चेंज कर दिया। वो करते थे पहले तो कुछ और यूज़ करते थे। अभी करना शुरू कर दिया। आई लव मुहम्मद। वो मुहम्मद को प्यार करते हैं। कौन बोल रहे हैं? जो मदरसे से पढ़कर आते हैं वही सारे पोस्टर लगा रहे हैं हिंदुओं के घर के बाहर। आई लव मुहम्मद। डंडे पड़ रहे हैं। पकड़ो पकड़ पकड़ के अंदर किया जा रहा है। अब आज नई न्यूज़ है कि योगी जी को पहले तो बोला गाड़ देंगे। अब बोल दिया गाड़ने की जरूरत नहीं है। गजवे हिंदी कर लेते हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी बोलना शुरू कर दिया। वी सपोर्ट दिस मूवमेंट ऑफ गजवे हिंद एंड आई लव मुहम्मद। मगर पागलों ने पागलों का पागलपंती में साथ देना शुरू कर दिया। अब इसके बाद बात करते हैं कि गजब हिंद हम यहां पर पीओके लेने की बातें बोल रहे थे। वहां पर बहुत ज्यादा जो है प्रोटेस्ट हो रहे हैं और भारत में गज हिंद के प्रोटेस्ट शुरू हो गए। ये कहां जा रही है गेम और मोदी जी क्या करने वाले हैं?गजब हिंद पाकिस्तान कनेक्शन और योगी जी गाड़ देंगे मोदी जी कोनहीं बोला गाड़ देंगे योगी जी को बोला ये कहानी क्या बताती है बिल्कुल साहब इस कहानी पे थोड़ी सी बातचीत की जाए इससे पहले क्योंकि मामला मोहब्बत का है और बरेली में झुमका गिरा है बड़ी तबीयत से गिरा है बहुवचन में झुमके गिर रहे हैं तो दो शेर मैं पढ़ना चाहता हूं और उसके बाद शुरू होते हैं।
एक शेर है कि रफ्ता रफ्ता वो मेरी हस्ती के सामा हो गए। रफ्ता रफ्ता वो मेरी हस्ती के सामा हो गए। सामा का मतलब वो सामान नहीं होता है दर्शकों मैं समझाऊंगा भी नहीं। रफ्तार रफ्ता वो मेरी हस्ती के सामा हो गए। पहले गुल फिर गुल बदन फिर गुल बदामा हो गए। तो
ये जो आप मोहम्मद का नाम नहीं ले सकते थे। मैं सीधे स्पष्ट कहता हूं बेहद गंभीरता से और यह गंभीर बात है जो मैं उस बिरादरी के नजर कर रहा हूं उन्हें अब आईना देखने की जरूरत है और इस बात को सबसे अच्छी तरीके से मार्केट में उतारा है योगी आदित्यनाथ ने मैं कैसे अभी बताता हूं लेकिन इससे पहले दूसरा शेर भी बहुत जरूरी खुदा के वास्ते पर्दा न काबे का हटा जालिम खुदा के वास्ते पर्दा ना काबे का हटा जालिम कहीं ऐसा ऐसा ना हो वहां भी वही काफिर सनम निकले। बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम नहीं।
योगी आदित्यनाथ जी ने परसों बोला हम तो मूर्ति पूजक हैं। हम तो साकार की भी आराधना करते हैं और निराकार की भी आराधना करते हैं। हम तो पत्थर भी पूजते हैं। हम तो पहाड़ भी पूजते हैं। और उसी के साथ निराकार ब्रह्म की उपासना भी करते हैं। लेकिन अगर आई लव यू एक्स वाई जेड कहा जा रहा है। सोचिए कि वह फिर आइडेंटिटी होनी चाहिए उसकी ना कोई वो दिखना चाहिए वो शार्ली एबो में छपे हुए कार्टून के बाद जो तुमने रिएक्ट किया था वैसा नहीं चलेगा अगर तुम आई लव यू एक्स वाई जेड बोलना चाहते हो पहले यह तय करो खुदा के वास्ते काबे का पर्दा हटाओ दिखाओ बताओ कोई शरीर लाओ कोई एक सिंबॉलिक एक पिक्चर लाओ, मूर्ति बना लो फिर तो काफिर बन जाओगे। इन्होंने अपने पांव पर इतनी बड़ी कुल्हाड़ी मारी है कि इस्लाम को लेके अब भारत में और भारत ही नहींयह क्रेडिट जाएगा पूरे विश्व में इस्लाम खुद अपनी पर्दे खोलते हुए दिखाई देगा आपको। क्यों? मैं बताता हूं। आप जरा ध्यान दीजिए। और इसमें भी अब क्या कहिएगा साहब? जब किस्मत के धनी कोई हो तो फिर आपके नाम के छीके टूटने अपने आप शुरू हो जाते हैं। ये आई लव एक्स वाई जेड कहां से शुरू हुआ? अभी एक त्यौहार बीता। उस त्यौहार का मैं क्या नाम लू? चलिए ठीक है। कानपुर एक शहर उत्तर प्रदेश का। उस शहर का एक इलाका रावतपुर। रावतपुर में लगा दिया। आई लव यू दिस एंड दैट। और पुलिस ने कहा कि यह रवायत नहीं है। इसको हम इजाजत नहीं देंगे और वह उतरवा दिया। कुछ दूसरे मामलों में क्योंकि उसी जुलूस में बहुत सारे ऐसे आपत्तिजनक नारे लगे थे जो वो आदत ही हैं लगाने की। आपको पता ही है सर फलाने से जुदा सर ढकाने से जुदा जो हमसे टकराएगा या वहां हो जाएगा। नाफरमानी नहीं चलेगी। दिस एंड दैट लगभग 3032 को अरेस्ट कर लिया उस नारों में।
अब इन्होंने उड़ता तीर लिया। योगी जी के ट्रैप में फंसे हैं। और कैसे अब इस्लाम वाकई खतरे में आया है। बेहद गंभीरता से कह रहा हूं।अब असली इस्लाम इनका खतरे में आया। ये जो चूर्ण बेचते थे बात पे कि हाय अल्लाह खतरे में आ गए हम। अब आया खतरे। इन्होंने उड़ता तीर ले लिया और कहा कि साहब देखिए आई लव दिस दैट कि पोस्टर लगाने पर वो लगाने नहीं दिया जा रहा है। हमको अपने रसूल से मोहब्बत का एक्सप्रेस नहीं हम कर पा रहे हैं और उसके लिए हमें गिरफ्तार कर लिया। बाद में जब फैक्ट सामने आए तो पता चला नहीं फिलिस्तीन जिंदाबाद उसका झंडा लहराने से फलाने करने ढिकाने करने के ये मामले हैं। उस समय आई लव यू से तो किसी ने रोका ही नहीं। मोहब्बत की दुकान राहुल गांधी खोले हैं। वहां से जाओ सामान लाओ और मोहब्बत चलाओ। किसने मना किया है मोहब्बत?
लेकिन असली टर्न अब बरेली यहां कहां एंटर किया मैं आपको बताता हूं। उसके बाद क्या हुआ? आप देखें इसको गूगल करिएगा आपको पता लगेगा इस्लाम में वैसे तो बहुत सारे फिरके हैं और ये जब आपको जातियों में बांटते हैं और योगी जी कहते हैं बंटोगे तो कटोगे लेकिन इसके ठीक उलट जिसको कि कांग्रेस और लेफ्टिस्टों ने भारत में बहुत अच्छे तरीके से एक इस्लाम और मुसलमान नाम के छाते अंब्रेला के तहत ढक के रखा था जो अंदर चीतड़े थे तीन 13 और 113 10013 के उसको कैसे रोका था? सिर्फ शिया और सुन्नी नहीं है साहब। सिर्फ सुलह कल सुलह कुल्ली और ये तमाम फिरके सिर्फ इतने ही नहीं है। आप देखिए तो पूरे विश्व में जो सुन्नियों का फिरका है केवल मैं सुन्नियों की बात कर रहा हूं जो कि सबसे मेजरिटी में है। सुन्नियों के फिरके में दो स्कूल ऑफ थॉट्स हैं। बरेलवी और देवबंदी। यह उत्तर प्रदेश की सर जमीन को क्रेडिट जाता है। लेकिन अब मौजू वही है तो मियां हम करें क्या? उनको उन्हीं की भाषा में समझाना बड़ा जरूरी है। यह दो स्कूल ऑफ थॉट एक दूसरे के बिल्कुल अलग खड़े हैं। आप सोचिए इस्लाम पर अब कैसे सीरियस बहस शुरू होगी कि तुम्हारे यहां कैसे बंटवारे हैं? पहला बंटवारा विद इन सुन्नी, बरेली और देवबंदी। बरेलवी क्या कहते हैं? बरेलवी मजारों को मानते हैं। यानी फिजिकल पर भरोसा रखते हैं। वो पीर फकीरों को मानते हैं। वो दिया सलाई दिखाते हैं। आरती करते हैं। लगभग वही नकल करते हैं जहां से वो कन्वर्ट होके आज यहां पर अपने आप को अरबों की औलादें कहते हैं। तो वो अपना पुराना जो कल्ट है हां अरबों को नहीं कभी तुर्की बन जाते हैं। कभी अरबी बन जाते हैं। कभी ये कुछ और बन जाते हैं। कभी कहते हैं जी ऑटोमन अंपायर के ऊपर की जो था हम चंगेज खान की औलाद हैं। ये इनको यही नहीं पता कि बाप कौन था इनका?मैं फिर जरा बेहद गंभीरता से वो बात कह रहा हूं। अब बरेलवी फिरका इन फिजिकलिटीज को मानता है। आपको उनके यहां लगभग वो कई बार आपको मूर्ति पूजक की तरह दिखाई देंगे। वह मानते हैं कि मोहम्मद को आई लव यू कहा जा सकता है। यानी जब आप किसी को आई लव यू कह रहे हैं तो सिर्फ अपनी दुआओं में नहीं कह रहे हैं। इसका मतलब है कि आप उसकी फिजिकलिटी को एक्सेप्ट कर रहे हैं। स्वीकार कर रहे हैं। आज अगर आपने आई लव यू एक्स वाई जेड कहा है तो फिर किसी दिन एक्स व जेड की आप मूर्ति बना डालेंगे। आप फोटो तस्वीर आप निकाल डालेंगे। अभी हो सकता है आपके जेहन में हो, आपके मन में हो। ठीक? जबकि देवबंदी फिरका एकदम उलट है। वो कहता है नहीं कोई सवाल ही नहीं है। ऐसा करोगे तो चार्ली हेदो कर देंगे हम।
राहुल गांधी जनरेशन जेड किसको लिखा है? ये जनरेशन जेड था जो तौकीर रजा ने सड़कों पर बरेली के उतारा। यह अलग-अलग फ्लेवर हैं जो कि राहुल गांधी भारत को जलाने के लिए और जनरेशन जेड के नाम पर उतारने के लिए वो लद्दाख में आपको सोनम के नाम पर दिखा। वहां पर आदिवासी और इस तरह की लोकल प्राइड से लेके शेड्यूल सिक्स तक के बातें की गई ताकि वहां का यंग जनरेशन क्रांति करने निकल आए। एक फ्लेवर। दूसरा फ्लेवर जहां से इनको सबसे ज्यादा भीड़ की उम्मीद राहुल गांधी को किससे होती है? जनरेशन जेड वो जनरेशन जेड यह जनरेशन जेड नहीं है। यह तौकीर रजा
वाला जनरेशन जेड है। साजिश कैसे बुनी गई?कि क्योंकि बरेलवी इस तरह के आई लव यू के फंडे कैरी कर सकते हैं। बरेली के पांच थाने जो बिल्कुल प्राइम जो लोकालिटी है बरेली की जो सिटी लोकालिटी है उन पांच थाने की एरिया में लगभग 400 मस्जिदें हैं। और प्लान क्या था कि हर एक मस्जिद को केवल अगर 100 आई लव यू मोहम्मद कहने वालों को निकाला जाए तो 400 की एक भीड़ तैयार हो जाती है जो बरेली के मैदान में फ्राइडे की नमाज के बाद इकट्ठी हो जाए। अब लोग कह सकते हैं फिर योगी जी की पुलिस क्या कर रही थी? अरे साहब योगी जी की पुलिस ट्रैप बिछा रही थी। उस ट्रैप में फंसा है तौकीर रजा। यूपी पुलिस ने बड़े आराम से तौकीर रजा को हैंडल किया। उसने कहा कि अच्छा ये कर रहे हो? बोले हां साहब ये कर रहे हैं। ठीक है मत करो मत करो मत करो। और नदीम जो उसका एलआई अरेस्ट हुआ है उसके जरिए तौकीर रजा ने बाहर से चेहरों को 25 साल के चेहरों को इंपोर्ट करना शुरू कर दिया था और धीरे-धीरे वो कभी 20 कभी 50 की शक्ल में वो आते जा रहे थे। उन 400 मस्जिदों में अकोमोडेट हो गए थे। यूपी पुलिस बिल्कुल नापे पड़ी थी। एक-एक हरकत नोट कर रही थी। आदमियों की हाजिरी लगा रही थी और लखनऊ अपने शासन को भेज रही थी। सीएम साहब बिल्कुल ग्लैड होकर मॉनिटर कर रहे थे। ठीक आ गए
उसके बाद सातवें दिन यूपी पुलिस ने तौकीर रजा को बैठाया आमने सामने और कहा देखो मौलाना आराम से कायदे में रहोगे फायदे में रहोगे। जो तुम बकवास कर रहे हो ठीक है बकवास करते रहो। लेकिन फ्राइडे की नमाज हम अच्छे से करा देंगे। अच्छे से कराने के बाद कायदे से अपनीपनी जगहों पर वापस चले जाना और पेपर नौवें दिन पेपर साइन कराया यानी फ्राइडे के 24 घंटे पहले उस पेपर में लिखा था कि हम यह जो आई लव एक्स व जेड का जो ये शुरू किए थे और जिसमें हमें मार्च करके शहर के तीन जगहों पर इकट्ठा होना था तीन मैदानों में फिर एक किसी मैदान की तरफ कच करना था हम इसको विड्रॉ कर रहे हैं। तौकीर रजा के जो मेन एलआई है नदीम उससे सिग्नेचर कराया पुलिस ने और सिग्नेचर करा के वह कागज अपने पास लाए और उसको तुरंत पब्लिक डोमेन में डाल दिया। इधर तौकीर रजा ने क्या किया? क्यों? क्योंकि ये इनकी नस्ली आदत है। ये जब मौका आ जाएगा जब जान लेंगे कि आप सशक्त हैं और आप अड़े हुए हैं तो ये आपके सामने झुक जाएंगे क्योंकि पांच बार झुकने की आदत है तरह-तरह से। तो वो यहां डिच करने की पूरी और पुलिस को पता था। एजेंसी को पता था कि यह डिच करेगा। इसने क्या किया कि नदीम से सिग्नेचर कराया। यूपी पुलिस ने पेपर डोमेन में डाला। यह वापस गया। इसने कहा कहीं कुछ नहीं। हम गायब हो रहे हैं। नदीम फ्रंट पर रहेगा और हम कहीं से वापस नहीं ले रहे हैं। वह फर्जी है और पुलिस ने दबाव बना के हमसे लिखवा लिया है। इसलिए उसकी ना मानो तुम लोग जाओ क्योंकि 400 की भीड़ ऑलरेडी आ चुकी थी। 400 मस्जिदें तैयार थी। दाना पानी सब कुछ तैयार था। फिर नदीम ने टेक ओवर किया और नदीम ने फ्राइडे नमाज से पहले 50 ऐसे लोगों को फोन किया WhatsApp कॉल
किया वो पुलिस रिकॉर्ड है सब कुछ ट्रेस कर चुकी है पुलिस और उस समय भी ट्रेस कर रही थी कि करो करो बेटा हमें पता है करोगे और उसके बाद जो एक पहली लाइन बनाई गई कि नमाज के बाद लड़के आई लव वाले वो कंफ्यूज थे कि करना क्या है जाना है कि नहीं जाना है ऐसा कुछ नहीं था स्ट्रेटजिकल था और नदीम ने यह कहा कि आओ पूरी तैयारी के साथ आओ जम के आओ जो करना था जो प्लान है वही करना है बरेली को जलाना है और उत्तर प्रदेश को हिलाना है और पूरे भारत के आई लव यू गैंग को हरे गैंग को यह मैसेज देना है कि जिसको सबसे स्ट्रांग समझा जाता था उत्तर प्रदेश और योगी आदित्यनाथ की सरकार हमने वहां यह काम करके दिखा दिया है इसलिए उठो और आगे बढ़ो और राहुल गांधी के सपने को पूरा करो।
उसके बाद यही हुआ। मौलाना गायब हुआ। नदीम वहीं बना था। आगे गए। पुलिस पहले से तैयार थी। आपने देखा एक सेकंड नहीं लगा पुलिस को लठ बजाने में। एक सेकंड नहीं लगा लठ बजाने में। और पुलिस इतनी तैयार थी कि उसको एक रबड़ का गोली भी नहीं छोड़नी पड़ी। एक पानी की बौछार भी नहीं करनी पड़ी। हमारे यहां उत्तर प्रदेश में उसको दुखहरण बोलते हैं जो दुख हर लेता है और पिछवाड़े को बिल्कुल सिंदूरी कर देता है। ऑपरेशन सिंदूर चला देता है और 5 मिनट से 10 मिनट में ये सारा मामला खत्म हो गया। लेकिन अब आते हैं आप सोचिए उत्तर प्रदेश को क्यों चुना गया? यह सारा आई लव यू कांड उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ। अलीगढ़ में हल्का सा इसने लिया और बरेली में आते-आते तौकीर रजा जो कि बरेलवी उस फिरके से आता है वहां पर इसको इंप्लीमेंट करने का प्रयास किया गया। क्यों? मैंने आपको बताया कि पूरे भारत में अगर बुलडोजर कहीं दहशत देता है तो वो उत्तर प्रदेश। योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश को अगर आपने हिला लिया, जला दिया तो आप पूरे भारत को यह मैसेज देने में कामयाब हो जाते कि हमने यह कांड कर दिया और उसके बाद आप देखिए यह दबी आग उत्तराखंड में निकली। काशीपुर और देहरादून में निकली। यह हल्की सी जो दबन थी वो दबन आपको महाराष्ट्र में मिली। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि योगी का मॉडल उत्तर प्रदेश का मॉडल धामी ने भी अपना लिया है। उधर फनवीस और दूसरे साहब ने उन्होंने भी अपना लिया है और कायदे से धो दिए गए। अब मेरी ये बात सिर्फ कुतर्क नहीं है। तर्क में इसको बदल देता हूं। आप मुझे यह बताइए आई लव यू कहने वाले वेस्ट बंगाल में कहां गए? क्या वेस्ट बंगाल की उस आहारी आबादी को एक्स व जेड से प्यार नहीं है? मैं पूछता हूं तमिलनाडु केरल में मोहब्बत नहीं जग रही है। झारखंड में मोहब्बत नहीं जग रही है। वेस्ट बंगाल जहां सबसे ज्यादा खाद पानी मौजूद है और सबसे ज्यादा मोहब्बत करने वाले नंबर्स हैं वहां क्यों नहीं मोहब्बत जग रही है? केरल जहां सरकार है मोहब्बतियों की वहां क्यों नहीं जग रही है? झारखंड जहां सरकार है मोहब्बतियों की वहां क्यों नहीं जग रही है मोहब्बत? पंजाब कोई बता दे वहां क्यों नहीं आई लव यू बोला जा रहा है? यह बात अपने आप में प्रूव करती है कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश को और अलग-अलग फेवर से लद्दाख एक साथ उसके बाद उत्तर प्रदेश। लेकिन मुगालते में थे और योगी आदित्यनाथ सिर्फ इतने में नहीं रुके। उन्होंने खुद उसी स्पीच में कहा कि भाई आई लव यू अगर कह रहे हो तो सोचो तुम्हें फिर सामने भी तो लाओ यह गंभीर बहस है और इसका रिजल्ट भी दिखाई दे रहा है इसका रिजल्ट कैसे दिखाई दे रहा है इमरान मसूद सबको याद है नाम मोदी जी के बोटी बोटी करने वाला बंदा सहारनपुर का इमरान मसूद कांग्रेस का और प्रियंका वाड्रा का इस समय दुलारा वो क्या कह रहा है उसकी बाइट क्या है बोले हम भी प्यार करते हैं एक्स व जेड से लेकिन हम सड़क पर नहीं उतरेंगे। यह गलत बात है। यह इस्लाम का वो फिरका है जो कहता है कि नहीं चार्ली एब्डो वाला काम नहीं कार्टून नहीं तो फिर अस्तित्व नहीं। आई लव यू नहीं कह सकते हो। और यही वजह है कि तमाम मौलाना देवबंदी फिरके वाले आपस में यह कंट्राडिक्शन है। इसीलिए मैंने वो शेर सुनाया था। खुदा के वास्ते पर्दा न काबे का हटा जालिम। कहीं ऐसा ना हो वहां भी वही काफिर से निकलेगी। तो यह पूरी तरीके से राहुल गांधी के भड़काने पर आगे तो बढ़े लेकिन योगी आदित्यनाथ के ट्रैप में फंस गए और आज आप सोचिए 10 मुकदमे हैं तौकीर रजा पर। उसमें सात मुकदमों में इसका नाम है और अभी केवल एक मामले में इसकी गिरफ्तारी हुई है। अभी तो कांड बाकी है अभी तो कहानी बाकी है। तो बयाना बहुत महंगा पड़ा उत्तर प्रदेश को अशांत करने का और दूसरी तरफ इसने एक नई बहस भारत के अंदर इस्लाम के अस्तित्व को लेकर छेड़ दी है जिससे इनके तीन 13 का पता है और अब ये खुद शर्मिंदा हैं और मैं आपको बताऊं जो भी अब उसमें समझदार मौलाना हैं जो समझ गए हैं। हालांकि कोई मौलाना कभी समझदार नहीं हो सकता। लेकिन फिर भी जो समझ रहे हैं कि अरे मियां यह तो अपनी ही पेंट उतारी जा रही है और खुद को नंगा किया जा रहा है। वही तमाम वो पोस्टर्स उतरवा रहे हैं और दुकान समेटी जा रही है। तो भ्रूण हत्या कर दिया योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मूवमेंट का इस पूरे कांसेप्ट का। इनकी क्या औकात है कि ये गजवा-ए-ह हिंद चलाएंगे साहब। या बिल्कुल सही कह रहे हैं। इनकी क्या औकात वो तो हमने दुबई में देख लिया था कि इनके जो प्लेन उड़ा रहे थे, गिरा रहे थे, खुद के ही गिरा के वापस आ गए। तो हमने वो सब देख लिया है कि क्या कुछ हो रहा है। अच्छा मुझे एक चीज बताइए आपने देखा कि
पूरे भारत में इनको डंडे लग रहे हैं। चीखें निकलवाई जा रही है। पकड़ पकड़ के अंदर किया जा रहा है। और जैसे आपने बोला तशरीफ को जो इनकी होती है उसको सूजया जा रहा है। मस्जिदें तोड़ी जा रही है। यहां पर इनके मैड ड्रेस उसको बंद किया जा रहा है। लेकिन आपने देखा होगा कि पूरे उम्माह की तरफ से अब कोई आवाज नहीं आ रही। जो पहले एक मुसलमान के ऊपर थप्पड़ भी लगा दिया गया हो या केस कर दिया हो तो वहां से आवाजें आती थी ओआईसी से आजकल वहां से आवाजें आनी बंद हो गई है साहब ये कैसे हो गया यहां पर योगी जी तो बड़ा ही वो जिनको बोलते हैं कि वो कर रहे हैं इनके ऊपर अत्याचार कर रहे हैं भारत पाकिस्तान बांग्लादेश अफगानिस्तान में कोई मुसलमान नहीं रहता मैं जरा रिपीट कर दे रहा हूं भारत बांग्लादेश देश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान में कोई मुसलमान नहीं रहता। ये सब के सब कन्व्टेड हिंदू है।अरबी जो असल जहां इस्लाम है जिसको आप इस्लाम के मनुवादी कह सकते हैं जो आरोप वामपंथी यहां लगाते हैं भारत में तो वो जानते हैं कि यह काफिर हैं। इसीलिए वो उनको दो मांगते हैं। इनसे जो है सिवाय शौचालय साफ करवाने और मजदूरी करवाने के अलावा और कोई काम नहीं करते करवाते। उनको यह क्लियर हो रहा है कि नहीं साहब यह बदनुमा दाग हैं। यह जो कन्व्टेड है दो बोरी चावल और ₹ प्रति पुरुष प्रति महिला और ₹4 प्रति पुरुष औरंगजेब का यह परवाना है। लिखा हुआ परवाना है। मिडुवल हिस्ट्री की बात है। उन्हें यह पता है कि इन्होंने दो किलो दो बोरी चावल ₹ पे अम्मी बदली है और ₹ पे अब्बू बदला है। इसलिए यह इनके अंदर का कल्ट है। उस कल्ट को वो नहीं ढोना चाहते और इस वजह से और दूसरा इनका जो एक फेक नरेटिव था हमें दबाया जा रहा है। हमें प्रताड़ित किया जा रहा है।आपने अभी कहा मस्जिदें गिराई जा रही हैं। जी हां साहब अवैध निर्माण होगा तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि हम नहीं रोकने वाले और गिराइए और वह गिराए जा रहे हैं। तो इनका डीएनए अवैध है। इनका अस्तित्व अवैध है। इनकी मस्जिदें तक अवैध है। इनके रहने के मकान तक अवैध है। और तो और तौकीर रजा का जो मिल्लत वाला ऑफिस वो ऑर्गेनाइजेशन चलाता था बरेली में उसको भी सील किया गया है। पता है क्यों? वो सरकारी नाले के ऊपर बनी हुई थी। तो इनकी अवैधता को इललीगलिटी को जो इनके डीएनए से लेके इनके रहने करने की जगह तक में शामिल है। ये बाय बर्थ बाय कल्चर बाय रिलीजन इंक्रोचर्स हैं। मैं इनवेडर्स नहीं कह रहा हूं। ये कहां के इनवेडर्स हैं? यह तो सब ससुर यहां दो बोरी चावल और ₹2 और ₹4 यही इनकी औकात है।
अब्बू इसीलिए तो यह कहते हैं कागज नहीं दिखाएंगे क्योंकि सबसे बड़े वाले अब्बू रामलाल निकल आएंगे। कहां से कागज दिखाएंगे भाई? कैसे कागज दिखाएंगे आप बताइए? तो इसलिए अब इनको उम्माह ना कभी पूछती है ना कभी खरीदती है और इसके साथ ही एक क्रेडिट और है कि जो भारत सरकार की विदेश नीति ने फॉरेन अफेयर्स ने खुद मोदी जी के एफर्ट्स ने वो जो क्लेरिटी दी है शेष विश्व को इंक्लूडिंग इस्लामिक कंट्रीज उसमें उन्हें पता है कि यह केवल और केवल विक्टिम कार्ड खेलते हैं और यह असली समस्या है भारत की और भारत की समस्या अगर भारत दूर कर रहा है तो उसमें ही विश्व का कल्याण है।
यह अरबियों ने भी मान लिया। वो भी कहेंगे कि मोदी जी, योगी जी लठ बजाओ हम तुम्हारे साथ।चाइना में मॉडल बड़ा क्लियर है। ये तौकीर जैसे जो जानवर है कॉकरोच इनकी किडनियां निकाल लेते हैं और चौराहे पे खड़े होकर लटका दिया जाता है। एक तौकीर को आपने लटकाया बाकी सारे कॉकरोच अपने आप बिलों में घुस जाते हैं। भारत में ऐसा काम क्यों नहीं होता कि आप एक जानवर को मार दीजिए। बाकी के पिल्ले अपने आप सेट हो जाएंगे।इसीलिए मैं कहता हूं 2014 से भारत में कल्चरल रेवोल्यूशन हुआ है नेशनल लेवल पर और यही उत्तर प्रदेश है जिसने 32 साल पुराना रिकॉर्ड बदला है 2017 के बाद 22 में जब कोई सरकार योगी आदित्यनाथ की दोबारा रिपीट हो रही है। आप क्या चाहते हैं बच्चे कि जान लेंगे कितना बिगड़ा देश है। कांग्रेस ने कितना बिगाड़ के रखा था। अभी तो जुमा जुमा11 साल हुए हैं और इसीलिए बेहद गंभीरता से मैं कहता हूं सत्ता की निरंतरता कंटिन्यूटी ऑफ पावर ये बहुत जरूरी है। जो लोग पांच-प साल का फिल्टर लगा के यह तौलने की कोशिश करते हैं कि क्या किया मोदी ने? क्या किया योगी ने? मैं कहता हूं अभी यह वक्त नहीं आया है। आप 65 70 साल की इकोसिस्टम से लड़ाई लड़ रहे हैं। और इतने बड़े कल्चरल रेवोल्यूशन के बाद तस्वीर बदलने के लिए तस्वीर पलटने के लिए 5 साल 10 साल गैर जरूरी होते हैं। आवश्यक नहीं होते पूरा नहीं करते आपकी डिमांड को। इसलिए एक ऐसा ट्रैक एक ऐसा पाथ बनाइए जहां
अगले 50 55 साल एक सत्ता दिखाई दे रही हो इस देश के मुख्यमंत्री हाउस में कहते हैं 50 साल लगातार सरकार बनाएंगे। और बताओ। तो इसलिए यह चीजें लगातार हो रही हैं। कंटीन्यूअस हो रही हैं। वरना इस देश में इस देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का यह कहने वाला प्रधानमंत्री और आज अष्टमी का व्रत हम सब ने रखा है। मां की आराधना पिछले 9 दिन आठ दिनों से चल रही है।पथ से निकल के आने वाले एक पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ 25 करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। और क्या चाहिए? सुदूर असम में हेमंता विश्व शर्मा कहते हैं हमको मियां का वोट नहीं चाहिए। देवभूमि धामी में एक यंग चीफ मिनिस्टर उत्तराखंड में धामी इंक्रोचर्स और इंक्रोचमेंट से मुक्त कराते हैं। काशीपुर में पिछवाड़ा लाल करते हैं। देहरादून में पिछवाड़ा लाल करते हैं। महाराष्ट्र में कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी साहब। पीछे होली मनाई जाती है। गुजरात में यह क्या है सर? और आप देखिए आई लव ममता बंगाल खामोश बैठी हैं। ना ना यहां नहीं करने का यहां नहीं करने का। दिस इज व्हाट अच्छे दिन। दिस इज व्हाट अच्छे दिन। काम चालू है। पिछवाड़े लाल किए जा रहे हैं। यानी कि ऑपरेशन से दूर का रग इनके पिछवाड़े पे लगा दिया गया है। अच्छी तरह से सील कर दिया गया है। चलिए ये जो कह रहे थे कि योगी जी को गाड़ देंगे। खुद गढ़ चुके हैं। यह क्या गाड़ेंगे? यह हजार साल से गाड़ने की धमकियां दे रहे थे। बाकी हमने दुबई के अंदर देख लिया था कि गाड़ देंगे। आपके प्लेयर्स को मार देंगे। मार देंगे।आपकी जो हालत कही है वहां पर उसी का असर है कि आपका पीओके के अंदर भी अब सेपरेशन की बातें हो रही है। और यहां पर जो गजवे हिंद का मुहिम चालू किया गया था वो अब गजवे मुझे लगता है पाकिस्तान ना कहीं हो जाए। जय हिंद।