आज पटियाला हॉउस कोर्ट में मौलिक भारत के नीरज सक्सेना और अनुज अग्रवाल के द्वारा दायर झूठे शपथ पत्र के मामले में शिकायत पर जारी सम्मन के जनाब मबकेजरीवाल ने अपने वकील के माध्यम से अजीब कुतर्क दिया कि वह व्यस्तता के कारण बेल कराने नहीं आ सकता।अतः उसे इस प्रक्रिया से मुक्त समझा जाये और कोर्ट में पेशी से छुट देते हुए ट्रायल जारी रखा जाए। कोर्ट ने केजरीवाल के वकील के कुतर्कों को मानने से इंकार कर दिया और अगली तारीख पर स्वयं उपस्थित होकर बेल बांड भरने के आदेश दिए। साथ ही आदेश दिया कि ट्रायल के समय आरोपों का जबाब देने स्वयं उपस्थित रहना होगा। अगली तारीख 24 दिसंबर की है। साथियो , आज का आदेश ऐतिहासिक है। अब केजरीवाल पूरी तरह चंगुल में फंस गया है। हमारे वकील राहुलराज मलिक ने केजरीवाल के वकीलों के सारे तर्कों की छिन्न भिन्न कर दिया। थोड़ा समय जरूर लगेगा किंतू इस फर्जीवाल का अंत निश्चित है।
In this blog I write Articles on Indian Politics, Current Affairs, How to Make Money Online, Geo Politics and Military Strategy
Wednesday, August 31, 2016
बकरे की माँ कब तक खेर मनाएगी?
चुनाव आयोग को दिए गए अपने शपथ पत्र में अरविंद केजरीवाल ने जितने झूठ बोले हें और अपने झूठ को सच साबित करने के लिए जो फर्जीवाड़े किये हें, मौलिक भारत के माध्यम से नीरज सक्सेना जी और मैने सब की सबूतों सहित शिकायत चुनाव आयोग, उच्च न्यायालय और अंततः जिला न्यायालय में की थी। प्रॉपर्टी छुपाना,उनकी कीमत कम दिखाना, उनके गलत पटे देना, गाजियाबाद में रहते हुए भी खुद को दिल्ली का नागरिक बताना , पत्नी बच्चों से संबंधी जानकारी छुपाना आदि हमारे प्रमुख आरोप हें।इस मामले में न्यायलय ने प्रथम दृष्टया सबूतों को सही माना है और केजरीवाल के खिलाफ सम्मन जारी किये हें। आज 31 अगस्त को केजरीवाल को इस मामले में जमानत करानी है। रो पीटकर आज उसे न्यायलय में आना ही पड़ेगा। अभी तक बड़ी चालाकी से वो मौलिक भारत के प्रश्नो और आरोपों से बचते रहे और मीडिया को मैनेज करते रहे। पर कब तक? अब ट्रायल शुरू हो गया है और केजरीवाल को हमारे हर आरोप का जबाब देना ही पड़ेगा और हमारे वकील राहुराज मलिक उसको आइना दिखाएंगे। धीमे धीमे उनकी विधायकी और मुख्यमंत्री की कुर्सी सरकती जा रही है और हथकड़ी और जेल पास आ रही हें। ईश्वर ने इस सदी में लोकतन्त्र के सबसे बड़े ठग को सबक सिखाने के लिए उलटी गिनती शुरू कर दी हें।
अनुज अग्रवाल, महासचिव, मौलिक भारत ट्रस्ट
Friday, August 12, 2016
कश्मीर घाटी, दलित और गोमाता - सेकूलरवाद बनाम हिन्दुवाद के मोहरे
कश्मीर घाटी, दलित और गोमाता - सेकूलरवाद बनाम हिन्दुवाद के मोहरे -#AnujAgrawal
#Kashmeerबकौल सेकूलर खेमा हिंदूवादी मोदी सरकार कश्मीर घाटी के जो 5-7 लाख जिहादी टाइप मुसलमान हें , उनको पिछले एक माह से निपटाने में लगी है तो संघ खेमे में सुगबुगाहट है कि मामले को ठीक से नहीं निबटाने की वजह से एक आतंकी बुरहान का एनकाउंटर उसे हीरो बना गया और घाटी की हाशिये पर पड़ी पाक परस्त मुट्ठीभर लॉबी को फिर से कमान हाथ में लेने का मौका मिल गया। मोदी सरकार देर से ही मगर सम्भल गयी और फिर इस खुले खेल में पाक परस्त नए चेहरे उजागर हो गए और पेलेट गन के कारण स्थायी रूप से सैन्य बलों की नज़र में चढ़ गए। चाहे पाक दौरा हो या संसद, मोदी ने उत्तर प्रदेश के नेता गृहमंत्री राजनाथ सिंह को आगे रखा। यानि कश्मीर के बहाने और यू पी पर निशाने। कश्मीर पर मोदी सरकार की आक्रामकता लाजबाब है। महबूबा मुफ़्ती को काबू करने के बाद आतंकियों से खुली जंग, कश्मीरी पाक परस्त लोगों पर वार, पाक अधिकृत कश्मीर पर अपना हक़ मांगना और पाक को खुली चुनोती के साथ कूटनीतिक रूप से नंगा करना और इस सबके बीच सभी विपक्षी दलों से अपनी हाँ में हाँ मिलवाना। जी एस टी के बाद कश्मीर ऐसा मुद्दा है जिस पर रो पीटकर विपक्ष को सरकार का साथ देना पड़ रहा है। सच तो यह है कि कांग्रेस के राज में कश्मीर का तीव्र इस्लामीकरण किया गया और हिन्दुओं को भगाया गया। घाटी के प्रत्येक घर में पाकिस्तान से हर माह लिफाफा आता है और बिना मेहनत के सब मजे करते हें और बदले में भारत के खिलाफ प्रदर्शन करना और झंडे लहराना। पाक सैनिक आतंकी बन इनके बीच रहते हें और जब तब हिंसा और हमले करते रहते हें। हाल ही में सैन्य बलों की आक्रामकता के पीछे इस खेल का समूल नाश करना है, जिससे पाक सरकार,सेना और आईएसआई के साथ ही भारत में इनकी दुकान चलाने वाला सफेदपोश माफिया घबरा गया है और आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर हो गया है। अब घाटी की भी दो तिहाई जनता सरकार के साथ आ गयी है और जम्मू व लद्दाख तो पहले से हें ही साथ ही पी ओ के की जनता में पाक के खिलाफ विद्रोह रह रह कर फुट रहा है। इसी बीच कश्मीरी पंडितो को पुनः घाटी में बसाने और धारा 370 खत्म करने की मांग जोर शोर से उठ रही है जो अंततः पाकिस्तान के गुरिल्ला युद्ध के विरुद्ध भारत की निर्णायक जंग बनती जा रही है। साफ़ तौर पर पाक और पकपरस्त गैंग हार के कगार पर है।
#Dalit भारत को वेटिकन की ईसाईयत और सऊदी अरब के बहाबी इस्लाम ने अपनी बपौती मान रखा है और दोनों मिलकर भारत के अलग अलग हिस्सों में ईसाईयत और कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ाबा देते आये हें। पिछले सेकड़ो सालो में इन्होंने बंदूक, तलवार और पैसे के बल पर तो हिंदुओं का धर्मान्तरण किया ही साथ ही हिन्दू समाज को क्षद्म जातियों में बाँट आपस में लड़ाने का काम भी किया है। विभाजित हिन्दू को ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, पिछड़ा, दलित और जनजातियों में योजनाबद्ध तरीके से बांटा गया और इस खाई को और चोडी करने के लिए फर्जी साहित्य और आरक्षण के द्वारा लगातार बढ़ाया गया। आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी इन्ही ईसाई और मुस्लिम विभाजनकारी शक्तियों के सहारे देश में हिंदुओं से धर्मान्तरित मुसलमानों, ईसाईयों और हिंदुओं के दलित व जनजाति समुदायों को शेष जातियों से लड़ाकर के वोटबैंक की राजनीति करती आयी है। पूर्व में अटल सरकार को आंशिक रूप से और मोदी सरकार को पूर्ण रूप से वेटिकन और सऊदी अरब और उनकी पिट्ठू सेकूलर राजनीतिक खेमा हिंदुओं में पैदा हुई एकता एवं आत्मसम्मान की भावना का जिम्मेदार मानते हें। अब इस खेमे का खेल है कि येन केन प्रकरेण हिंदुओं में पुनः विभाजन पैदा करो और लड़ाओ ताकि दिल्ली और बिहार के साथ ही अन्य राज्यों और अंततः केंद्र में भी उनकी पिट्ठू सेकूलर सरकार वापस आ सके और वे पुनः पिछले कई सौ सालों से की गयी लूट को पुनः शुरू कर सकें। राजस्थान में मीणा, मध्य भारत में जाट व गुर्जर और गुजरात में पटेल जातियों के आंदोलन और अब हाल ही में भड़की दलितों के खिलाफ हिंसा भी इसी गैंग की साजिश है ताकि फिर से हिन्दू समाज बिखर जाये। चूँकि यू पी व पंजाब के चुनाव निकट हें और दलित यहाँ भारी मात्रा में हें इस कारण पुरे देश में यह गैंग दलितों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की नयी नयी कहानिया रच और गढ़ रहा है और पुरजोर तरीके से उन्हें उठा रहा है ताकि मनोवैज्ञानिक रूप से दलित समाज में अगड़े हिंदुओ के प्रति भय की भावना बैठ जाये और ये लोग मुस्लिम और ईसाईयों के साथ मिलकर शेष हिंदुओ के खिलाफ अगले सभी चुनावों में वोट करें।
सेकूलर खेमे के इस खेल को दयाशंकर मामले में मायावती के उतावलेपन और स्वाति सिंह की शानदार आक्रामकता ने पलट दिया और बिखरने को तैयार अगड़े पिछड़े हिंदुओ को एक कर दिया। अब राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मोर्य और अब स्वाति सिंह के रूप में उत्तर प्रदेश भाजपा को नयी धार मिल गयी है और सपा-बसपा दोनों पीछे छूट रही हें।
#गौ,ग्राम और गंगा यह वेदिककाल से ही हिन्दू जीवन पद्धति और अब संघ परिवार की विचारधारा का केंद्र बिंदु रहे हें। लोकसभा चुनावो में मोदी की जीत के पीछे इन तीनो मुद्दों का बिशेष योगदान था। सेकूलर खेमा इन मुद्दों पर मोदी सरकार के हिंदुओ से किये गए वादों और कार्यो पर असफल सिद्ध करना चाहता है। सेकूलर खेमा लगातार गंगा की सफाई के मोदी सरकार के कामों को असफल सिद्ध करने की कोशिश करता आया है। भूमि अधिग्रहण बिल पर किसानो और एक रैंक एक पेंशन पर सेनिको (जो अधिकांशतः ग्रामीण पृष्ठभूमि से होते हें) को भड़काने में सेकूलर गैंग का ही हाथ रहा है। देर सबेर मोदी सरकार ने ये दोनों मुद्दे सुलझा ही लिए,अब ताज़ा आक्रमण गाय को लेकर है। हिन्दू जीवन के केंद्र बिंदु गाय को सेकूलर खेमा विवाद का बिषय बनाये हुए है। गाहे वगाहे गाय के मांस, गोकशी, गोसेवक और गोपालकों को विवादों और बयानों में उलझाया जा रहा है। सबका साथ ,सबका विकास को प्राथमिकता देने वाली मोदी सरकार के खिलाफ सेकूलर खेमे के साथ ही कट्टर हिंदुओ का एक तबका भी लगा है जो भारत की कल्पना एक हिन्दू राष्ट्र के रूप में करता है और हिंसा में विश्वास रखता है । भाजपा में मोदी विरोधी गुट, जिसके नेता आडवाणी हें और सरकार में जेटली गुट इस खेमे को भड़कता और उकसाता रहता है, जिस कारण विभिन्न धार्मिक मसलों पर मोदी सरकार आने के बाद से लगातार विवाद सड़को और मीडिया में चलते रहते हें। गो सेवको पर मोदी के ताज़ा बयान को इसी खेमे ने ज्यादा ही तूल दे रखा है जिस कारण संघ को स्वयं कमान अपने हाथ में लेनी पड़ी और विश्व हिन्दू परिषद को आगे कर 5000 गौ सम्मेलन कराये जाने की घोषणा की गयी है। अब उम्मीद है इस आंदोलन को भड़काया जायेगा और यू पी चुनावों से पूर्व मोदी सरकार संसद में गोवंश की रक्षा के लिए कानून बनाने का प्रस्ताव लाएगी और इसका सन् 2017 में होने वाले चुनावों में भाजपा को लाभ मिलेगा।
कुल मिलाकर संघ और सेकूलर खेमा तू डाल डाल, मेँ पात - पात का खेल ,खेल रहा है। इस खेल में कभी कोई आगे तो कभी कोई आगे हो जाता है, यद्धपि अंत में एकजुट होने के कारण संघ परिवार अंततः भारी ही पड़ता है, किंतू सेकूलर खेमा कभी भी बाजी मार सकता है बस उसे इंतज़ार है संघी खेमे की एक बड़ी चूक का
#Dalit भारत को वेटिकन की ईसाईयत और सऊदी अरब के बहाबी इस्लाम ने अपनी बपौती मान रखा है और दोनों मिलकर भारत के अलग अलग हिस्सों में ईसाईयत और कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ाबा देते आये हें। पिछले सेकड़ो सालो में इन्होंने बंदूक, तलवार और पैसे के बल पर तो हिंदुओं का धर्मान्तरण किया ही साथ ही हिन्दू समाज को क्षद्म जातियों में बाँट आपस में लड़ाने का काम भी किया है। विभाजित हिन्दू को ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, पिछड़ा, दलित और जनजातियों में योजनाबद्ध तरीके से बांटा गया और इस खाई को और चोडी करने के लिए फर्जी साहित्य और आरक्षण के द्वारा लगातार बढ़ाया गया। आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी इन्ही ईसाई और मुस्लिम विभाजनकारी शक्तियों के सहारे देश में हिंदुओं से धर्मान्तरित मुसलमानों, ईसाईयों और हिंदुओं के दलित व जनजाति समुदायों को शेष जातियों से लड़ाकर के वोटबैंक की राजनीति करती आयी है। पूर्व में अटल सरकार को आंशिक रूप से और मोदी सरकार को पूर्ण रूप से वेटिकन और सऊदी अरब और उनकी पिट्ठू सेकूलर राजनीतिक खेमा हिंदुओं में पैदा हुई एकता एवं आत्मसम्मान की भावना का जिम्मेदार मानते हें। अब इस खेमे का खेल है कि येन केन प्रकरेण हिंदुओं में पुनः विभाजन पैदा करो और लड़ाओ ताकि दिल्ली और बिहार के साथ ही अन्य राज्यों और अंततः केंद्र में भी उनकी पिट्ठू सेकूलर सरकार वापस आ सके और वे पुनः पिछले कई सौ सालों से की गयी लूट को पुनः शुरू कर सकें। राजस्थान में मीणा, मध्य भारत में जाट व गुर्जर और गुजरात में पटेल जातियों के आंदोलन और अब हाल ही में भड़की दलितों के खिलाफ हिंसा भी इसी गैंग की साजिश है ताकि फिर से हिन्दू समाज बिखर जाये। चूँकि यू पी व पंजाब के चुनाव निकट हें और दलित यहाँ भारी मात्रा में हें इस कारण पुरे देश में यह गैंग दलितों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार की नयी नयी कहानिया रच और गढ़ रहा है और पुरजोर तरीके से उन्हें उठा रहा है ताकि मनोवैज्ञानिक रूप से दलित समाज में अगड़े हिंदुओ के प्रति भय की भावना बैठ जाये और ये लोग मुस्लिम और ईसाईयों के साथ मिलकर शेष हिंदुओ के खिलाफ अगले सभी चुनावों में वोट करें।
सेकूलर खेमे के इस खेल को दयाशंकर मामले में मायावती के उतावलेपन और स्वाति सिंह की शानदार आक्रामकता ने पलट दिया और बिखरने को तैयार अगड़े पिछड़े हिंदुओ को एक कर दिया। अब राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मोर्य और अब स्वाति सिंह के रूप में उत्तर प्रदेश भाजपा को नयी धार मिल गयी है और सपा-बसपा दोनों पीछे छूट रही हें।
#गौ,ग्राम और गंगा यह वेदिककाल से ही हिन्दू जीवन पद्धति और अब संघ परिवार की विचारधारा का केंद्र बिंदु रहे हें। लोकसभा चुनावो में मोदी की जीत के पीछे इन तीनो मुद्दों का बिशेष योगदान था। सेकूलर खेमा इन मुद्दों पर मोदी सरकार के हिंदुओ से किये गए वादों और कार्यो पर असफल सिद्ध करना चाहता है। सेकूलर खेमा लगातार गंगा की सफाई के मोदी सरकार के कामों को असफल सिद्ध करने की कोशिश करता आया है। भूमि अधिग्रहण बिल पर किसानो और एक रैंक एक पेंशन पर सेनिको (जो अधिकांशतः ग्रामीण पृष्ठभूमि से होते हें) को भड़काने में सेकूलर गैंग का ही हाथ रहा है। देर सबेर मोदी सरकार ने ये दोनों मुद्दे सुलझा ही लिए,अब ताज़ा आक्रमण गाय को लेकर है। हिन्दू जीवन के केंद्र बिंदु गाय को सेकूलर खेमा विवाद का बिषय बनाये हुए है। गाहे वगाहे गाय के मांस, गोकशी, गोसेवक और गोपालकों को विवादों और बयानों में उलझाया जा रहा है। सबका साथ ,सबका विकास को प्राथमिकता देने वाली मोदी सरकार के खिलाफ सेकूलर खेमे के साथ ही कट्टर हिंदुओ का एक तबका भी लगा है जो भारत की कल्पना एक हिन्दू राष्ट्र के रूप में करता है और हिंसा में विश्वास रखता है । भाजपा में मोदी विरोधी गुट, जिसके नेता आडवाणी हें और सरकार में जेटली गुट इस खेमे को भड़कता और उकसाता रहता है, जिस कारण विभिन्न धार्मिक मसलों पर मोदी सरकार आने के बाद से लगातार विवाद सड़को और मीडिया में चलते रहते हें। गो सेवको पर मोदी के ताज़ा बयान को इसी खेमे ने ज्यादा ही तूल दे रखा है जिस कारण संघ को स्वयं कमान अपने हाथ में लेनी पड़ी और विश्व हिन्दू परिषद को आगे कर 5000 गौ सम्मेलन कराये जाने की घोषणा की गयी है। अब उम्मीद है इस आंदोलन को भड़काया जायेगा और यू पी चुनावों से पूर्व मोदी सरकार संसद में गोवंश की रक्षा के लिए कानून बनाने का प्रस्ताव लाएगी और इसका सन् 2017 में होने वाले चुनावों में भाजपा को लाभ मिलेगा।
कुल मिलाकर संघ और सेकूलर खेमा तू डाल डाल, मेँ पात - पात का खेल ,खेल रहा है। इस खेल में कभी कोई आगे तो कभी कोई आगे हो जाता है, यद्धपि अंत में एकजुट होने के कारण संघ परिवार अंततः भारी ही पड़ता है, किंतू सेकूलर खेमा कभी भी बाजी मार सकता है बस उसे इंतज़ार है संघी खेमे की एक बड़ी चूक का
Subscribe to:
Posts (Atom)
बीजेपी के अध्यक्ष का चुनाव अब टल गया है
बीजेपी के अध्यक्ष का चुनाव अब टल गया है बीजेपी के अध्यक्ष का चुनाव अब टल गया है बीजेपी के अध्यक्ष का चुनाव अब टल गया है बीजेपी के अध्यक्ष...
-
A house damaged in an Israeli strike lies in ruin (Credits: Reuters) While Israel promised to capt...
-
What is the Gaza Strip? What you want to be aware of the domain at the core of the Israel-Hamas war The Gaza Strip has been the focal point...
-
Gaza war: Netanyahu vows to defeat Hamas in Rafah, even though US arms threaten Rafah and could stop arms shipments. Thousands of people f...