RAFALE DHAMAKA
राफेल का धमाका :
राफेल सौदे से कांग्रेस को जितना कमीशन मिलने वाला था, उससे भी अधिक रकम चीन से कांग्रेस ने राफेल नहीं खरीदने के नाम पर डकार ली, और ऐ.के.ऐन्टोनी से बयान दिलवा दिया कि भारत के पास फंड नहीं है, खरीद नहीं सकते।
अब मोदी जी के शासन में सौदा हो गया है, तब चीन ने मियां राहुल को तलब किया।
राहुल ने भारत में चीनी दूतावास में जाकर राफेल के बारे में सफ़ाई दी। मगर चीनी अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए, और वे बोले "राहुल बाबा, राफेल के मामलों में तुम चीन जाकर बात कर लो, अन्यथा खाया माल वापस कर दो!"
अब राहुल दूतावास से बाहर आकर बोला कि "हम डोकलाम के विषय पर बात करने गए थे!" इस मूर्ख पप्पू ने भारत के लोगों को पप्पू बना दिया।
अब चीन के बुलावे पर चीन जाये तो जाये कैसे? तब युक्ति निकाली गई कि राहुल बाबा मानसरोवर यात्रा चीन के रास्ते जाएगा। मगर सिर्फ चीन जाकर राफेल नहीं खरीदने का कमीशन जो पप्पू ने खाया था, उसके सामने चीन ने दो शर्तें रखीं:
एक, मोदी के शासन में खरीदा सौदा जैसे भी हो, कैंसल करवाओ, या उसमें क्या-क्या उपकरण लगवाए जा रहे हैं, हमें बताओ।
दूसरा, अगर ये नहीं कर सकते तो, खाया हुआ कमीशन वापस करना होगा।
अब पप्पू भारत आकर मोदी विरोधी पार्टियों को प्रलोभन देकर, "चौकीदार चोर-चौकीदार चोर" पागल की तरह चिल्लाने लगा।
जब भाजपा ने पूरी तरह से झाड़ दिया, तब सुर्पीम कोर्ट गया! वहां भी नाकाम रहा!
इधर पप्पू से लोग पूछ रहे थे: मानसरोवर जा कर कैसा लगा? अब वह लोगों को क्या उत्तर दे? दिमाग तो पप्पू का संट था! अगर राफेल मोदी जी से कैंसल न कर सके, तो चीन से खाया माल वापस करना पड़ेगा। तो मानसरोवर वाले मामले में राहुल सटीक वर्णन नहीं कर सका था! शायद वो व्हीडियो (मानसरोवर के विषय में पूछे सवाल पर) वाइरल भी हुआ था।
पप्पू सही उत्तर नहीं दे सका था, और हकलाने लगा था।
इधर, चीन से फिर निर्देश मिला: JPC कराकर, उसमें लगने वाले उपकरण के बारे में हमें जानकारी दे दो, तभी हम तुम्हें बक्ष देंगे!
तब से पप्पू ने जेपीसी की रट लगाई है!
इधर, मोदीजी को सब अनुभव था, चीन की डिमांड के बारे में पता चल गया! तब मोदीजी ने जेपीसी के लिए मना कर दिया, क्यों कि सारी जानकारी चीन तक आसानीसे चली जाती, और पप्पू चीन से खाया माल वापस करने से बच जाता।
इसलिए राफेल मुद्दा चुनाव तक रखकर, चीन का माल वापस करने से बचने के लिए, चुनाव में ये पगला जी-जान लगायेगा! और अन्य पार्टियों को भी खाये माल में प्रलोभन दिया है।
पप्पू ने सोच रखा है: अगर चुनाव के नतीजे मोदी पक्ष में नहीं आए, तब हम चीन के र्निदेशके हिसाब से काम कर देंगे, और राफेल को कैंसल कर देंगे!
मेरा विचार है कि पिछली कांग्रेस सरकार ने "राफेल क्यों नहीं खरीदा?" इस पर मोदी सरकार जांच बिठा दे, तो सारी अकड़ पप्पू की निकल जायेगी।
।। जय भारत ।।
पूर्ण बहुमत की सरकार क्या कर सकती है, पिछले पांच साल में देख लिया। अब प्रचंड बहुमत की क्या कर सकती है, अगले पांच साल में देखेंगे।
राफेल सौदे से कांग्रेस को जितना कमीशन मिलने वाला था, उससे भी अधिक रकम चीन से कांग्रेस ने राफेल नहीं खरीदने के नाम पर डकार ली, और ऐ.के.ऐन्टोनी से बयान दिलवा दिया कि भारत के पास फंड नहीं है, खरीद नहीं सकते।
अब मोदी जी के शासन में सौदा हो गया है, तब चीन ने मियां राहुल को तलब किया।
राहुल ने भारत में चीनी दूतावास में जाकर राफेल के बारे में सफ़ाई दी। मगर चीनी अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए, और वे बोले "राहुल बाबा, राफेल के मामलों में तुम चीन जाकर बात कर लो, अन्यथा खाया माल वापस कर दो!"
अब राहुल दूतावास से बाहर आकर बोला कि "हम डोकलाम के विषय पर बात करने गए थे!" इस मूर्ख पप्पू ने भारत के लोगों को पप्पू बना दिया।
अब चीन के बुलावे पर चीन जाये तो जाये कैसे? तब युक्ति निकाली गई कि राहुल बाबा मानसरोवर यात्रा चीन के रास्ते जाएगा। मगर सिर्फ चीन जाकर राफेल नहीं खरीदने का कमीशन जो पप्पू ने खाया था, उसके सामने चीन ने दो शर्तें रखीं:
एक, मोदी के शासन में खरीदा सौदा जैसे भी हो, कैंसल करवाओ, या उसमें क्या-क्या उपकरण लगवाए जा रहे हैं, हमें बताओ।
दूसरा, अगर ये नहीं कर सकते तो, खाया हुआ कमीशन वापस करना होगा।
अब पप्पू भारत आकर मोदी विरोधी पार्टियों को प्रलोभन देकर, "चौकीदार चोर-चौकीदार चोर" पागल की तरह चिल्लाने लगा।
जब भाजपा ने पूरी तरह से झाड़ दिया, तब सुर्पीम कोर्ट गया! वहां भी नाकाम रहा!
इधर पप्पू से लोग पूछ रहे थे: मानसरोवर जा कर कैसा लगा? अब वह लोगों को क्या उत्तर दे? दिमाग तो पप्पू का संट था! अगर राफेल मोदी जी से कैंसल न कर सके, तो चीन से खाया माल वापस करना पड़ेगा। तो मानसरोवर वाले मामले में राहुल सटीक वर्णन नहीं कर सका था! शायद वो व्हीडियो (मानसरोवर के विषय में पूछे सवाल पर) वाइरल भी हुआ था।
पप्पू सही उत्तर नहीं दे सका था, और हकलाने लगा था।
इधर, चीन से फिर निर्देश मिला: JPC कराकर, उसमें लगने वाले उपकरण के बारे में हमें जानकारी दे दो, तभी हम तुम्हें बक्ष देंगे!
तब से पप्पू ने जेपीसी की रट लगाई है!
इधर, मोदीजी को सब अनुभव था, चीन की डिमांड के बारे में पता चल गया! तब मोदीजी ने जेपीसी के लिए मना कर दिया, क्यों कि सारी जानकारी चीन तक आसानीसे चली जाती, और पप्पू चीन से खाया माल वापस करने से बच जाता।
इसलिए राफेल मुद्दा चुनाव तक रखकर, चीन का माल वापस करने से बचने के लिए, चुनाव में ये पगला जी-जान लगायेगा! और अन्य पार्टियों को भी खाये माल में प्रलोभन दिया है।
पप्पू ने सोच रखा है: अगर चुनाव के नतीजे मोदी पक्ष में नहीं आए, तब हम चीन के र्निदेशके हिसाब से काम कर देंगे, और राफेल को कैंसल कर देंगे!
मेरा विचार है कि पिछली कांग्रेस सरकार ने "राफेल क्यों नहीं खरीदा?" इस पर मोदी सरकार जांच बिठा दे, तो सारी अकड़ पप्पू की निकल जायेगी।
।। जय भारत ।।
पूर्ण बहुमत की सरकार क्या कर सकती है, पिछले पांच साल में देख लिया। अब प्रचंड बहुमत की क्या कर सकती है, अगले पांच साल में देखेंगे।
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