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कुतर्कों को खान केजरी - कोर्ट ने कहा बेल कराना जरूरी

आज पटियाला हॉउस कोर्ट में मौलिक भारत के नीरज सक्सेना और अनुज अग्रवाल के द्वारा दायर झूठे शपथ पत्र के मामले में शिकायत पर जारी सम्मन के जनाब मबकेजरीवाल ने अपने वकील के माध्यम से अजीब कुतर्क दिया कि वह व्यस्तता के कारण बेल कराने नहीं आ सकता।अतः उसे इस प्रक्रिया से मुक्त समझा जाये और कोर्ट में पेशी से छुट देते हुए ट्रायल जारी रखा जाए। कोर्ट ने केजरीवाल के वकील के कुतर्कों को मानने से इंकार कर दिया और अगली तारीख पर स्वयं उपस्थित होकर बेल बांड भरने के आदेश दिए। साथ ही आदेश दिया कि ट्रायल के समय आरोपों का जबाब देने स्वयं उपस्थित रहना होगा। अगली तारीख 24 दिसंबर की है। साथियो , आज का आदेश ऐतिहासिक है। अब केजरीवाल पूरी तरह चंगुल में फंस गया है। हमारे वकील राहुलराज मलिक ने केजरीवाल के वकीलों के सारे तर्कों की छिन्न भिन्न कर दिया। थोड़ा समय जरूर लगेगा किंतू इस फर्जीवाल का अंत निश्चित है।

बकरे की माँ कब तक खेर मनाएगी?

चुनाव आयोग को दिए गए अपने शपथ पत्र में अरविंद केजरीवाल ने जितने झूठ बोले हें और अपने झूठ को सच साबित करने के लिए जो फर्जीवाड़े किये हें, मौलिक भारत के माध्यम से नीरज सक्सेना जी और मैने सब की सबूतों सहित शिकायत चुनाव आयोग, उच्च न्यायालय और अंततः जिला न्यायालय में की थी। प्रॉपर्टी छुपाना,उनकी कीमत कम दिखाना, उनके गलत पटे देना, गाजियाबाद में रहते हुए भी खुद को दिल्ली का नागरिक बताना , पत्नी बच्चों से संबंधी जानकारी छुपाना आदि हमारे प्रमुख आरोप हें।इस मामले में न्यायलय ने प्रथम दृष्टया सबूतों को सही माना है और केजरीवाल के खिलाफ सम्मन जारी किये हें। आज 31 अगस्त को केजरीवाल को इस मामले में जमानत करानी है। रो पीटकर आज उसे न्यायलय में आना ही पड़ेगा। अभी तक बड़ी चालाकी से वो मौलिक भारत के प्रश्नो और आरोपों से बचते रहे और मीडिया को मैनेज करते रहे। पर कब तक? अब ट्रायल शुरू हो गया है और केजरीवाल को हमारे हर आरोप का जबाब देना ही पड़ेगा और हमारे वकील राहुराज मलिक उसको आइना दिखाएंगे। धीमे धीमे उनकी विधायकी और मुख्यमंत्री की कुर्सी सरकती जा रही है और हथकड़ी और जेल पास आ रही हें। ईश्वर ने इस सदी में लोकतन्...

कश्मीर घाटी, दलित और गोमाता - सेकूलरवाद बनाम हिन्दुवाद के मोहरे

कश्मीर घाटी, दलित और गोमाता - सेकूलरवाद बनाम हिन्दुवाद के मोहरे - ‪#‎ AnujAgrawal‬ ‪#‎ Kashmeerबकौल‬  सेकूलर खेमा हिंदूवादी मोदी सरकार कश्मीर घाटी के जो 5-7 लाख जिहादी टाइप मुसलमान हें , उनको पिछले एक माह से निपटाने में लगी है तो संघ खेमे में सुगबुगाहट है कि मामले को ठीक से नहीं निबटाने की वजह से एक आतंकी बुरहान का एनकाउंटर उसे हीरो बना गया और घाटी की हाशिये पर पड़ी पाक परस्त मुट्ठीभर लॉबी को फिर से कमान हाथ में लेने का मौका मिल गया। मोदी सरकार देर से ही मगर सम्भल गयी और फिर इस खुले खेल में पाक परस्त नए चेहरे उजागर हो गए और पेलेट गन के कारण स्थायी रूप से सैन्य बलों की नज़र में चढ़ गए। चाहे पाक दौरा हो या संसद, मोदी ने उत्तर प्रदेश के नेता गृहमंत्री राजनाथ सिंह को आगे रखा। यानि कश्मीर के बहाने और यू पी पर निशाने। कश्मीर पर मोदी सरकार की आक्रामकता लाजबाब है। महबूबा मुफ़्ती को काबू करने के बाद आतंकियों से खुली जंग, कश्मीरी पाक परस्त लोगों पर वार, पाक अधिकृत कश्मीर पर अपना हक़ मांगना और पाक को खुली चुनोती के साथ कूटनीतिक रूप से नंगा करना और इस सबके बीच सभी विपक्षी दलों से अपनी हाँ में ह...

मोदी जी का तुरप का इक्का - योगी आदित्यनाथ

मोदी जी का तुरप का इक्का - योगी आदित्यनाथ मायावती प्रकरण पर भाजपा ने जितनी तुरत फुरत अपने उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को पार्टी से बर्खास्त किया उससे महिला नेत्रियों के खिलाफ अपशब्द बोलते रहने वाले कांग्रेस, सपा, बसपा और आआपा के अन्य नेताओ की बर्खास्तगी पर भाजपा हमलावर हो सकती है। योजनाबद्ध तरीके से सपा,बसपा और कांग्रेस जिस प्रकार जाति और मुस्लिम कार्ड खेल रहे हें, उससे भाजपा के लिए खुले रूप से हिन्दू कार्ड खेलने का रास्ता साफ़ हो गया है। अब योगी आदित्यनाथ को उत्तर  प्रदेश चुनावों में भाजपा का मुख्यमंत्री घोषित करने भाजपा के लिए औपचारिकता भर रह गया है। प्रधानमन्त्री मोदी की जल्द ही गोरखपुर में होने वाली रैली में यह घोषणा होने की पूरी संभावना है, अन्यथा संसद सत्र के बाद यह हो जायेगा। गोरखपुर में AIIMS की स्थापना हेतू आज 1000 करोड़ रूपये के आवंटन को केंद्रीय मंत्रिमण्डल की स्वीकृति और योगी आदित्यनाथ की मोदी की टीम द्वारा ट्रेनिंग/ ग्रूमिंग की खबर भाजपा और यू पी की राजनीति में तूफान मचाने जा रही हें।

OPEN LETTER TO DEPARTED TERRORIST BUR HAN WANI BY VETERAN MAJOR ARYA

Here's FULL TEXT of the open letter Dear Departed, Ever since you were terminated in a forces-led operation in the Valley, 23 people have died. I don’t know why they died. The majority were possibly overcome with grief and fury and wanted to avenge your death. That did not happen, for obvious reasons. A policeman was thrown along with his vehicle into a river and he drowned. I grieve with your family and with the families of all those who lost their lives. Despicable though you may have been, I cannot find it in my heart to blame your family. You could have been an engineer, a doctor, an  archeologist  or a software programmer but your fate drew you to the seductive world of social media, with its instant  celebrity hood  and all encompassing fame. You posted pictures on the internet with your “brothers”, all you fine young Rambos holding assault rifles and radio sets. It was right out of Hollywood. Your rifle’s fire selector switch was set to “safe” and yo...
मी लार्ड यह बात कुछ हज़म नहीं हुई ! -#अनुज अग्रवाल अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की बहाली के निर्णय में माननीय उच्चतम न्यायालय ने कहा कि " राज्यपाल का आचरण न सिर्फ निष्पक्ष होना चाहिए बल्कि निष्पक्ष दिखना भी चाहिए " साथ ही यह भी कहा - " राज्यपालों को राजनीतिक दलों की लड़ाई से खुद को दूर रखना चाहिए" किंतू जिस प्रकार का आचरण निर्णय और व्यवहार न्यायपालिका कर रही है उससे ऊपर दिए गए कोड्स में राज्यपाल की जगह न्यायपालिका शब्द रख दिया जाए तो आम जनता को ज्यादा ठीक लगेगा। कोर्ट परिसरों में रोज होती लूट, बिकते न्याय और 3 करोड़ लंबित मामलो के बीच जनता को भारत की न्याय व्यवस्था का चरित्र पता है। जिसका भी पडोसी न्यायाधीश, वकील या कोर्ट का कर्मचारी है उसे इस बाजार आधरित न्याय तंत्र का नंगा सच पता है। किंतू माननीय न्यायाधीश न तो अपने गिरेबां में झांकते हें और न ही अपने आँगन की सफाई करते हें। जनता को पता है कि कोलॉजियम, उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त मामले और फिर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के बीच कैसे न्यायपालिका ने बिना किसी संवेधानिक प्रावधान के गैरकानूनी तरीक़ों से निर्...

जेटली : मोदी मंत्रिमण्डल की ताई की विदाई की पटकथा

जेटली : मोदी मंत्रिमण्डल की ताई की विदाई की पटकथा  ‪#‎ अनुजअग्रवाल‬ , ‪#‎ संपादक‬ ,डायलॉग इंडिया सन् 2014 में मोदी सरकार बनने के साथ ही सरकार में वित्त और रक्षा मंत्री बने अरुण जेटली स्वयं को मोदी से ऊपर ही समझते थे। उनका शानदार और लदकद कार्यालय जो मोदी के कार्यालय से ज्यादा बड़ा था और अक्खड़ कार्यशैली से यह दिखता रहा। चुनाव पूर्व के बर्षों में भाजपा की अंदरुनी गुटबाजी और कोंग्रेस सरकार की घेराबंदी के बीच जेटली मोदी के करीब होते गए। स्मृति ईरानी को मोदी केम्प से जोड़ने वाले जेटली ही  थे।हर बात अहम का मुद्दा बनाने वाले जेटली ने लोकसभा चुनावों में भी खासी मनमानी की और उसके बाद भी। वे घोटालों में फंसी कारपोरेट लॉबी के प्रिय होते गए और उनके एजेंट से दिखने लगे। ऊपर से रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के विरोधी दिखने वाले जेटली अंदर से उनके साथ थे और दोनों ने बेंको के 14 लाख करोड़ रूपये लूटने वालों और कालाधन देश से बाहर ले जाने वाले कोंग्रेसी सरकार के समय के सिंडीकेट की मदद ही की। अंदर से जेटली मानते हें कि लोकसभा चुनावों में उनकी और स्मृति की हार के पीछे मोदी केम्प है। उनके अंदर प...