हमारे बिके हुए सुप्रीम कोर्ट के जजेस उन्होंने एक बम शेल स्टेटमेंट दे दिया रिजर्वेशन के ऊपर कि रिजर्वेशन खत्म होना चाहिए और जो उन्होंने टर्म्स एंड कंडीशंस रखी हैं। इससे 75% से ज्यादा लोग उनका कोटा खत्म हो सकता है। लेकिन मजे की बात क्या है? जो गवई साहब बोलते हैं कि रिजर्वेशन खत्म करना चाहिए और मोदी गवर्नमेंट में हाहाकार मच गया। यह कैसे हो गया? और गवर्नमेंट की स्टेटमेंट आ गया। नहीं नहीं नहीं हम ऐसा कुछ नहीं होने देंगे। अब इसके ऊपर बात करते हैं कि क्या जो इंडिया का रिजर्वेशन सिस्टम है उसके अंदर अब तक की बिगेस्ट चेंज जो हम सोच रहे थे कि होनी चाहिए वो होने वाली है। CJI साहब ने तो हां कर दिया। अब आते हैं कि इसके हो क्या रहा है? मोदी जी ने अगर या मोदी की गवर्नमेंट ने बोला कि हम नहीं करेंगे। ऐसी कौन सी मजबूरी है? क्योंकि इसके ऊपर बहुत बार बात हो गई है। और ये मोस्ट अनएक्सेक्टेड वॉइस थी कि हमारा चीफ जस्टिस गवई वो ये स्टेटमेंट दे दे। वो भी कब? रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले।
अब ओपनली फियरलेसली उन्होंने बोल दिया। जबकि खुद वो एससी एसटी कैटेगरी से आते हैं। उन्होंने एक स्टेटमेंट बोला कि इमेजिन कीजिए दो बच्चे हैं। दोनों शेड्यूल कास्ट फैमिली से आते हैं। पहला बच्चा है आईएएस ऑफिसर का। उसके पास सारे कंफर्ट है। पूरा एजुकेशन सिस्टम उसके पास है। पूरी ओपोरर्चुनिटीज है। दूसरा बच्चा है जो एक किसान का बच्चा है या कोई लेबरर है। दिहाड़ी पर काम करने वाला है। उसको दो वक्त का खाना भी मिलता नहीं है। बेसिक स्कूलिंग उसके बाद प्रॉपर नहीं है। हर रोज लड़ाई करनी पड़ती है जिंदगी के साथ। अब मिलियन डॉलर ये है कि क्या दोनों बच्चों की सिचुएशन सेम है? क्या दोनों को सेम रिजर्वेशन के बेनिफिट मिलने चाहिए? आंसर है अबब्सोलुटली नॉट। तो उन्होंने एक टर्म दे दिया क्रीमी लेयर का कांसेप्ट। क्या बोला उन्होंने? उन्होंने बोल दिया एक रेवोलशनरी सिस्टम लेके आते हैं। जहां पे जो क्रीमी लेयर के लोग हैं जो ऑलरेडी बहुत आगे निकल गए। उनके बच्चों को हम ये नहीं देंगे। और एक्सक्लूड करेंगे इन सारी उस सभी को शेड्यूल कास्ट की कैटेगरी में से। अब ये क्रीमी लेयर है कौन? यह अप्लाई होता है। आज की डेट में भी यह क्रीमी लेयर एक्सिस्ट करती है ओबीसीज के रिजर्वेशन के लिए। जहां पर आपने बोल दिया कि अगर ₹ लाख से ज्यादा की आपकी इनकम है तो आपको रिजर्वेशन नहीं मिलेगा। बड़ा सिंपल है। आपको ओबीसी का कोटा नहीं मिलता।लेकिन जो जो लोग प्रोग्रेस कर चुके हैं इसके ऊपर उनको रिजर्वेशन की अब जरूरत नहीं है। लेकिन यह पॉलिसी वो एससी और एससी के ऊपर वो लागू नहीं होती
हमारे सीजीआई जो जब तक सीजीआई रहे तब तो बोले नहीं अब रिटायरमेंट से पहले उन्होंने बोल दिया कि ये खत्म होना चाहिए एससी एसटी के ऊपर भी लागू होना चाहिए और उन्होंने रेफर भी किया 1992 का कोई जजमेंट था इंदिरा सोहनी का लैंडमार्क जजमेंट ऑन रिजर्वेशन और गवाही साहब ने पब्लिकली क्या बोला है उन्होंने बोला है कि जो प्रोविजंस ओबीसी के ऊपर लागू जो होती है वो एससी एसटी के ऊपर भी होनी चाहिए। जबकि उनको मालूम था कि मैसिव क्रिटिसिज्म आएगा उसकी अपनी कम्युनिटी से भी क्योंकि वो खुद एससी बैकग्राउंड से बिलोंग करते हैं और वो सेकंड दलित है। दलित चीफ जस्टिस है भारत के। आउटसाइडर नहीं है इस सारे रिजर्वेशन के बेनिफिट्स का। दोस्तों और यह पहली बार भी नहीं है कि गवाही साहब ने बोला हो 204 में जब इन्वेस्टिगेशन किया मैंने तो 2024 के अंदर भी सेवन जजेस की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच बैठी थी रूलिंग करने के लिए एससी एसटी के ऊपर उसमें गवाई साहब थे और उन्होंने तब भी बोला था कि जो क्रीमी लेयर है ये एससी एसटी के अंदर यह खत्म होनी चाहिए। इसके ऊपर रिजर्वेशन नहीं मिलना चाहिए। जजमेंट बड़ा क्लियर था कि शेड्यूल कास्ट जो है उनको अब इस कैटेगरी में डाला जाए क्रीमी लेयर के अंदर। लेकिन हुआ क्या? हुआ अनएक्सेक्टेड। पॉलिटिकल रियलिटी सामने आ गई। यूनियन गवर्नमेंट ने इमीडिएटली क्लेरिफाई कर दिया कि कोई भी प्रोविजन नहीं है कि एससी एसटी के क्रीमी लेयर को एक्सक्लूड किया जाएगा। अश्वरी वैष्णव को आकर स्टेटमेंट्स देनी पड़ी कि गवर्नमेंट इस चीज को इंप्लीमेंट नहीं करेगी। क्यों? क्योंकि अगर इसको इंप्लीमेंट किया तो पॉलिटिकली एक्सप्लोसिव यह चीज बन सकती है।
पंकज मित्तल है एक जस्टिस। उन्होंने भी बोला कि जो क्रीमी लेयर है ये कंट्रोवर्शियल टॉपिक है। लेकिन भारत के अंदर जो कास्ट सिस्टम्स है वो ऑलरेडी खत्म हो चुके हैं। कास्ट सिस्टम था ऑन द बेसिस ऑफ़ प्रोफेशन, टैलेंट, क्वालिटीज नॉट बाय बर्थ। कि आप दलित के घर में हैं तो आप दलित ही रहेंगे। वो सिस्टम खत्म खत्म हो गया। वो एंशिएंट टाइम में होता था। आज को ब्राह्मण का जो बच्चा है जो ब्राह्मण है वो तो कोई पंडित बनता नहीं है। वो तो आईटी का काम कर रहा है। लेकिन बोलता है अपने आप को ब्राह्मण है। जबकि ब्राह्मण होना चाहिए जो देश की सेवा करे स्पिरिचुअल पर्सन। सिस्टम ब्रेक हो चुका है। तो फिर हम उसको कंटिन्यू क्यों कर रहे हैं? हम क्रीमी लेयर की बात ही क्यों कर रहे हैं? रिजर्वेशन ही खत्म होना चाहिए। और ये सारे बात जो थी वो इसलिए थी क्योंकि गवई साहब इस चीजों का आप कहते हैं इसको एक्सेप्ट कर रहे थे। वो खुद बहुत छोटे स्लम्स के एरिया में जो अमरावती है वहां से आते हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बन गए। क्यों? क्योंकि कॉन्स्टिट्यूशन ने उनको ओपोरर्चुनिटी दिया। एक सिस्टम दिया जहां पर वो ऊपर राइज कर सकते थे। लेकिन वो बोलते हैं कि मैं राइज कर गया। लेकिन मेरे बच्चे उनके पास सारी चीजें हैं। उसको वो फैसिलिटी नहीं मिलनी चाहिए।
एंड इट्स अ नोबल कॉज। लेकिन इशू क्या है? क्या इसको आप मार सकते हैं या अबॉलिश कर सकते हैं? आंसर है नहीं। ये कभी अबॉलिश नहीं करेगा। क्योंकि कोई भी गवर्नमेंट अपना कत्ल नहीं करेगी। कोई भी कोर्ट की रूलिंग आ जाए। गवर्नमेंट इसको इंप्लीमेंट नहीं करेगी। अगर बीजेपी की गवर्नमेंट ने बोल दिया कि ऐसी कोई प्रोविजन नहीं है। हम इसे टच नहीं करना चाहते। इसका मतलब है कोई बहुत बड़ी पॉलिटिकल मजबूरी है। और जो इसके ऊपर डिस्कशन भी करना चाहते हैं उसको टारगेट किया जाता है। अब डिबेट ये नहीं है कि रिजर्वेशन जो है वो बेनिफिशियल है कि नहीं है। अब ये रियलिटी भी नहीं है कि रिजर्वेशन एक्सिस्ट भी करना चाहिए या नहीं करना चाहिए। यह एक्सिस्ट करेगा क्योंकि कॉन्स्टिट्यूशन एससी एसटी के रिजर्वेशन को प्रोटेक्ट करती है। अब एक ही चीज है इसको मल्टीपल टाइम्स पे चेंज करने की कोशिश करी लेकिन गवर्नमेंट ने नहीं करने दिया। इंक्लूडिंग कांग्रेस, इंक्लूडिंग बीजेपी और कोई भी मेजर पॉलिटिकल पार्टी इसको अबॉलिश करने का अफोर्ड ही नहीं कर सकती क्योंकि पॉलिटिकल कॉस्ट बहुत ज्यादा है। लेकिन रिफाइनमेंट यस इसके अंदर रिफाइनमेंट हो सकती है और उसके ऊपर भी गवर्नमेंट एग्री नहीं कर रही। दोबारा सुनना उसके ऊपर भी गवर्नमेंट अभी एग्री नहीं कर रही।
सीजीआई जो है हमारे उन्होंने एम्फसाइज कर दिया समथिंग क्रिटिकल कि जो बी आर अंबेडकर ने ये कॉन्स्टिट्यूशन के अंदर रिजर्वेशन का काम दिया था इवन ही विल बी अशेम्ड कि किस तरह से इसका मिसयूज किया जा रहा है बिकॉज़ ये फेयर नहीं है और प्रैक्टिकली आप सोच के देखिए इन्होंने एक चीज और बोली कि भारत के अंदर 90% से ज्यादा जो इंडिया की पापुलेशन है वो रिजर्व कैटेगरी में आती है। एससी, एससी, ओबीसीस, माइनॉरिटीज 90% और हम हिंदू जो मेजॉरिटी में है हमारे पास कोई रिजर्वेशन ही नहीं है अपने ही कंट्री में। वो कॉकरोच लेके जा रहे हैं हर एक चीज को। वो डॉक्टर बन रहे हैं, इंजीनियर बन रहे हैं। वो आईएएस ऑफिसर बन रहे हैं। पुलिस, आर्मी हर जगह पर। वो बनके क्या करते हैं वो? हमारे गले काट रहे हैं। और उनको ऊपर लेके कौन आया? रिजर्वेशन। और हमारे पास अपने ही कंट्री में कोई राइट नहीं है। और अगर किसी पॉलिटिकल पार्टी को लगता है कि भाई वो इसको टच करेंगे तो वो कभी जीत नहीं सकते। इसीलिए गवर्नमेंट ने इमीडिएटली अपने आप को डिस्टेंस कर लिया सुप्रीम कोर्ट की सजेशन से भी। यह सिचुएशन है आज की डेट में और गवाई साहब बार-बार बोल रहे हैं कि यह सिस्टम अनफेयर है क्योंकि गवाई साहब तो खुद रिटायर हो रहे हैं। जब CJI थे तब बोले नहीं अब रिटायरमेंट से पहले बोल दिया क्योंकि उनको मालूम है कि उनकी जो स्टेटमेंट है वो लीगली बाइंडिंग ही नहीं है। एक ऑब्जरवेशन है, एक रेकमेंडेशन है जिसे ना सीजीआई अगले वाला सुनेगा ना कोई पॉलिटिकल पार्टी सुनेगी और एससी एसटी तो सुनने को तैयार ही नहीं है।
दोस्तों, यह सिस्टम है फेयरनेस का। इफेक्टिवनेस का और फ्यूचर में कौन इस सूअरों को घंटी बांधेगा? यह उसके ऊपर है। अब क्वेश्चन यह नहीं है कि रिजर्वेशन विल कंटिन्यू करेगा या नहीं करेगा, वह तो कंटिन्यू करेगा। क्वेश्चन अब यह होना चाहिए कि कंटिन्यू करेगा तो कैसे करेगा? उसकी प्रोविजंस क्या होनी चाहिए? उसके अंदर चेंजेस कौन सी लेकर आएंगे? और लेकर आएगा तो कौन लेकर आएगा? ये प्रेजेंट गवर्नमेंट ने तो बोल दिया। पिछली गवर्नमेंट्स ने बोल दिया नहीं हम इसे टच नहीं करेंगे। क्यों? सत्ता हाथ में होगी तो आप कुछ कर सकते हैं। सत्ता हाथ से निकल जाएगी। 90% लोग आपके खिलाफ हो जाएंगे। और अब सिंपल क्वेश्चन आपसे कि एक ब्यूरोक्रेट है, आईएएस अफिसर है, CJI बन गया। क्या उसके बच्चे को भी रिजर्वेशन का बेनिफिट मिलना चाहिए? सिंपल क्वेश्चन आपसे और क्या जो प्रोग्रेस नहीं कर रहे जो गरीब लोग हैं क्या उनको चुन चुन कर उनको नहीं देना चाहिए रेशेस और क्या ये जो नीचे जो लोग रहते हैं जिनके पास कोई फैसिलिटीज नहीं है वो अभी भी ट्रैप्ड है एट द बॉटम उनको कमपीट करना पड़ता है अमीर आजादों के साथ लेकिन वो कमट नहीं कर पाते क्यों भाई 15 करोड़ कमाए हैं जजेस ने अगर रिजर्वेशन में सीट नहीं भी मिलेगी वो 15 करोड़ में से कोई ना कोई पैसे देकर वो फिर निकल जाएंगे। गरीब तो गरीब ही रहा। ये अनकंफर्टेबल क्वेश्चन है। लेकिन नेसेसरी है लेकिन कोई बात करेगा नहीं इसके ऊपर। लेकिन एक चीज क्लियर है कि ये डिबेट अब मैंने शुरू की है इसीलिए कि कुछ तो बोलेगा। किसी जगह तो बात पहुंचेगी क्योंकि गवई ने तो दरवाजा खोल दिया क्योंकि खुद बाहर निकल रहे हैं। और उसके बाद हम आपस में लड़ते रहेंगे। अब ये पार्लियामेंट के ऊपर छोड़ दिया कि पार्लियामेंट रूल बनाएगा तो हम कर लेंगे। दैट मींस जातेजाते भी एक पॉलिटिकल स्टेटमेंट दे गए कि किसी तरीके से बीजेपी की गवर्नमेंट गिर जाए। स्टेट गवर्नमेंट्स हैं, पॉलिटिकल पार्टीज हैं वो इस अनकंफर्टेबल क्वेश्चन को टच ही नहीं करना चाहती। कॉन्स्टिट्यूशन 75 साल पुराना है। लेकिन ये टॉपिक रिजर्वेशन का ये बिगेस्ट टेस्ट होगा हमारी लाइफ का। राम मंदिर 370 आपने खत्म कर दिया। वो भी बहुत बड़े टेस्ट थे। लेकिन उससे बड़ा टेस्ट है रिजर्वेशन का टाइम। इसका इसका अमेंडमेंट और इसे रिफाइन करना अब नीड ऑफ द आर है। 90% लोग रिजर्वेशन के थ्रू ऊपर आ रहे हैं और गवर्नमेंट उसे टच नहीं करना चाहती। पॉलिटिकल मजबूरी है।
मुझे लगता है एक ही काम हो सकता है। जब कंट्री के अंदर इमरजेंसी लगाई जाएगी तभी ये चेंज चीजों को चेंज किया जा सकता है। अदरवाइज नोबडी विल लाइक टू किल देयर पॉलिटिकल करियर। आप क्या सोचते हैं? क्या बीजेपी के अंदर या कोई और पार्टी कोई भी भारत में क्या इसको टच कर सकती है? क्या भारत का फ्यूचर रिजर्वेशन के बेसिस पे खड़ा है? क्या इसके ऊपर कोई इवन बात भी करना चाहता है? ये हॉटेस्ट डिबेट होनी चाहिए भारत के अंदर। ताकि जो जो वाकई में डिर्व करते हैं उनको चीजें उनको फैसिलिटीज मिले।
हम रिजर्वेशन नहीं मांगते।क्योंकि हमने कभी रिजर्वेशन मांगा ही नहीं। इसीलिए क्योंकि हम अपनी मेहनत से काम करना जानते हैं और जहां पर रिजर्वेशन आ गया आप देख लीजिए गंदगी कितनी है। ये बाबू लोग जो पैसे देकर रिजर्वेशन के थ्रू ये ऊपर पहुंच जाते हैं। काम ही नहीं करते। जो इस इस स्यापे को इस प्रॉब्लम को सॉल्व करना है अगर तो गवई साहब ने बोला है एससी एसटी के अंदर भी जो क्रीमी लेयर है इसको आप खत्म कर दीजिए। उसके बाद 75% जो लोग रिजर्वेशन के अंदर है वह लिस्ट से बाहर निकल जाएंगे। प्रॉब्लम सॉल्व फॉर एवर। आपको रिजर्वेशन खत्म करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ जो डिर्व नहीं करते उनको बाहर निकाल दीजिए। एंड भारत वाकई में सोने की चिड़िया बन सकता है। वेयर एवरीबॉडी विल बी टेकिंग रिससिबल रिसोंसिबिलिटी ऑफ देयर वर्क। और आज की डेट में क्या हो रहा है? नोबडी वांट्स टू वर्क। आईआईटी के जो बच्चे हैं वो सिर्फ इसलिए बनते हैं वहां पर कि हमें अमेरिका में मोटी सी बड़ी सी जॉब मिल जाएगी। बस भारत के लिए कोई कुछ नहीं करना चाहता।और आपको बोलते हैं कि रिजर्वेशन के थ्रू आप देश को आगे ले जाएंगे। ये पिछड़ा वर्क ऊपर निकल जाएगा। ऊपर निकल के क्या कर रहे हैं? वो बॉम्ब बना रहे हैं। वो आपको इंजेक्शन दे रहे हैं ताकि आपकी मौत हो जाए। आपके बच्चे पैदा ना हो। वो पढ़ लिखकर रिजर्वेशन वाले यह काम कर रहे हैं और हम उनको करने दे रहे हैं अपने टैक्स मनी से। हमारे टैक्स मनी से यह लोग ऊपर आए और ऊपर आकर हमारे ही गले काट रहे हैं। इससे बड़ा बेवकूफ कम्युनिटी मैंने तो इस जिंदगी में देखी नहीं है। आई होप द गवर्नमेंट सीज़ दिस कि जो गवाही साहब ने जाते-जाते किया है। काम होगा 10 साल में लेकिन डिस्कशन तो शुरू कीजिए।
Jai Hind Jai Bharat
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