देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया सर संचालक मोहन भागवत को लेकर एक बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है और एक बड़ी खबर भारतपाकिस्तान के तनाव को लेकर भी सामने आ रही है। ये दोनों खबरें मैं एक-एक करके आपके सामने रखूंगा क्योंकि इन दोनों खबरों का जो केंद्र बिंदु है वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आधिकारिक आवास सात लोक कल्याण मार्ग है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब से 30 मार्च को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया से मिलकर आए उसके बाद से ही कई तरह के बदलाव यानी भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर मोदी सरकार में फेरबदल को लेकर कई तरह के फार्मूलों पर बातचीत शुरू हो गई थी और अचानक यह बातचीत थम गई। उसके बाद फिर एक तरह से रस्साक-कस्सी की स्थिति आ गई। फिर एक तरह से संवादहीनता की स्थिति आ गई और दोनों ही पक्षों ने एक तरह से अपने-अपने बयान से तलवार निकाल ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव एक बार फिर से टल गया। अब इस बात की भी संभावना बहुत कम नजर आ रही है कि मई के पहले सप्ताह में भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो पाएगा। और ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अंतिम दौर की बातचीत करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया सर संचालक मोहन भागवत खुद नरेंद्र मोदी के आवास पर पहुंच गए। सूत्रों की मानें, सूत्र यह बता रहे हैं, सूत्र यह बता रहे हैं कि मोहन भागवत अपने साथ संघ के कई अन्य बड़े नेताओं को भी ले गए थे और मोहन भागवत के नेतृत्व में संघ के बड़े नेताओं का काफ़िला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास सात लोक कल्याण मार्ग पर पहुंचा। प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि इस बैठक के बाद अलग से भी मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई और यह पूरी मुलाकात जो है लगभग आधे घंटे तक चली|मैं इसको फाइनल राउंड का मुलाकात क्यों कह रहा हूं क्योंकि इससे पहले 30 मार्च को लगभग लगभग सब कुछ तय हो चुका था। अचानक उसमें एक ब्रेक लग गया।मैंने आपको बताया था कि अब बिल्कुल हालत वैसे हो गए हैं कि मोहन भागवत प्रधानमंत्री आवास जाएंगे और अगले राउंड की जो बातचीत होगी वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर होगी और आज सात लोक कल्याण मार्ग जो कि देश के प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास है वहां पर मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई है। सूत्रों की माने तो इस मुलाकात में लगभग जो 30 मार्च को तय हुआ था मोटे तौर पर वही तय हो गया है।
अब आने वाले दिनों में बहुत जल्द हो सकता है कि 13/ 14 मई से पहले भारतीय जनता पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाए। हालांकि नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन मिलेगा।अभी इसके नामों को लेकर कई तरह के सवाल कई तरह के संशय हैं। लेकिन मोटे तौर पर एक सहमति इस बैठक में बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब पार्टी के अन्य नेताओं के साथ विचार विमर्श करेंगे। यानी अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा इन नेताओं के साथ विचार विमर्श करेंगे। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण विचार विमर्श जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का होगा वो देश के गृह मंत्री अमित शाह के साथ होगा। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में राजनाथ सिंह की भूमिका भी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। अभी हाल ही में जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी संगठन और सरकार के कामकाज को लेकर जो बैठक बुलाई थी, उसमें बीएएल संतोष के साथ-साथ अमित शाह के साथ-साथ राजनाथ सिंह भी शामिल हुए थे। तो राजनाथ सिंह की भी एक बहुत अहम भूमिका रहने वाली है। उसके बाद पार्टी संगठन में किस तरह का बदलाव किया जाएगा वो पार्टी के नए राष्ट्रीय मुखिया नए राष्ट्रीय अध्यक्ष तय करेंगे।
लेकिन इससे भी बड़ी खबर मैं आपको बता दूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट से कई मंत्रियों की छुट्टी होने के फार्मूले पर भी एक तरह से मोहर लग गई है मोदी और भागवत की मुलाकात में। यानी इस मुलाकात के यानी जो फाइनल राउंड की जो बातचीत हुई है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया सर संघ चालक के बीच में इसमें जिन मुद्दों पर सहमति बनी है उनमें सबसे पहला और सबसे बड़ा मुद्दा है भारतीय जनता पार्टी को अगला नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने जा रहा है और जो नया राष्ट्रीय अध्यक्ष होगा वो जेपी नड्डा की तरह यसमैन नहीं होगा। यानी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी मर्जी से पार्टी का एक नया संगठन खड़ा करेगा और वर्तमान तमाम जो भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में मठाधीश बनकर बैठे हुए हैं उन नेताओं की छुट्टी होगी। नए और युवा नेताओं को पार्टी के राष्ट्रीय संगठन में लाया जाएगा। यह लगभग-लगभग तय हो गया है। और दूसरी बात जो एक प्रक्रिया शुरू हो गई थी 30 मार्च की मुलाकात के बाद कि नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार होना शुरू हो गया था। उस प्रक्रिया में और ज्यादा तेजी लाई जाएगी और उस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर मोदी सरकार के कई मंत्रियों को संगठन में कामकाज के लिए भेजा जाएगा और मोदी सरकार के कई मंत्रियों को घर बिठा दिया जाएगा। उसमें से कुछ मंत्रियों को राजभवन भेजा जा सकता है राज्यपाल बनाकर। लेकिन कुल मिलाकर नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में एक बड़ी छटनी होने वाली है।
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