नमस्कार दोस्तों पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक बहुत बड़ा फैसला हुआ क्या आपने यह फैसला देखा क्या कहीं नहीं दिखा होगा आपको कि यह फैसला क्या है और इस फैसले को दिखाऊंगा जब तब आपको बहुत सारे सवाल आपके मन में खड़े हो जाएंगे उन सवालों का भी मैं जवाब दूंगा पहले तो फैसला बताऊंगा फिर उन सवालों के जवाब दूंगा और आपके मन में जो सवाल उठेंगे वह भी बता देता हूं क्या सुप्रीम कोर्ट कहीं गहरे दबाव में है आखिर सुप्रीम कोर्ट इतना चिंतित क्यों है आखिर सुप्रीम कोर्ट के भीतर जो दस्तावेजों को लेकर ही काम करते हैं उनमें इतनी संवेदना कैसे भर गई है सुप्रीम कोर्ट क्या कहीं डरा हुआ है देखिए यह सवाल जब मैं आपसे पूछ रहा हूं ना तो उसके पीछे एक तथ्य आपको दिखाने वाला हूं दोस्तों बड़े गौर से समझिएगा और साथ ही दोस्तों इस सवाल का भी जवाब दूंगा अभी क्या एक नैरेटिव खड़ा हो गया आप जानते हैं जो लेफ्ट लिबरल गैंग है वह सवाल पूछ रहा है कि भाई जब सुरक्षा गृह मंत्रालय के अंतर्गत है जब जम्मू कश्मीर की सुरक्षा राज्यपाल से निर्देशित होती है तो फिर इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई जिस पहलगाम में सदमे में थे क्योंकि अब मैं यह खबर आपको क्या बताऊं कि वहां दो आतंकी मारे गए यहां दो आतंकी ढेर हो गए पहलगाम में 1500 से ज्यादा लोग पूरी घाटी में हिरासत में लिए गए कई आतंकवादी मार दिए गए सरगना घेर लिया गया टॉप आतंकी यह सब तो आप न्यूज़ में देख ही लेंगे दोस्तों मैं तो कुछ और दिखाना चाहता हूं लेकिन एक और विजुअल दिखाता हूं पहलगाम की पहलगाम में जानते हैं कई दशकों में यह मुर्दनी शांति छाई हुई है सब कुछ बंद अपने आप बंद कुछ घंटे में हजारों सैलानी हजारों हिंदू बल्कि बोलिए सीधे वो घाटी छोड़कर वापस चले आए सब कुछ छोड़ दिया
भारी संख्या में हवाई जहाज भी लगाया गया कि वापस चलो इनको आना है ले आओ अब देखिए यहां पर लोग सफल भी हो गए जो लोग सवाल उठाते हैं ना कि रोजगार नहीं है यह नहीं है इसका दोषी कौन है यही लोग हैं यही आतंकी है दोस्तों मैं तो आपको सुप्रीम कोर्ट की कहानी सुनाना चाहता हूं लेकिन उस कहानी से पहले एक चार विंडो देख लीजिए और तब आपको जो मैं जहां लेकर जाना चाहता हूं आपको समझ में आएगा कि आखिर क्यों यह महत्वपूर्ण है यह लेफ्टिनेंट विनय नरवाल 3 साल पहले इंडियन नेवी जॉइ की थी पोस्टिंग कोच्ची में थी अभी शादी हुई थी घूमने गए थे पहलगाम पूछ लिया कौन से धर्म के हो यह नहीं पूछा कौन से जात के हो भाई पूछा धर्म क्या है तेरा और जब पता चल गया हिंदू हैं तो गोलियों से भून दिया गया यह है कहानी अब आपको मैं असली कहानी पर लेकर आता हूं दोस्तों भारत के इतिहास में मुझे याद नहीं है अगर आप लोगों में से किसी को भी याद हो मैंने तो बहुत रिसर्च कर लिया मुझे नहीं मिला बहुत बड़ा फैसला बता रहा हूं आप जानते हैं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ है ना उसके मृतकों को श्रद्धांजलि दी ठीक 1:59 पर दोपहर में कल की बात बता रहा हूं एक सायरन बजा और सायरन बजते ही सभी न्यायाधीश अधिवक्ताओं वादियों सभी ने खड़े होकर दो मिनट का मौन रखा श्रद्धांजलि दी अभी तो आपको पहलगाम में दिखा रहा था ना पहलगाम अपने आप बंद है खोल के भी क्या करेंगे दुकान मार के भगा दिया भाई हिंदुओं को यह सुप्रीम कोर्ट है दोस्तों बहुत बड़ा फैसला है
और क्यों है यह भी मैं आपके सामने रखने वाला हूं भारत के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट में किसी आतंकी हमले पर जो मेरी जानकारी है श्रद्धांजलि दी गई अगर इससे पहले दी गई हो मुझे बताइएगा मैंने तो रिसर्च कर लिया और उसके बाद सर्वस्मति से सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई है सर्वोच्च न्यायालय ने एक बयान जारी कहा है अब देखिए क्यों महत्वपूर्ण है मान लीजिए कहीं आतंकवादी हमला हो जाए सुप्रीम कोर्ट जाइएगा तो सुप्रीम कोर्ट में तो पट्टी बंधी होती है ना यही तो कानून की परिभाषा है कि उसके सामने सब बराबर होते हैं आप बोलेंगे यार इसने हत्या कर दी बोलेगा दिखाओ सबूत सबूत नहीं है तो वो बरी हो जाएगा यहां सुप्रीम कोर्ट एक बयान जारी करता है सुनिए क्या कहा है इस अमानवीय और निर्मम हिंसा के कृत ने सभी की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है और यह आतंकवाद की बर्बरता और अमानवीयता की याद दिलाता है न्यायालय ने कहा है यह भारतीय सर्वोच्च न्यायालय उन निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिनकी जान निर्दयता से और असमय ले ली गई साथ ही शोकाकूल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता है ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हो इस अकल्पनीय दुख की घड़ी में राष्ट्र पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ खड़ा है
No comments:
Post a Comment